सितंबर 2012 और 2013 में नियुक्त तीसरे संशोधित परिणाम के कारण मेरिट से
बाहर हुए और उस दौरान एसटीसी कर रहे शिक्षक तीन माह में स्थाई होंगे।
गुरुवार को जोधपुर उच्च न्यायालय ने इन शिक्षकों का तीन माह के भीतर
स्थायीकरण करने का आदेश दिया।
ये आदेश न्यायमूर्ति दिनेश मेहता ने जारी किए। राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने बताया कि उदयपुर जिले सहित प्रदेश के 25 जिलों के शिक्षक पांच साल बाद भी स्थायीकरण से वंचित हैं। तीसरे संशोधित परिणाम से बाहर हुए और रनिंग एसटी़सी वाले 380 शिक्षकों ने उनके संघ के मार्गदर्शन में रईस खान, सीता कुमारी, संजय चौधरी, विद्या टांक, हेमंत और किशन लाल माली के नाम से 6 अलग-अलग याचिका जोधपुर उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर कोटवानी के माध्यम से पेश की थी। उस पर 25 मई को न्यायमूर्ति ने फैसला सुनाते हुए सभी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को याचिकाकर्ता शिक्षकों का तीन माह में स्थायीकरण कर बकाया एरियर अौर अन्य परिलाभ देने का फैसला सुनाया। चौहान और जिलाध्यक्ष नवीन व्यास ने सरकार से इस फैसले के अनुसार इन शिक्षकों का जल्दी स्थायीकरण कराने की मांग की है।
ये आदेश न्यायमूर्ति दिनेश मेहता ने जारी किए। राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने बताया कि उदयपुर जिले सहित प्रदेश के 25 जिलों के शिक्षक पांच साल बाद भी स्थायीकरण से वंचित हैं। तीसरे संशोधित परिणाम से बाहर हुए और रनिंग एसटी़सी वाले 380 शिक्षकों ने उनके संघ के मार्गदर्शन में रईस खान, सीता कुमारी, संजय चौधरी, विद्या टांक, हेमंत और किशन लाल माली के नाम से 6 अलग-अलग याचिका जोधपुर उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर कोटवानी के माध्यम से पेश की थी। उस पर 25 मई को न्यायमूर्ति ने फैसला सुनाते हुए सभी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को याचिकाकर्ता शिक्षकों का तीन माह में स्थायीकरण कर बकाया एरियर अौर अन्य परिलाभ देने का फैसला सुनाया। चौहान और जिलाध्यक्ष नवीन व्यास ने सरकार से इस फैसले के अनुसार इन शिक्षकों का जल्दी स्थायीकरण कराने की मांग की है।
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