राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष
राजेश शर्मा की अगुवाई में जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा शाहिद
मोहम्मद खान से मुलाकात कर पिछले शैक्षिक सत्र के दौरान आठवीं बोर्ड
परीक्षा में न्यून परिणाम के आधार पर शिक्षकों को जारी किए गए नोटिसों को
ड्राप किए जाने की मांग की है।
संघ के जिलामंत्री दिनेश चंद्र ने बताया कि डीईओ को प्रेषित ज्ञापन में लिखा है कि शैक्षिक सत्र 2015-16 के दौरान जिले की पंचायत समिति धौलपुर, बाड़ी, बसेड़ी, राजाखेड़ा एवं सैंपऊ के मिडिल स्कूलों में अध्ययनरत 40 फीसदी से अधिक छात्रों के आठवीं बोर्ड परीक्षा में डी ग्रेड आने पर करीब 800 से अधिक शिक्षकों को पिछले जनवरी में राजस्थान अधीनस्थ सेवा नियम तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करते हुए सीसीए नियम 17 के तहत आरोप-पत्र दिए गए थे।
विभाग की ओर से 6 महीने गुजरने के बाद भी आरोप-पत्रों को निस्तारित करने की कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। जांच विचाराधीन होने के चलते शिक्षकों को पदोन्नति, वेतन नियमितीकरण, चयनित वेतनमान, स्थायीकरण स्वीकृत होने जैसे सेवा परिलाभों से वंचित होना पड़ रहा है। जबकि शिक्षकों की ओर से निर्धारित समयावधि में अपने ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को नोटिस निस्तारित करने का जवाब प्रस्तुत कर दिया गया है। संघ ने ज्ञापन में लिखा है कि प्रारंभिक शिक्षा में आधे से अधिक पद वर्षों से रिक्त चले रहें हैं। अधिकतर उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आठ कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी महज तीन से चार शिक्षकों पर आने से परीक्षा परिणाम प्रभावित हुआ था। यहीं नहीं शिक्षकों की नियुक्ति शैक्षणिक योग्यता को नजरअंदाज कर दूसरे विषय को पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई। वहीं कई प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य शिक्षकों पर थोप दिए गए थे। संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी को ग्रामीण परिक्षेत्र की स्कूलों के हालातों को देखते हुए दिए गए आरोप-पत्रों को ब्लॉकवार निस्तारण शिविर आयोजित करना अनुशासनात्मक कार्रवाई को ड्राप किए जाने की मांग की है। जिला शिक्षा अधिकारी साहिब मोहम्मद खान ने जल्द ब्लॉकवार शिविर निस्तारण शिविर लगाकर कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया। इस मौके पर देवेन्द्र सिंह कुशवाह, संदीप शुक्ला, अमित शर्मा, राजेश ठाकुर, देवेंद्र त्यागी, कुलदीप गौतम, विजय गर्ग, दीनदयाल त्यागी, ममता, निशा देवी, पुरषोत्तम शर्मा, सत्यप्रकाश जगरिया, नरेश गुर्जर सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।
संघ के जिलामंत्री दिनेश चंद्र ने बताया कि डीईओ को प्रेषित ज्ञापन में लिखा है कि शैक्षिक सत्र 2015-16 के दौरान जिले की पंचायत समिति धौलपुर, बाड़ी, बसेड़ी, राजाखेड़ा एवं सैंपऊ के मिडिल स्कूलों में अध्ययनरत 40 फीसदी से अधिक छात्रों के आठवीं बोर्ड परीक्षा में डी ग्रेड आने पर करीब 800 से अधिक शिक्षकों को पिछले जनवरी में राजस्थान अधीनस्थ सेवा नियम तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करते हुए सीसीए नियम 17 के तहत आरोप-पत्र दिए गए थे।
विभाग की ओर से 6 महीने गुजरने के बाद भी आरोप-पत्रों को निस्तारित करने की कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। जांच विचाराधीन होने के चलते शिक्षकों को पदोन्नति, वेतन नियमितीकरण, चयनित वेतनमान, स्थायीकरण स्वीकृत होने जैसे सेवा परिलाभों से वंचित होना पड़ रहा है। जबकि शिक्षकों की ओर से निर्धारित समयावधि में अपने ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को नोटिस निस्तारित करने का जवाब प्रस्तुत कर दिया गया है। संघ ने ज्ञापन में लिखा है कि प्रारंभिक शिक्षा में आधे से अधिक पद वर्षों से रिक्त चले रहें हैं। अधिकतर उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आठ कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी महज तीन से चार शिक्षकों पर आने से परीक्षा परिणाम प्रभावित हुआ था। यहीं नहीं शिक्षकों की नियुक्ति शैक्षणिक योग्यता को नजरअंदाज कर दूसरे विषय को पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई। वहीं कई प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य शिक्षकों पर थोप दिए गए थे। संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी को ग्रामीण परिक्षेत्र की स्कूलों के हालातों को देखते हुए दिए गए आरोप-पत्रों को ब्लॉकवार निस्तारण शिविर आयोजित करना अनुशासनात्मक कार्रवाई को ड्राप किए जाने की मांग की है। जिला शिक्षा अधिकारी साहिब मोहम्मद खान ने जल्द ब्लॉकवार शिविर निस्तारण शिविर लगाकर कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया। इस मौके पर देवेन्द्र सिंह कुशवाह, संदीप शुक्ला, अमित शर्मा, राजेश ठाकुर, देवेंद्र त्यागी, कुलदीप गौतम, विजय गर्ग, दीनदयाल त्यागी, ममता, निशा देवी, पुरषोत्तम शर्मा, सत्यप्रकाश जगरिया, नरेश गुर्जर सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।
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