बीकानेर. राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशों पर
समायोजित शिक्षकों के पेंशन प्रकरण में शिक्षा निदेशालय ने राज्य सरकार से
दिशा-निर्देश मांगें हैं। इस मामले में न्यायालय के आदेश के बाद भी
राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम १९९६ के तहत लाभ देने के निर्देश जारी
नहीं किए गए हैं।
मंगलवार को राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले
शिक्षक माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मिले। शिष्टमंडल ने आग्रह किया कि विभाग
राजस्थान ग्रामीण शिक्षा सेवा में समायोजन के बाद भविष्य निधि की ६ प्रतिशत
ब्याज सहित राशि के चेक जमा कर ले। हालांकि शिक्षा निदेशक ने शिक्षकों को
चेक लेने की सहमति दे दी।
बाद में विधि सलाहकार एवं वित्तीय सलाहकार से परामर्श के बाद राज्य
सरकार के मार्गदर्शन पर निर्णय करने की बात कही। मंगलवार को शिक्षकों ने
निदेशालय पर प्रदर्शन किया तथा पार्क में बैठक कर अगली कार्य योजना बनाई।
इसी मामले में जयपुर उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने राज्य सरकार के पक्ष
में फैसला दिया। इस प्रकरण में राज्य सरकार ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के
वित्तीय सलाहकार ब्रह्म दत्त शर्मा को ओआईसी बनाया है। ओआईसी ने बताया कि
इस प्रकरण में बेंच के अलग-अलग निर्णय के चलते राज्य सरकार से दिशा-निर्देश
मांगे गए हैं। वैसे सर्वोच्च न्यायालय में राज्य सरकार ने अपील लगाई है।
अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल की नियुक्ति प्रक्रिया में है। इसलिए अंशदान के चेक
नहीं लिए जा रहे हैं।
चेक पर असमंजस
सोसायटी के अध्यक्ष सरदार सिंह
बुगालिया ने कहा कि अंशदान के चेक शिक्षा विभाग को लेने चाहिए। अगर निर्णय
शिक्षकों के खिलाफ होता है तो चेक लौटा दिए जाएं। वहीं ओआईसी का कहना है कि
चेक विभाग बिना राज्य सरकार के निर्देश के खातों में जमा नहीं करवा सकता।
ऐसे में चेक लेने का कोई औचित्य नहीं है।
शिक्षकों की निदेशालय पर नारेबाजी
बीकानेर. राजस्थान वरिष्ट शिक्षक संघ (रेस्टा) के बैनर
तले प्रदेश सभाध्यक्ष मोहरसिंह सलावद व कर्मचारी महासंघ जिलाध्यक्ष जयकिशन
पारीक व शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेश सभाध्यक्ष गुरुचरणसिंह मान के
नेतृत्व में शिक्षक भर्ती 2008, 12, 13 के शिक्षकों ने प्रारंभिक शिक्षा
निदेशालय पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
इसके बाद अतरिक्त निदेशक असलम मेहर को निदेशक के नाम ज्ञापन दिया। सलावद
ने ज्ञापन में बताया कि उच्च न्यायालय ने निदेशक प्रारंभिक को आदेश जारी
कर शिक्षक भर्ती में वरिष्ठता जारी करने का आदेश दे दिया। निदेशक ने कुछ
शिक्षको के आदेश जारी कर दिए व काफी शिक्षक शेष रह गए, जिससे शिक्षकों में
रोष है। देवेंद्रसिंह शेखावत, विजेंद्र पुनिया, हरिओम मीना, मधु मीना,
रामेश्वर बिश्नोई, सुमन कुमारी, पलविंद्र कोर, दीपा स्वामी, मधु हटेला,
सुभाष चंद्र आदि शिक्षक मौजूद रहे।
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