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सरकारी कॉलेजों में भी 38% शिक्षकों के पद खाली...पढ़ाई गेस्ट फेकल्टी के भरोसे

सभी सरकारी विश्वविद्यालय वर्ल्ड क्लास की दौड़ में शामिल होने से पहले ही बाहर

औसत 103 छात्रों पर सिर्फ


1 शिक्षक

इंजीनियरिंग में ये हालात

प्रदेशमें सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजाें की संख्या 11 है। केवल आठ ही पूर्ण तरीके से रन कर रहे हैं। इनमें 30 प्रतिशत शिक्षकों की सीटें खाली हैं।

15 लॉ कॉलेजों में 80% शिक्षक कम

प्रदेशमें 15 सरकारी लॉ कॉलेज है,लेकिन इन सभी में 80 प्रतिशत तक फेकल्टी की कमी है। हालात ये है कि राज्य सरकार को सिर्फ 8 ही लॉ कॉलेजों को प्रथम वर्ष में एडमिशन करने की मंजूरी बॉर काउंसिल ऑफ इंडिया ने दी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि आधे से ज्यादा सत्र गुजरने के बाद इन विद्यार्थियों की मौजूद सत्र की तुलना में 75 प्रतिशत अटेंडेंस कैसे मानी जा सकती है। शेष सात सरकारी कॉलेजों को कब एडमिशन की मंजूरी मिलेगी और बगैर पढ़ाएं कैसे लॉ के विद्यार्थियों को एलएलबी प्रथम वर्ष की परीक्षा दिलाई जाएगी।

रिटायर्ड आईएएस सत्यनारायण सिंह ने उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों की तुलना में कम फेकल्टी होने जैसे कई मुद्दों को राज्य सरकार और हाईकोर्ट के समक्ष उठा रखा है। विद्यार्थियोंकी पढ़ाई और परीक्षा परिणाम प्रभावित हो रहे है। जो छात्र 80- 80 प्रतिशत लेकर सरकारी कॉलेजों में एडमिशन पाते है। ग्रेजुएशन के समय 50-60 प्रतिशत अंक ही अर्जित कर पाते है।

nफेकल्टीसहित अन्य संसाधनों की कमी के चलते कॉलेज- विश्वविद्यालयों की ग्रेडिंग प्रभावित हो रही है। ऐसे में रूसा के तहत डवलपमेंट के नाम पर मिलने वाले फंड से शिक्षण संस्थान वंचित हो रहे है। डवलपमेंट नहीं होने से हमारे विद्यार्थियों पर सीधा असर पड़ रहा है। ऐसे फंड मिले तो हमारी लेबोरेटरी क्लासरूम सहित हर जगह विकास हो।

nविश्वविद्यालयोंमें गेस्ट फेकल्टी पर लाखों रुपए खर्च हो रहे है, ऐसे में स्थाई शिक्षक मिलेंगे तो स्तर सुधरेगा। शिक्षकों की विद्यार्थियों के प्रति जिम्मेदारियां बढ़ेगी। परिणाम अच्छे आएंगे।

कुल रिक्त

कार्यरत

कुल स्वीकृत पद

ये टीचिंग में हालात

विश्वविद्यालयटोटल वर्किंग वैकेंट वित्तीय मंजूरी

राज.यूनिवर्सिटी 957510 447 217

सुखाड़ियायूनिवर्सिटी 259125 134 45

जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी 646324 322 98

एमडीएस,अजमेर 4818 30 20

कोटायूनिवर्सिटी, कोटा 3424 10 0

महाराजागंगासिंह यूनिवर्सिटी बीकानेर, 3022 08 0

शेखावटीयूनिवर्सिटी, सीकर फिलहाल कोई फेकल्टी नहीं

बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर फिलहाल कोई फेकल्टी नहीं

राजऋषि भृर्तहरि मत्स्य यूनिवर्सिटी अलवर फिलहाल कोई नहीं

गोविंद गुरु प्राइवेट यूनिवर्सिटी, बांसवाड़ा 300 30 07

वर्धमानमहावीर कोटा ओपन यूनिवर्सिटी 3727 10 0

40% तक क्लासेें गेस्ट फेक्लटी के हवाले

सरकारीकॉलेज और विश्वविद्यालयों में 38 से 40 प्रतिशत फेकल्टी की कमी है। इसकी पूर्ति गेस्ट फेकल्टी आदि की मदद से की जा रही है। सरकार और विश्वविद्यालय प्रति कालांश के हिसाब से ये भुगतान कर रहे हैं।

वर्ल्ड क्लास का फायदा क्या होता?: पहली किश्त में ही 500 करोड़ रुपए मिलते

वर्ल्डक्लास यूनिवर्सिटी का दर्जा अगर हमारे किसी भी एक विश्वविद्यालयों को मिल गया तो अंतरराष्ट्रीय पटल पर इन विश्वविद्यालयों की साख बढ़ती। साथ ही केंद्र से पहली किश्त की सेंक्शन में विकास कार्यों के लिए कम से कम 500 करोड़ रुपए मिलते। इसके बाद विभिन्न मदों में रुपए मिलने से लेकर कई फायदे होते।

पात्रता की एक सबसे अहम शर्त यह भी थी कि इन विश्वविद्यालयों से कॉलेजों का एफिलिएशन नहीं होना चाहिए, जबकि इन विश्वविद्यालयों के अंतर्गत हजारों प्राइवेट कॉलेज हैं।

आवेदन के समय किसी भी विश्वविद्यालय में कुल पदों की तुलना में 80 प्रतिशत पद भरे हुए होने चाहिए थे लेकिन इन दोनों विश्वविद्यालयों में सिर्फ 60 प्रतिशत पद ही भरे हुए थे।

आवेदन के समय विश्वविद्यालय का शिक्षक छात्र का अनुपात 1:20 होना चाहिए था। राजस्थान यूनिवर्सिटी का 1:60 है। उदयपुर की सुखाड़िया यूनिवर्सिटी का रेशियो 1 :32 है।

हमारी बंपर भर्तियां प्रोसेस में हैं। आरपीएससी के माध्यम से लगातार शिक्षक मिल रहे हैं। अगले साल तक शिक्षकों की कमी को काफी हद तक खत्म कर देंगे। वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी की दौड़ से हमारे सभी विश्वविद्यालय बाहर हुए हैं। हालांकि ये हमारे लिए एक लर्निंग शेयरिंग की तरह है। अब हमें यूपीई टीम से काफी उम्मीदें है।

-किरणमाहेश्वरी,

उच्चशिक्षा मंत्री 

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