जोधपुर/जयपुर | हाईकोर्टने शिक्षक भर्ती-2013 के लेवल द्वितीय में इस साल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चयनित हुए प्रार्थी आरक्षित वर्ग के
अभ्यर्थियों को वरिष्ठता वेतन फिक्सेशन सहित अन्य सेवा परिलाभ देने का
निर्देश दिया है।
न्यायाधीश वीएस सिराधना ने यह आदेश सुमन अन्य की याचिकाओं पर दिया। अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि प्रार्थियों के आरटेट में 55% से कम अंक थे जिस कारण उन्हें पूर्व में नियुक्ति नहीं मिल पाई। उन्हें अक्टूबर में राज्य सरकार ने जिला परिषदों में नियुक्तियां तो दीं लेकिन उन्हें पूर्व में नियुक्त उनके समकक्ष शिक्षकों के समान वरिष्ठता अन्य सेवा परिलाभ नहीं दिया। इसके अलावा उनका परीवीक्षा काल भी पूर्व नियुक्त अभ्यर्थियों के साथ ही माना जाए। प्रार्थियों ने कहा कि अदालत में मामला लंबित होने के कारण वे पूर्व में नियुक्ति से वंचित रहे हैं और देरी से नियुक्ति के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। इसलिए उन्हें भी पूर्व में नियुक्त शिक्षकों के समान वरिष्ठता सेवा परिलाभ दिलवाए जाएं। अदालत ने प्रार्थियों की दलीलों से सहमत होकर उन्हें भी वरिष्ठता सहित अन्य सेवा परिलाभ देने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश वीएस सिराधना ने यह आदेश सुमन अन्य की याचिकाओं पर दिया। अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि प्रार्थियों के आरटेट में 55% से कम अंक थे जिस कारण उन्हें पूर्व में नियुक्ति नहीं मिल पाई। उन्हें अक्टूबर में राज्य सरकार ने जिला परिषदों में नियुक्तियां तो दीं लेकिन उन्हें पूर्व में नियुक्त उनके समकक्ष शिक्षकों के समान वरिष्ठता अन्य सेवा परिलाभ नहीं दिया। इसके अलावा उनका परीवीक्षा काल भी पूर्व नियुक्त अभ्यर्थियों के साथ ही माना जाए। प्रार्थियों ने कहा कि अदालत में मामला लंबित होने के कारण वे पूर्व में नियुक्ति से वंचित रहे हैं और देरी से नियुक्ति के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। इसलिए उन्हें भी पूर्व में नियुक्त शिक्षकों के समान वरिष्ठता सेवा परिलाभ दिलवाए जाएं। अदालत ने प्रार्थियों की दलीलों से सहमत होकर उन्हें भी वरिष्ठता सहित अन्य सेवा परिलाभ देने का निर्देश दिया।
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