राजस्थान विश्वविद्यालय में 2014 में राजस्थान राजकीय महाविद्यालयों से
नौकरी छोड़ कर भर्ती प्रक्रिया के पूरे चैनल से सिलेक्ट हुए करीब 40
असिस्टेंट प्रोफेसर्स को आज तक पे-प्रोटेक्शन, पे फिक्सेशन और इंक्रीमेंट
का लाभ नहीं दिया गया है। विवि प्रशासन 4 साल से इन शिक्षकों को लाभ देने
वाले मामले में सिंडिकेट से दो कमेटियां तक गठित कर चुका है, लेकिन इसके
बावजूद इन्हें लाभ से वंचित किया जा रहा है।
खास बात है कि यह लाभ शिक्षकों
को देने के लिए 2014 भर्ती विज्ञापन में कहा था और अब तक शिक्षकों के लाभ
को फाइलों में ही उलझा कर रख दिया है। विवि के सिंडिकेट सदस्य और शिक्षकों
के इन लाभ देने के लिए गठित कमेटी के कनवीनर भी इस बात को स्वीकार कर रहे
हैं कि शिक्षकों को यह लाभ मिलना ही चाहिए।
विवि में 2014 में राजस्थान राजकीय महाविद्यालयों से आए सभी शिक्षकों
को उनका पे प्रोटेक्शन, फिक्सेशन और इंक्रीमेंट देने का वादा किया गया था,
जिसे तत्कालीन कुलपति डा देव स्वरूप ने इंक्रीमेंट लगा कर पूरा भी किया था।
इसके बाद से ही अन्य किसी कुलपति ने इन शिक्षकों को इंक्रीमेंट व अन्य लाभ
नहीं दिए। 39 ऐसे असिस्टेंट प्रोफेसर्स हैं जो 2014 में अन्य राजकीय
महाविद्यालयों से नौकरी छोड़ आरयू में सिलेक्ट हुए थे। शिक्षकों ने इस
संबंध में 2014-15 में आरयू कुलसचिव को लगाई आरटीआई में भी विवि प्रशासन ने
माना था कि इन शिक्षकों को वेतन लाभ तथा पे प्रोटेक्शन करने की बात
स्वीकार की थी। जिसके बाद से ही इन्हें अपने हक की लड़ाई लड़ने को मजबूर
होना पड़ रहा है। शिक्षकों हर साल लगने वाले इंक्रीमेंट से वंचित होने के
कारण प्रति माह 6 से 10 हजार रुपए तक वेतन कम मिल रहा है। का कहना है कि
विवि ने भर्ती विज्ञापन में बताए इन लाभों से हमें वंचित कर रखा है, जिससे
मानसिक रूप से पीड़ित हो गए हैं।
नोटिफिकेशन में दिया था और लाभ मिलना ही चाहिए- कमेटी कनवीनर
पे-प्रोटेक्शन, इंक्रीमेंट व अन्य वेतन लाभ के लिए सिंडिकेट के सबसे
वरिष्ठ सदस्य के नेतृत्व में 2017 में गठित कमेटी के कनवीनर डॉ. संतोष
पांडेय ने कहा कि नोटिफिकेशन में यह लाभ देने की बात कही गई थी और
गवर्नमेंट रूल्स में भी है तो हक मिलना चाहिए। इस सप्ताह कमेटी बैठक बुलाई
जाएगी और अगली सिंडिकेट मीटिंग में कमेटी की रिपोर्ट सब्मिट करेंगे।
कमेटी कनवीनर डॉ. पांडेय बोले- भर्ती विज्ञापन और नियमों में भी है तो लाभ मिलना चाहिए
शिक्षक सुविधाओं के कानूनन हकदार, अविलंब लाभ मिले : महला
राजस्थान विवि सिंडिकेट में शिक्षक प्रतिनिधि डॉ. ओम महला का कहना
है कि यह शिक्षक इन सुविधाओं के कानून हकदार हैं इसलिए अविलंब इनको यह लाभ
दिया जाए। डा महला ने कहा कि लगभग तीन वर्ष से इन शिक्षकों का पे
प्रोटेक्शन और वेतन वृद्धि जारी करने के बारे में समय-समय पर सिंडिकेट की
बैठकों एवं विवि प्रशासन को अवगत करवाया है, लेकिन फिर भी इन शिक्षकों को
इनके हक से वंचित करना घोर अन्यायपूर्ण है। किसी भी संस्था में शिक्षकों की
भर्ती के समय जारी विज्ञापन की सेवा शर्तों के अनुरूप उनको वेतन भत्ते एवं
सुविधाएं नहीं देना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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