जयपुर | चिकित्सामंत्री कालीचरण सराफ भले ही 10 दिन में पांच नए मेडिकल
कॉलेज खोलने की बात कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है। एमसीआई
पहले ही राजस्थान के सभी नए मेडिकल कॉलेजों को सीटें आवंटन करने से मना कर
चुकी है।
वजह है मेडिकल कॉलेजों का आधा-अधूरा इंफ्रास्ट्रक्चर। सर्राफ ने जिन मेडिकल कॉलेजों को खोलने का दावा किया है उनकी हालत पर जरा गौर करें। इन मेडिकल कॉलेजों के लिए अभी तक 520 मेडिकल शिक्षक मिले हैं और ही पूरे आवश्यक लैब और अन्य उपकरण खरीदे गए हैं। इतना ही नहीं गत दिनों मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने पांचों मेडिकल कॉलेजों को इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षण के लिहाज से अनफिट माना था और बहुत ही नेगेटिव और खराब रिपोर्ट सौंपी है। इसके बावजूद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं कि जुलाई से पांच मेडिकल कॉलेज खोल दिए जाएंगे। मेडिकल के विशेषज्ञों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज कोई किराणे की दुकान नहीं जो दो-पांच दिन में खोल दी जाए।
जयपुर में एसएमएस और जेएनयू को िमली है मंजूरी
राजस्थानमें किसी भी नए मेडिकल कॉलेज को अनुमति नहीं मिली है, जबकि जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जेएनयू मेडिकल कॉलेज और महात्मा गांधी को ही अनुमति मिली हुई है। इस बार कम मेडिकल कॉलेजों को अनुमति मिलने से सीटों का संकट भी खड़ा होगा। एसएमएस को 250 सीटें और जेएनयू को 150 सीटों की मंजूरी मिली है।
इन पदों पर की जानी है भर्ती
प्रोफेसर: 30 पद, एसोसिएट प्रोफेसर : 85, असिस्टेंट प्रोफेसर : 110, सीनियर डेमोंस्ट्रेटर : 70, सीनियर रेजिडेंट : 90, जूनियर रेजिडेंट : 135 (इनके लिए 6 अप्रैल तक आवेदन लिए गए, लेकिन अभी तक भर्ती कब होगी, कैसे होगी, इसकी प्रक्रिया पूरी बाकी है। )
सरकारपूरी तैयारी करती तो यह होता फायदा : सरकारकी तरफ से दो साल पहले की गई बजट घोषणा के अनुसार एक साल पूर्व से तैयारी होती और भवन के साथ शिक्षण और इंफ्रा की पूर्ति होती तो गत माह एमसीआई के निरीक्षण के बाद सही रिपोर्ट जाती। उसके बाद पांच मेडिकल कॉलेज खोले जाते तो 500 सीटें बढ़ जाती। इससे प्रदेश में वर्तमान 1400 सीटें बढ़कर 1900 सीटों पर नए सत्र से मेडिकल में प्रवेश हो पाता।
जो एक साल पहले राठौड़ ने कहा वहीं अब सराफ कह रहे
एकसाल पहले जून में ही तत्कालीन चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने अपने गृह जिले चूरू के संबंध में सवाल करने बयान जारी किया था कि जुलाई 2017 से पांच नए मेडिकल कॉलेज खोल दिए जाएंगे। लेकिन साल भर में कॉलेजों के लिए जारी किया गया 450 करोड़ रुपए भी खर्च नहीं हुए हैं। ही अलवर, भरतपुर, बाड़मेर, चूरू, डूंगरपुर, झालावाड़ और पाली में भवन पूरी तरह से बने हैं। इसके बावजूद राठौड़ की ही भाषा में नए चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ अब कह रहे हैं कि जुलाई से मेडिकल कॉलेज खोल दिए जाएंगे।
वजह है मेडिकल कॉलेजों का आधा-अधूरा इंफ्रास्ट्रक्चर। सर्राफ ने जिन मेडिकल कॉलेजों को खोलने का दावा किया है उनकी हालत पर जरा गौर करें। इन मेडिकल कॉलेजों के लिए अभी तक 520 मेडिकल शिक्षक मिले हैं और ही पूरे आवश्यक लैब और अन्य उपकरण खरीदे गए हैं। इतना ही नहीं गत दिनों मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने पांचों मेडिकल कॉलेजों को इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षण के लिहाज से अनफिट माना था और बहुत ही नेगेटिव और खराब रिपोर्ट सौंपी है। इसके बावजूद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं कि जुलाई से पांच मेडिकल कॉलेज खोल दिए जाएंगे। मेडिकल के विशेषज्ञों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज कोई किराणे की दुकान नहीं जो दो-पांच दिन में खोल दी जाए।
जयपुर में एसएमएस और जेएनयू को िमली है मंजूरी
राजस्थानमें किसी भी नए मेडिकल कॉलेज को अनुमति नहीं मिली है, जबकि जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जेएनयू मेडिकल कॉलेज और महात्मा गांधी को ही अनुमति मिली हुई है। इस बार कम मेडिकल कॉलेजों को अनुमति मिलने से सीटों का संकट भी खड़ा होगा। एसएमएस को 250 सीटें और जेएनयू को 150 सीटों की मंजूरी मिली है।
इन पदों पर की जानी है भर्ती
प्रोफेसर: 30 पद, एसोसिएट प्रोफेसर : 85, असिस्टेंट प्रोफेसर : 110, सीनियर डेमोंस्ट्रेटर : 70, सीनियर रेजिडेंट : 90, जूनियर रेजिडेंट : 135 (इनके लिए 6 अप्रैल तक आवेदन लिए गए, लेकिन अभी तक भर्ती कब होगी, कैसे होगी, इसकी प्रक्रिया पूरी बाकी है। )
सरकारपूरी तैयारी करती तो यह होता फायदा : सरकारकी तरफ से दो साल पहले की गई बजट घोषणा के अनुसार एक साल पूर्व से तैयारी होती और भवन के साथ शिक्षण और इंफ्रा की पूर्ति होती तो गत माह एमसीआई के निरीक्षण के बाद सही रिपोर्ट जाती। उसके बाद पांच मेडिकल कॉलेज खोले जाते तो 500 सीटें बढ़ जाती। इससे प्रदेश में वर्तमान 1400 सीटें बढ़कर 1900 सीटों पर नए सत्र से मेडिकल में प्रवेश हो पाता।
जो एक साल पहले राठौड़ ने कहा वहीं अब सराफ कह रहे
एकसाल पहले जून में ही तत्कालीन चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने अपने गृह जिले चूरू के संबंध में सवाल करने बयान जारी किया था कि जुलाई 2017 से पांच नए मेडिकल कॉलेज खोल दिए जाएंगे। लेकिन साल भर में कॉलेजों के लिए जारी किया गया 450 करोड़ रुपए भी खर्च नहीं हुए हैं। ही अलवर, भरतपुर, बाड़मेर, चूरू, डूंगरपुर, झालावाड़ और पाली में भवन पूरी तरह से बने हैं। इसके बावजूद राठौड़ की ही भाषा में नए चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ अब कह रहे हैं कि जुलाई से मेडिकल कॉलेज खोल दिए जाएंगे।
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