मार्च में पहली बार पीडी हैड के शिक्षकों का वेतन आहरण के लिए जिम्मेदार पीईईओ की उदासीनता के कारण अभी तक जिलेभर के करीब 2 हजार शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाया है। इससे लगभग हर तीसरे शिक्षक के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। अब तक वेतन बनाने की व्यवस्था बीईईओ की होती थी, लेकिन पिछले दिनों राज्य सरकार ने यह जिम्मा पीईईओ को दे दिया। पीईईओ ने जैसे-तैसे एक दो महीने का वेतन बना दिया, लेकिन जैसे ही वेतन के बिलों में तकनीकी इश्यू आया तो सारी व्यवस्थाएं चौपट हो गई। दरअसल इस महीने शिक्षकों की एसआई व पीएफ की कटौतियां रिवाइज हो रही हैं। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार वेतन बिल बनाने का काम पीईईअो का रहता है। पीईईओ इन बिलों को बीईईओ के यहां स्वीकृति के लिए भेजता है और बीईईओ के यहां से बिल ट्रेजरी कार्यालय जाते हैं तब पैसा शिक्षकों के खातों में आता है। यहां दिक्कत यह आ रही है कि अप्रैल बीतने को है, लेकिन कई पीईईओ के यहां से अभी तक बिल ही नहीं बनाए गए हैं। ऐसे शिक्षकों को वेतन के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल पीईईओ को बिल के साथ एक चेकलिस्ट भी बीईईओ को देनी है जिसमें शिक्षक की कटौतियां का पूरा ब्यौरा रहता है। उसी के अनुसार बीईईओ कटौती करते हुए बिल आगामी स्तर पर भेजता है। पीईईओ अभी यह लिस्ट ही नहीं बना पा रहे हैं।
तीन बिंदुओं से समझें कि कैसे जिम्मेदारी टाली जा रही है
1 पीईईओ -प्रत्येक ब्लॉक में लगभग 20 से 25 फीसदी शिक्षकों के बिल ही बीईईओ तक चेक लिस्ट के जरिए दे पाए हैं। जहां चेक लिस्ट नहीं दी है वहां बीईईओ ने स्वयं के स्तर पर कार्रवाई पूरी कराकर बिल ट्रेजरी भेजे हैं। पीईईओ के अधीन लगभग 10 स्कूल हैं। देरी के कारण सरकार की किरकिरी भी हो रही है, लेकिन कोई परवाह नहीं है।
2 डीईओ माध्यमिक- पीईईओ डीईओ माध्यमिक प्रथम व द्वितीय के अधीन आते हैं। ऐसे में उन पर पूरा नियंत्रण इन दो अधिकारियों का रहता है। इन दोनों ही अधिकारियों को परवाह नहीं है कि प्रारंभिक शिक्षा में पीईईओ के कारण अभी तक वेतन नहीं मिल पाया है। दोनों अधिकारियों ने अभी तक नहीं पूछा कि वेतन आहरण की क्या स्थिति है। जबकि सरकार वेतन के इश्यू के लेकर गंभीर है।
3 बीईईओ- वेतन आहरण के अधिकार पीईईओ के पास चले जाने के बाद से ही लगभग नगण्य भूमिका में हैं। मजबूरी है कि पीईईओ को आदेश नहीं दे सकते। लगभग समान ग्रेड के अधिकारी होने के कारण आपस में तालमेल का बड़ा इश्यू है।
शिक्षकों की परेशानियां इस तरह की
वेतन नहीं मिल पाने के कारण शिक्षकों को होम लोन कि किश्तों को आगामी तारीखों के लिए टालना पड़ रहा है। यही नहीं कई शिक्षकों को इसका जुर्माना भी देना पड़ा है। इसके अलावा एडमिशन सीजन होने के कारण बच्चों की फीस, किताबों, ड्रेस का खर्चा मतलब पूरा बजट फिलहाल गड़बड़ाया हुआ है। इस तरह शिक्षकाें को परेशानी हो रही है।
इस महीने कटौती का इश्यू था तो पीईईओ के यहां से मेरे पास बिल ही करीब 15-16 अप्रैल को आए थे। उनमें कमियां थी तो शिक्षकों को बुलाकर पूरा कराया था। उम्मीद है एक-दो दिन में वेतन शिक्षकों के खातों में पहुंच जाएगा। भजनलाल, बीईईओ उमरैण
पीडी हैड के शिक्षकों का वेतन का इश्यू है। पीईईओ बिल नहीं देंगे तो आगे कैसे भेजें? पीईईओ चेकलिस्ट के जरिए हमें बताता है कि किस शिक्षक की क्या कटौती होनी है। ब्लॉक में अभी 50 शिक्षकों का वेतन ही जारी हो पाया है। रमेश शर्मा, बीईईओ तिजारा
वेतन को लेकर सरकार की व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। पीईईओ न तो बीईईओ की सुन रहे और न ही डीईओ। जिले में कोई सिस्टम नहीं है। शिक्षक परेशान हैं। 3 दिन में व्यवस्थाएं नहीं सुधरी तो शिक्षक संगठन आंदोलन करेंगे। मूलचंद गुर्जर, प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ
मैने शुरुआत से ही पीईईओ को आदेश दिए थे। कर्मचारी को वेतन समय से मिले यह सरकार की पहली प्राथमिकता है। यदि पीईईओ ने दो दिन में वेतन आहरण का कार्य नहीं निपटाया तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अरुणेश सिन्हा, डीईओ माध्यमिक प्रथम
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