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स्कूलों के निजीकरण का विरोध,शिक्षक,ग्रामीणों,व अभिभावकों ने किया ये ऐलान

सीकर. प्रदेश में 300 स्कूलों को पीपीपी मॉडल देने के विरोध में सीकर जिले में ग्रामीणों के साथ बेरोजगारों का विरोध बढ़ता जा रहा है। शिक्षानगरी के युवाओं ने प्रदर्शन कर सवाल किया कि जब सरकारी स्कूल ही नहीं रहेंगे तो सरकार रीट के जरिए 35 हजार शिक्षकों की भर्ती कैसे करेगी।
वहीं जिले के कई गांवों में अभिभावकों ने निजीकरण के विरोध में धरना शुरू कर दिया है। पीपीपी मॉडल में सीकर जिले के 13 स्कूल शामिल है। इधर, शिक्षक संगठनों ने भी पीपीपी मॉडल के विरोध में आर-पार की लड़ाई लडऩे का ऐलान किया है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि निर्णय वापस नहीं लेने तक आंदोलन जारी रहेगा।

तीन हजार से अधिक पदों पर संकट
पीपीपी मॉडल पर देने से प्रदेशभर में लगभग तीन हजार से अधिक शिक्षकों के संकट भी खड़ा हो गया है। सीकर में विभिन्न जिलों से रीट की तैयारी करने आए युवाओं ने बताया कि एक तरफ सरकार रीट के जरिए 35 हजार पदों की भर्ती का दावा कर आवेदन ले रही है। स्कूलों को लगातार निजीकरण की राह पर ले जा रही है।

सांवलोदा लाडखानी में धरना
राजकीय माध्यमिक विद्यालय सांवलोदा लाडखानी को पीपीपी मॉडल पर देने के विरोध में अभिभावकों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। संघर्ष समिति के संयोजक सुमेर सिंह शेखावत ने बताया कि ग्रामीणों की मांग नहीं माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। वक्ताओं ने कहा कि विद्यालय का सम्पूर्ण भवन भामाशाह व ग्रामीणों के जन सहयोग से तैयार हुआ है। शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अधिकारी भौतिक सत्यापन के लिए गांव पहुंची।
इसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीण विद्यालय के सामने एकत्रित हो गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर शलसिंह शेखावत, पूर्णसिंह शेखावत, मदनलाल जांगिड़, राजेन्द्र जांगिड़, भागीरथमल शर्मा व जालूराम जांगिड़ सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।

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