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20 साल बाद बदली सरकारी स्कूल ड्रेस, छठी से12वीं के छात्रों के लिए अनिवार्य

उदयपुर.20 साल बाद सरकारी स्कूलों की बदली शाला पोशाक को विद्यार्थी पसंद कर रहे हैं। विद्यार्थी 19 जून को स्कूल खुलने के बाद से ही ये पोशाक पहनकर आने लगे हैं लेकिन शिक्षकों की शाला पोशाक पर राज्य सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है।

राज्य सरकार ने अप्रैल में ही विद्यार्थियों की शाला पोशाक बदलने का निर्णय लिया था जिसमें कत्थई रंग की पैंट और हल्के भूरे रंग की शर्ट पर मोहर लगी थी। कुछ दिन बाद शिक्षकों की शाला पोशाक बदलने का भी निर्णय लिया गया था, जिसमें अप्रैल और मई माह में उच्च स्तर पर बैठक भी हुई लेकिन अंतिम निर्णय नहीं निकला। शिक्षकों की शाला पोशाक लागू करने के निर्णय पर शिक्षक संगठनों का विरोध भी सामने आया था। इधर देवनानी ने 11 जून को अजमेर हाथी भाता स्थित मॉडल स्कूल की करीब 30 छात्राओं को नई ड्रेस वितरण कर शुरुआत की थी।
पुरानी ड्रेस जल्दी हो जाती थी गंदी, 5वीं तक के बच्चों के लिए अनिवार्य नहीं
राज्य सरकार ने अभी कक्षा 6-12 तक की नई पोशाक को अनिवार्य कर रखा है। 1-5 कक्षा के छात्रों को पहनना अनिवार्य नहीं है, ये बच्चे कोई भी ड्रेस पहनकर स्कूल में आ सकते हैं। वहीं विद्यार्थियों का कहना है कि नई ड्रेस निजी स्कूलों जैसी है। पुरानी ड्रेस जल्दी गंदी हो जाती थी। नई ड्रेस सब विद्यार्थियों को बहुत पसंद आ रही है।
अगले वर्ष से शिक्षकों पर हो सकता है लागू
विद्यार्थी लम्बे समय से एक ही पोशाक पहन रहे थे। अब नई पोशाक पहनने का अवसर मिला हैै। बच्चों की सकारात्मक प्रतिक्रिया आ रही है। शिक्षकों की पोशाक के लिए स्थाई कमेटी ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। हो सकता है अगले वर्ष से शिक्षकों की पोशाक लागू हो जाए।
-भरत मेहता, शिक्षा उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा।

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