जयपुर। चार वर्षों में राज्य में आदर्श और स्वामी विवेकानंद विद्यालयों
को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया है। इसी तर्ज पर प्रदेश के
सभी विद्यालय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित होंगे व स्टेट एजुकेशन
रिसर्च ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना होगी।
साथ ही राजस्थान प्राथमिक शिक्षा परिषद और रमसा को एकीकृत किया जाएगा। राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर शुक्रवार को शिक्षा संकुल में मीडिया से संवाद के दौरान देवनानी ने यह बात कही।
सरकारी स्कूलों के पर्याप्त विकास के सरकारी दावे के बावजूद निजी स्कूलों के बढ़ते प्रभाव और इन पर लगाम संबंधी सवालों का देवनानी ठोस जवाब नहीं दे पाए। जवाब में कहा कि निजी स्कूलों की शिकायत मिलने पर उचित कार्यवाही करेंगे। वहीं, तीन स्कूलों पर कार्रवाई के लिए अनुशंषा भेजे जाने की बात कही। पाठ्यक्रम से रानी लक्ष्मीबाई जैसे पात्रों को हटाए जाने से देवनानी ने इनकार करते हुए कहा कि कुछ बातें हटाई है तो कुछ जोड़ी हैं।
आठवीं तक लर्निंग लेवल
प्रदेश के विद्यालयों में स्टार रैंकिंग शुरू की जाएगी। स्टाफ पैटर्न की समीक्षा की जा रही है। प्रयास होगा कि विद्यालय में छात्र अनुपात में सभी स्थानों पर समुचित शिक्षक पदस्थापित हों। उन्होंने संकेत दिए कि राजस्थान में आठवीं तक की कक्षाओं में भी विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण करने की व्यवस्था शुरू की जा सकती है। शैक्षिक गुणवत्ता के लिए कक्षा एक से 8 तक विद्यालयों में लर्निंग लेवल तय किए हैं। हाल ही आए राष्ट्रीय सर्वे में 18 वें स्थान पर रहने वाला राजस्थान आज चौथे स्थान पर आ गया है।प्राथमिक शिक्षा परिषद व रमसा का होगा एकीकरण
अब सेमेस्टर परीक्षा फॉर्म भरे जाएंगे ऑफलाइन
परीक्षा फॉर्म भरने में आ रही परेशानी को देखते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय फिर पुराने ढर्रे पर आता नजर आ रहा है। इस बार सेमेस्टर परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन नहीं भरकर ऑफलाइन भरे जाएंगे। एग्जामिनेशन प्लानिंग एंड मॉनिटरिंग कमेटी की शुक्रवार को हुई बैठक में फॉर्म भरने में आ रही परेशानी को देखते हुए यह निर्णय किया गया।
सेमेस्टर परीक्षा के फॉर्म १८ नवंबर से भरे जाने थे, छह दिन बाद भी साइट पर फॉर्म नहीं खुल रहे। अब छात्र साइट से परीक्षा फॉर्म का प्रोफार्मा डाउनलोड कर, उसे ऑफलाइन भरकर २७ नवंबर से विभाग में जमा करवा सकेंगे। उधर यूजी-पीजी पाठ्यक्रमों में फर्म ने १० नवंबर से फॉर्म भरने का कार्य शुरू किया था। फॉर्म भरने में आ रही परेशानी को फर्म ने १४ दिन बाद भी सही नहीं किया है। फर्म की इस गलती से विवि को फॉर्म भरने की तिथि लगातार बढ़ानी पड़ रही है।
अब आवेदन 30 तक
परीक्षा फॉर्म भरने में आ रही परेशानी को लेकर छात्रों ने प्रशासनिक भवन के बाहर प्रदर्शन किया। इसे देखते हुए राजस्थान विवि शुक्रवार शाम को यूजी एवं पीजी के परीक्षा आवेदन की तिथि बढ़ाई है। अब विद्यार्थी बिना विलम्ब शुल्क के ३० नवंबर तक और १०० रुपए विलम्ब शुल्क के साथ १२ दिसम्बर तक फॉर्म भर सकेंगे। वहीं, परीक्षा फॉर्म भरने में आ रही त्रुटि का समाधान नहीं करने पर शुक्रवार को विवि ने फर्म मालिक को नोटिस दिया है। फॉर्म भरने में आ रही त्रुटि का रविवार तक समाधान नहीं किया तो फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। ऐसा होता है तो फर्म को विवि को ५० लाख से अधिक का जुर्माना देना होगा।
साथ ही राजस्थान प्राथमिक शिक्षा परिषद और रमसा को एकीकृत किया जाएगा। राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर शुक्रवार को शिक्षा संकुल में मीडिया से संवाद के दौरान देवनानी ने यह बात कही।
सरकारी स्कूलों के पर्याप्त विकास के सरकारी दावे के बावजूद निजी स्कूलों के बढ़ते प्रभाव और इन पर लगाम संबंधी सवालों का देवनानी ठोस जवाब नहीं दे पाए। जवाब में कहा कि निजी स्कूलों की शिकायत मिलने पर उचित कार्यवाही करेंगे। वहीं, तीन स्कूलों पर कार्रवाई के लिए अनुशंषा भेजे जाने की बात कही। पाठ्यक्रम से रानी लक्ष्मीबाई जैसे पात्रों को हटाए जाने से देवनानी ने इनकार करते हुए कहा कि कुछ बातें हटाई है तो कुछ जोड़ी हैं।
आठवीं तक लर्निंग लेवल
प्रदेश के विद्यालयों में स्टार रैंकिंग शुरू की जाएगी। स्टाफ पैटर्न की समीक्षा की जा रही है। प्रयास होगा कि विद्यालय में छात्र अनुपात में सभी स्थानों पर समुचित शिक्षक पदस्थापित हों। उन्होंने संकेत दिए कि राजस्थान में आठवीं तक की कक्षाओं में भी विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण करने की व्यवस्था शुरू की जा सकती है। शैक्षिक गुणवत्ता के लिए कक्षा एक से 8 तक विद्यालयों में लर्निंग लेवल तय किए हैं। हाल ही आए राष्ट्रीय सर्वे में 18 वें स्थान पर रहने वाला राजस्थान आज चौथे स्थान पर आ गया है।प्राथमिक शिक्षा परिषद व रमसा का होगा एकीकरण
अब सेमेस्टर परीक्षा फॉर्म भरे जाएंगे ऑफलाइन
परीक्षा फॉर्म भरने में आ रही परेशानी को देखते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय फिर पुराने ढर्रे पर आता नजर आ रहा है। इस बार सेमेस्टर परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन नहीं भरकर ऑफलाइन भरे जाएंगे। एग्जामिनेशन प्लानिंग एंड मॉनिटरिंग कमेटी की शुक्रवार को हुई बैठक में फॉर्म भरने में आ रही परेशानी को देखते हुए यह निर्णय किया गया।
सेमेस्टर परीक्षा के फॉर्म १८ नवंबर से भरे जाने थे, छह दिन बाद भी साइट पर फॉर्म नहीं खुल रहे। अब छात्र साइट से परीक्षा फॉर्म का प्रोफार्मा डाउनलोड कर, उसे ऑफलाइन भरकर २७ नवंबर से विभाग में जमा करवा सकेंगे। उधर यूजी-पीजी पाठ्यक्रमों में फर्म ने १० नवंबर से फॉर्म भरने का कार्य शुरू किया था। फॉर्म भरने में आ रही परेशानी को फर्म ने १४ दिन बाद भी सही नहीं किया है। फर्म की इस गलती से विवि को फॉर्म भरने की तिथि लगातार बढ़ानी पड़ रही है।
अब आवेदन 30 तक
परीक्षा फॉर्म भरने में आ रही परेशानी को लेकर छात्रों ने प्रशासनिक भवन के बाहर प्रदर्शन किया। इसे देखते हुए राजस्थान विवि शुक्रवार शाम को यूजी एवं पीजी के परीक्षा आवेदन की तिथि बढ़ाई है। अब विद्यार्थी बिना विलम्ब शुल्क के ३० नवंबर तक और १०० रुपए विलम्ब शुल्क के साथ १२ दिसम्बर तक फॉर्म भर सकेंगे। वहीं, परीक्षा फॉर्म भरने में आ रही त्रुटि का समाधान नहीं करने पर शुक्रवार को विवि ने फर्म मालिक को नोटिस दिया है। फॉर्म भरने में आ रही त्रुटि का रविवार तक समाधान नहीं किया तो फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। ऐसा होता है तो फर्म को विवि को ५० लाख से अधिक का जुर्माना देना होगा।
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