धौलपुर | प्रदेश की मुख्यमंत्री की अनुमति नहीं मिलने
पर भले ही प्रदेश के शिक्षामंत्री शिक्षकों के स्थानांतरण नहीं कर पा रहे
हैं। इस वजह से हजारों शिक्षक आठ सालों से तबादलों से रोक हटने का इंतजार
कर रहे हैं।
जबकि दूसरी तरफ तबादलों पर रोक एवं विभागीय आदेशों को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बाड़ी खुलेआम ठेंगा दिखाने में लगे हुए हैं।
बीईईओ ने ब्लॉक में एक दर्जन के करीब शिक्षकों को एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में शिक्षण व्यवस्था के नाम पर स्थानांतरित कर रखा है। यही नहीं राज्य सरकार ने भले ही नई नियुक्ति पर शिक्षकों का पदस्थापन ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ही करने के आदेश दे रखे हैं आैर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने शिक्षक विहीन स्कूलों को छोड़कर किसी भी शिक्षक को एक स्कूल से दूसरे स्कूल में शिक्षण व्यवस्था प्रतिनियुक्ति पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा रखा है।
बावजूद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की ओर से सरकार के आदेशों को धता बताते हुए शिक्षण व्यवस्था के नाम पर शिक्षकों के तबादले किए जा रहे हैं। यही नहीं कई शिक्षक शिक्षिकाओं को बीईईओ ने ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों से हटाकर बाड़ी शहर के स्कूलों में पदस्थापित कर दिया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में छात्रों की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। ओर तो ओर इनमें रीट से हाल ही में जिला परिषद ने ग्रामीण क्षेत्र के जरूरत वाले विद्यालय में जिन शिक्षकों को पोस्टिंग दी थी।
उनमें से एक शिक्षिका का पांच दिन में ही बीईईओ ने स्कूल ही बदल कर शहर में लगा दिया। हाल ही में रीट से चयनित शिक्षिका प्रियंका को जिला परिषद ने काउंसलिंग के माध्यम से राउप्रा विद्यालय खूबचंद का पुरा में पोस्टिंग दी गई थी। उन्होंने 31 जुलाई को स्कूल में ज्वाइन किया ही था कि पांच दिन बाद ही बाड़ी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने 4 अगस्त को आदेश जारी कर अध्यापिका को बाड़ी शहर के उप्रावि बालिका नवीन में लगा कर ज्वाइन करा दिया।
आदेश में 20 दिन का उल्लेख किया, लेकिन आज तक मूल स्कूल को कार्यमुक्त नहीं किया। यही नहीं इसी स्कूल में प्रावि पुरा बख़्तू के होरीलाल यूपीएस खोरपुरा के सत्यनारायण नामक अध्यापकों को भी उनके विद्यालयों से हटा कर लगाया गया है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र के यूपीएस कछपुरा की सब्जेक्ट टीचर को शहर के गुमट स्कूल में लगा रखा है।
वहीं पीएस मुराबली में पोस्टेड अध्यापिका को पीएस छाबड़ी का पुरा में लगा दिया। इसी प्रकार उत्कृष्ट विद्यालय कुर्रीपुरा के दो अध्यापकों में से एक को पृथ्वीपुरा में लगा दिया। यह तो महज बानगी भर है। बीईईओ ने अनेक शिक्षकों को इधर से उधर नियम विरुद्ध कर लगा रख मनमानी कर नियमों को खुली चुनौती दी जा रही है। यह स्थिति तो तब है जब प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर पूरी तरह रोक लगा रखी है।
विभाग ने पिछले शैक्षिक सत्र से शिक्षकों विद्यार्थियों का डाटा शाला दर्शन पोर्टल पर ऑन लाइन कर रखा है। ताकि किसी भी शिक्षक को इधर उधर नहीं किया जा सके। लेकिन सिस्टम की तमाम पारदर्शिता को धता बताते हुए बीईईओ बाड़ी ने अनेक शिक्षकों को एक विद्यालय से दूसरे विद्यालयों में लगा कर सरकार के आदेशों को खुलेआम चुनौती दी जा रही है।
जबकि दूसरी तरफ तबादलों पर रोक एवं विभागीय आदेशों को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बाड़ी खुलेआम ठेंगा दिखाने में लगे हुए हैं।
बीईईओ ने ब्लॉक में एक दर्जन के करीब शिक्षकों को एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में शिक्षण व्यवस्था के नाम पर स्थानांतरित कर रखा है। यही नहीं राज्य सरकार ने भले ही नई नियुक्ति पर शिक्षकों का पदस्थापन ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ही करने के आदेश दे रखे हैं आैर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने शिक्षक विहीन स्कूलों को छोड़कर किसी भी शिक्षक को एक स्कूल से दूसरे स्कूल में शिक्षण व्यवस्था प्रतिनियुक्ति पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा रखा है।
बावजूद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की ओर से सरकार के आदेशों को धता बताते हुए शिक्षण व्यवस्था के नाम पर शिक्षकों के तबादले किए जा रहे हैं। यही नहीं कई शिक्षक शिक्षिकाओं को बीईईओ ने ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों से हटाकर बाड़ी शहर के स्कूलों में पदस्थापित कर दिया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में छात्रों की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। ओर तो ओर इनमें रीट से हाल ही में जिला परिषद ने ग्रामीण क्षेत्र के जरूरत वाले विद्यालय में जिन शिक्षकों को पोस्टिंग दी थी।
उनमें से एक शिक्षिका का पांच दिन में ही बीईईओ ने स्कूल ही बदल कर शहर में लगा दिया। हाल ही में रीट से चयनित शिक्षिका प्रियंका को जिला परिषद ने काउंसलिंग के माध्यम से राउप्रा विद्यालय खूबचंद का पुरा में पोस्टिंग दी गई थी। उन्होंने 31 जुलाई को स्कूल में ज्वाइन किया ही था कि पांच दिन बाद ही बाड़ी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने 4 अगस्त को आदेश जारी कर अध्यापिका को बाड़ी शहर के उप्रावि बालिका नवीन में लगा कर ज्वाइन करा दिया।
आदेश में 20 दिन का उल्लेख किया, लेकिन आज तक मूल स्कूल को कार्यमुक्त नहीं किया। यही नहीं इसी स्कूल में प्रावि पुरा बख़्तू के होरीलाल यूपीएस खोरपुरा के सत्यनारायण नामक अध्यापकों को भी उनके विद्यालयों से हटा कर लगाया गया है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र के यूपीएस कछपुरा की सब्जेक्ट टीचर को शहर के गुमट स्कूल में लगा रखा है।
वहीं पीएस मुराबली में पोस्टेड अध्यापिका को पीएस छाबड़ी का पुरा में लगा दिया। इसी प्रकार उत्कृष्ट विद्यालय कुर्रीपुरा के दो अध्यापकों में से एक को पृथ्वीपुरा में लगा दिया। यह तो महज बानगी भर है। बीईईओ ने अनेक शिक्षकों को इधर से उधर नियम विरुद्ध कर लगा रख मनमानी कर नियमों को खुली चुनौती दी जा रही है। यह स्थिति तो तब है जब प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर पूरी तरह रोक लगा रखी है।
विभाग ने पिछले शैक्षिक सत्र से शिक्षकों विद्यार्थियों का डाटा शाला दर्शन पोर्टल पर ऑन लाइन कर रखा है। ताकि किसी भी शिक्षक को इधर उधर नहीं किया जा सके। लेकिन सिस्टम की तमाम पारदर्शिता को धता बताते हुए बीईईओ बाड़ी ने अनेक शिक्षकों को एक विद्यालय से दूसरे विद्यालयों में लगा कर सरकार के आदेशों को खुलेआम चुनौती दी जा रही है।
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