शिक्षक बनने के इच्छुक हजारों अभ्यर्थियों को केंद्रीय शिक्षक पात्रता
परीक्षा (सीटेट) का इंतजार है। सीबीएसई ने साल भर से परीक्षा नहीं कराई है।
परीक्षा होगी या नहीं इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
स्कूल शिक्षक बनने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सीटेट की शुरुआत की है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में परीक्षा जुलाई और जनवरी में कराई जाती रही। एनडीए सरकार ने इसमें तब्दीली कर फरवरी और सितम्बर में परीक्षा कराना तय किया। लेकिन पिछले साल 18 सितम्बर को परीक्षा कराने के बाद बोर्ड परीक्षा को भूल गया है।
साल में एक या दो बार परीक्षा.....
नेट/जेआरफ की तरह सरकार ने सीटटे भी साल में एक बार कराने की योजना बनाई है। इसको लेकर असमंजस कायम है। परीक्षा पर फैसला नहीं होने से विभिन्न प्रदेश में नौजवान नाराजगी जता चुके हैं। उधर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्तर पर नई नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के गठन में देरी हो रही है। भविष्य में यह एजेंसी सभी प्रतियोगी परीक्षाएं कराएगी। मालूम हो कि नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए पात्र होते हैं। उन्हें संबंधित राज्यों के लोक सेवा आयोग अथवा अन्य एजेंसी के माध्यम से भर्ती परीक्षा देनी होती है।
नेट/जेआरएफ 5 नवम्बर को
कॉलेज और विश्वविद्यालयों में लेक्चरर बनने और फैलोशिप के लिए सीबीएसई 5 नवम्बर को नेट/जेआरएफ परीक्षा कराएगा। इससे पहले यूजीसी करीब 60 साल तक यह परीक्षा प्रतिवर्ष साल में दो बार (दिसम्बर और जून में) कराता था। नेट-जेआरएफ के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। वहीं सीटेट पर धुंध अब तक बरकरार है। सीबीएसई ने जून में एक सार्वजनिक सूचना जारी की थी। इसमें अभ्यर्थियों को फर्जी एजेंसियों द्वारा जुलाई में परीक्षा कराने की सूचना से सावधान रहने को कहा गया था। इसके अलावा वेबसाइट पर परीक्षा को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।मालूम हो कि शिक्षक बनने के लिए केंद्र स्तर पर सीटेट और विभिन्न प्रदेशों के स्तर पर रीट या संबंधित प्रवेश परीक्षा पास करना जरूरी है।
स्कूल शिक्षक बनने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सीटेट की शुरुआत की है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में परीक्षा जुलाई और जनवरी में कराई जाती रही। एनडीए सरकार ने इसमें तब्दीली कर फरवरी और सितम्बर में परीक्षा कराना तय किया। लेकिन पिछले साल 18 सितम्बर को परीक्षा कराने के बाद बोर्ड परीक्षा को भूल गया है।
साल में एक या दो बार परीक्षा.....
नेट/जेआरफ की तरह सरकार ने सीटटे भी साल में एक बार कराने की योजना बनाई है। इसको लेकर असमंजस कायम है। परीक्षा पर फैसला नहीं होने से विभिन्न प्रदेश में नौजवान नाराजगी जता चुके हैं। उधर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्तर पर नई नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के गठन में देरी हो रही है। भविष्य में यह एजेंसी सभी प्रतियोगी परीक्षाएं कराएगी। मालूम हो कि नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए पात्र होते हैं। उन्हें संबंधित राज्यों के लोक सेवा आयोग अथवा अन्य एजेंसी के माध्यम से भर्ती परीक्षा देनी होती है।
नेट/जेआरएफ 5 नवम्बर को
कॉलेज और विश्वविद्यालयों में लेक्चरर बनने और फैलोशिप के लिए सीबीएसई 5 नवम्बर को नेट/जेआरएफ परीक्षा कराएगा। इससे पहले यूजीसी करीब 60 साल तक यह परीक्षा प्रतिवर्ष साल में दो बार (दिसम्बर और जून में) कराता था। नेट-जेआरएफ के लिए आवेदन लिए जा चुके हैं। वहीं सीटेट पर धुंध अब तक बरकरार है। सीबीएसई ने जून में एक सार्वजनिक सूचना जारी की थी। इसमें अभ्यर्थियों को फर्जी एजेंसियों द्वारा जुलाई में परीक्षा कराने की सूचना से सावधान रहने को कहा गया था। इसके अलावा वेबसाइट पर परीक्षा को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।मालूम हो कि शिक्षक बनने के लिए केंद्र स्तर पर सीटेट और विभिन्न प्रदेशों के स्तर पर रीट या संबंधित प्रवेश परीक्षा पास करना जरूरी है।
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