पांच साल पहले की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती। जयपुर में तो अब तक अधूरी पड़ी है स्थायीकरण की प्रक्रिया
यहसरकारी खामियों का एक बड़ा उदाहरण है। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2012 के तहत हुई 39544 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हुए अरसा गुजर गया, लेकिन उन्हें एरियर के करीब 10 अरब रुपए अब तक नहीं मिले।
इतना ही नहीं, स्थायीकरण तक अधूरा है। सर्वाधिक 3022 पदों की भर्ती वाले नागौर जिले में जहां पिछले माह ही स्थायीकरण पूरा हुआ है, वहीं कम पदों वाले जयपुर जैसे जिले में 568 पदों पर स्थायीकरण का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। इधर विभाग का कहना है कि विभिन्न पेचीदगी के चलते एरियर और स्थायीकरण में दिक्कतें रही हैं, जिन्हें जल्द सुलझा लिया जाएगा।
प्रदेश में जिला परिषदों के जरिए जिलेवार शिक्षक भर्ती-2012 में हुई थी। इसके तहत लेवल वन के 10609 और लेवल टू के 28935 पद थे। सितंबर 2012 में ही परिणाम घोषित कर ज्यादातर नियुक्तियां भी दे दी गईं। ज्यादातर जिलों में इनका स्थायीकरण हो गया है। 2014 में इन शिक्षकों का प्रोबेशन भी पूरा हो गया। इसके बाद सितंबर 2014 से मार्च 2016 तक ये शिक्षक प्राेबेशन में मिल रहे फिक्स वेतन पर ही काम करते रहे। मार्च 2016 के बाद इनका वेतन नियमित कर दिया गया। प्रति शिक्षक सवा दो लाख से ढाई लाख की एरियर राशि को अगर जोड़ें तो यह आंकड़ा करीब 10 अरब के आसपास जाता है। इधर शिक्षा निदेशालय का कहना है कि शिक्षकों की एरियर राशि को जल्द से जल्द दिलाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सरकार के स्तर पर प्रक्रिया जारी है।
शिक्षक संघ और पीडि़त टीचर्स बोले-सरकार कर रही है अन्याय
चयनितशिक्षकों ने स्थायीकरण और एरियर को लेकर सवाल उठाए हैं। जयपुर के राप्रावि बिलोदी के प्रकाशचंद्र का कहना है कि जयपुर में अब तक स्थायीकरण नहीं होना सिस्टम की कार्यप्रणाली को दर्शाता है। एरियर की तो छोडि़ए। राजस्थान पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेश प्रवक्ता नारायणसिंह का कहना है कि कोर्ट का सिर्फ बहाना बनाया जा रहा है। सभी प्रकरण निबट चुके हैं, ऐसे में स्थायीकरण और एरियर का बकाया होना शिक्षक समुदाय के साथ अन्याय है। संघ के गोपाल गुप्ता बोले- हर दिवाली शिक्षक उम्मीद ही लगाए रह जाते हैं। इस बार भी यही होना है।
जिला पद लेवल 1 लेवल 2
अलवर1866470 1396
बाडमेर2832640 2192
भीलवाड़ा1999226 1773
चित्तौड़1972366 1606
जोधपुर16771097 580
नागौर3022741 2281
पाली2614602 2012
राजसमंद2072379 1693
उदयपुर2278761 1517
पूरी प्रक्रिया जिला परिषदों के मार्फत ही हो रही है। जयपुर में शिक्षकों का स्थायीकरण नहीं हुआ है। कुछ मामलों में न्यायिक प्रकरण हैं, ऐसे में ये स्थायीकरण जल्द होंगे। इनके आदेश भी परिषदों से ही होने हैं।
-उमरावमलवर्मा,
जिलाशिक्षा अधिकारी, प्रारंभिक जयपुर
इस भर्ती के सर्वाधिक पद नागौर जिले में ही हैं। हमने कुछ दिन पहले ही स्थायीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। हमारे जिले में शिक्षक भर्ती को लेकर अब किसी प्रकार की शिकायत नहीं है।
-रजियासुल्ताना,
जिलाशिक्षा अधिकारी, नागौर
शिक्षकों के लंबित एरियर संबंधी प्रकरण को जल्द से जल्द निबटाया जाएगा। इस मामले में सरकार के स्तर पर कार्यवाही जारी है। स्थायीकरण लगभग हो चुका है। उम्मीद है जल्द शिक्षकों को बकाया एरियर मिलेगा।
-सुखराम,
वित्तसलाहकार, प्रारंभिक शिक्षा
यहसरकारी खामियों का एक बड़ा उदाहरण है। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2012 के तहत हुई 39544 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हुए अरसा गुजर गया, लेकिन उन्हें एरियर के करीब 10 अरब रुपए अब तक नहीं मिले।
इतना ही नहीं, स्थायीकरण तक अधूरा है। सर्वाधिक 3022 पदों की भर्ती वाले नागौर जिले में जहां पिछले माह ही स्थायीकरण पूरा हुआ है, वहीं कम पदों वाले जयपुर जैसे जिले में 568 पदों पर स्थायीकरण का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। इधर विभाग का कहना है कि विभिन्न पेचीदगी के चलते एरियर और स्थायीकरण में दिक्कतें रही हैं, जिन्हें जल्द सुलझा लिया जाएगा।
प्रदेश में जिला परिषदों के जरिए जिलेवार शिक्षक भर्ती-2012 में हुई थी। इसके तहत लेवल वन के 10609 और लेवल टू के 28935 पद थे। सितंबर 2012 में ही परिणाम घोषित कर ज्यादातर नियुक्तियां भी दे दी गईं। ज्यादातर जिलों में इनका स्थायीकरण हो गया है। 2014 में इन शिक्षकों का प्रोबेशन भी पूरा हो गया। इसके बाद सितंबर 2014 से मार्च 2016 तक ये शिक्षक प्राेबेशन में मिल रहे फिक्स वेतन पर ही काम करते रहे। मार्च 2016 के बाद इनका वेतन नियमित कर दिया गया। प्रति शिक्षक सवा दो लाख से ढाई लाख की एरियर राशि को अगर जोड़ें तो यह आंकड़ा करीब 10 अरब के आसपास जाता है। इधर शिक्षा निदेशालय का कहना है कि शिक्षकों की एरियर राशि को जल्द से जल्द दिलाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सरकार के स्तर पर प्रक्रिया जारी है।
शिक्षक संघ और पीडि़त टीचर्स बोले-सरकार कर रही है अन्याय
चयनितशिक्षकों ने स्थायीकरण और एरियर को लेकर सवाल उठाए हैं। जयपुर के राप्रावि बिलोदी के प्रकाशचंद्र का कहना है कि जयपुर में अब तक स्थायीकरण नहीं होना सिस्टम की कार्यप्रणाली को दर्शाता है। एरियर की तो छोडि़ए। राजस्थान पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेश प्रवक्ता नारायणसिंह का कहना है कि कोर्ट का सिर्फ बहाना बनाया जा रहा है। सभी प्रकरण निबट चुके हैं, ऐसे में स्थायीकरण और एरियर का बकाया होना शिक्षक समुदाय के साथ अन्याय है। संघ के गोपाल गुप्ता बोले- हर दिवाली शिक्षक उम्मीद ही लगाए रह जाते हैं। इस बार भी यही होना है।
जिला पद लेवल 1 लेवल 2
अलवर1866470 1396
बाडमेर2832640 2192
भीलवाड़ा1999226 1773
चित्तौड़1972366 1606
जोधपुर16771097 580
नागौर3022741 2281
पाली2614602 2012
राजसमंद2072379 1693
उदयपुर2278761 1517
पूरी प्रक्रिया जिला परिषदों के मार्फत ही हो रही है। जयपुर में शिक्षकों का स्थायीकरण नहीं हुआ है। कुछ मामलों में न्यायिक प्रकरण हैं, ऐसे में ये स्थायीकरण जल्द होंगे। इनके आदेश भी परिषदों से ही होने हैं।
-उमरावमलवर्मा,
जिलाशिक्षा अधिकारी, प्रारंभिक जयपुर
इस भर्ती के सर्वाधिक पद नागौर जिले में ही हैं। हमने कुछ दिन पहले ही स्थायीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। हमारे जिले में शिक्षक भर्ती को लेकर अब किसी प्रकार की शिकायत नहीं है।
-रजियासुल्ताना,
जिलाशिक्षा अधिकारी, नागौर
शिक्षकों के लंबित एरियर संबंधी प्रकरण को जल्द से जल्द निबटाया जाएगा। इस मामले में सरकार के स्तर पर कार्यवाही जारी है। स्थायीकरण लगभग हो चुका है। उम्मीद है जल्द शिक्षकों को बकाया एरियर मिलेगा।
-सुखराम,
वित्तसलाहकार, प्रारंभिक शिक्षा
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