भास्कर संवाददाता | चित्तौड़गढ़ तृतीयश्रेणी अध्यापक सीधी भर्ती-2013 में गड़बड़झाला सामने आया है।
जिसके अनुसार जिला परिषद द्वारा गणित/विज्ञान की मेरिट में अंतिम कट आफ से
कम अंक प्राप्त अभ्यर्थियों का भी चयन कर लिया गया। जिससे पात्र अभ्यर्थी
वंचित रह गए।
प्रदेश में शिक्षकों की कमी पूर्ति के लिए सरकार ने 2013 में जिला परिषदों के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती निकाली थीं। चित्तौड़गढ़ जिले में 339 पदों पर भर्ती निकाली गई। इसमें प्रथम स्तर (कक्षा एक से पांचवीं तक) 239 एवं द्वितीय स्तर (कक्षा छह से आठवीं तक) में विविध विषयों के 100 पद थे। अक्टूबर 2013 में परीक्षा हुई। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट सूची जारी करते हुए नौकरी देने का सिलसिला शुरू हुआ था। आरटेट में 60 फीसदी से कम अंक वाले कई अभ्यर्थी वंचित रह गए थे। इससे मामला हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट का फैसला अभ्यर्थियों के पक्ष में अक्टूबर 2016 में आया। जिला परिषद ने दो बार संशोधित सूची जारी की, लेकिन कई पात्र अभ्यर्थियों को छोड़ दिया था।
एेसे पकड़ में आया गड़बड़झाला
तृतीयश्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा 2013 के गणित-विज्ञान वर्ग में सामान्य वर्ग की मेरिट 144.91 अंक पर एवं सामान्य महिला वर्ग की मेरिट 144.11 अंक पर रोकी गई थी। अभ्यर्थी छोटीसादड़ी के महेश कुमावत ने सूचना मांगी। इसमें सामान्य वर्ग में दो अभ्यर्थियों को गलत तरीके से भर्ती करने का मामला सामने आया। इनमें से एक अभ्यर्थी के 143.10 तथा दूसरे अभ्यर्थी के 141.13 अंक ही है। इसी प्रकार सामान्य महिला वर्ग में 141.42 अंक वाली अभ्यर्थी को भी नियुक्ति दे दी गई। महेश कुमावत ने बताया कि सामान्य वर्ग में कम अंक प्राप्त अभ्यर्थियों काे नियुक्ति दे दी गई।
प्रदेश में शिक्षकों की कमी पूर्ति के लिए सरकार ने 2013 में जिला परिषदों के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती निकाली थीं। चित्तौड़गढ़ जिले में 339 पदों पर भर्ती निकाली गई। इसमें प्रथम स्तर (कक्षा एक से पांचवीं तक) 239 एवं द्वितीय स्तर (कक्षा छह से आठवीं तक) में विविध विषयों के 100 पद थे। अक्टूबर 2013 में परीक्षा हुई। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट सूची जारी करते हुए नौकरी देने का सिलसिला शुरू हुआ था। आरटेट में 60 फीसदी से कम अंक वाले कई अभ्यर्थी वंचित रह गए थे। इससे मामला हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट का फैसला अभ्यर्थियों के पक्ष में अक्टूबर 2016 में आया। जिला परिषद ने दो बार संशोधित सूची जारी की, लेकिन कई पात्र अभ्यर्थियों को छोड़ दिया था।
एेसे पकड़ में आया गड़बड़झाला
तृतीयश्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा 2013 के गणित-विज्ञान वर्ग में सामान्य वर्ग की मेरिट 144.91 अंक पर एवं सामान्य महिला वर्ग की मेरिट 144.11 अंक पर रोकी गई थी। अभ्यर्थी छोटीसादड़ी के महेश कुमावत ने सूचना मांगी। इसमें सामान्य वर्ग में दो अभ्यर्थियों को गलत तरीके से भर्ती करने का मामला सामने आया। इनमें से एक अभ्यर्थी के 143.10 तथा दूसरे अभ्यर्थी के 141.13 अंक ही है। इसी प्रकार सामान्य महिला वर्ग में 141.42 अंक वाली अभ्यर्थी को भी नियुक्ति दे दी गई। महेश कुमावत ने बताया कि सामान्य वर्ग में कम अंक प्राप्त अभ्यर्थियों काे नियुक्ति दे दी गई।
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