गिरिराज चावड़ा : शपथपत्र में आवेदन की अंतिम तिथि 17 सितंबर 2007 और
साक्षात्कार की तिथि 16 मार्च 2008 बताई गई है। शपथ पत्र में बताया गया है
कि उन्होंने योग्यता 22 जनवरी 1995 को हासिल की थी। महेंद्र चायल का दावा
है कि उन्होंने नेट वर्ष 2006 में ही उत्तीर्ण कर ली थी और आवेदन की अंतिम
तिथि तक वे योग्य हो चुके थे।
शपथ पत्र में इन शिक्षकों के नाम
अशोककुमार बोहरा, कल्पना नारायण, एसएन मोदी, एमएल वडेरा, पीके भंडारी, राकेश मेहता, एमएल सोनी, राजेंद्र भंसाली, सुधीर कुमार जैन, अमिता चावड़ा, गिरिराज चायल महेंद्र कुमार। इसके अलावा स्टूडेंट सर्विस बोर्ड के सचिव जालमसिंह रावलोत का नाम भी सूची में शामिल है।
पत्रमिला है, जवाब भेजेंगे
^एसीबीकी ओर से इस संबंध में पत्र मिला है। इन 13 शिक्षकों कर्मचारियों के बारे में सूचना दस्तावेज मांगे गए हैं। संबंधित अधिकारियों को दस्तावेज तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं, तैयार कर शीघ्र ही भेज दिए जाएंगे। -प्रो. आरपी सिंह, कुलपति, जेएनवीयू
एजुकेशन रिपोर्टर. जोधपुर | जयनारायणव्यास विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में विवि प्रशासन की ओर से कोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत कर कहा गया था कि आवेदन की अंतिम तिथि के बाद और साक्षात्कार से पहले शैक्षणिक योग्यताएं जोड़ी जा सकती हैं। इसमें उदाहरण देते हुए बताया गया कि यह कुलपति के अधिकार क्षेत्र में है। तत्कालीन कुलपति प्रो. बीएस राजपुरोहित के कार्यकाल में हुई नियुक्तियों में जब अंतिम तिथि के बाद योग्यताएं जोड़ने का मामला उठा तो विवि प्रशासन ने वर्ष 1979 से 2008 तक की नियुक्तियाें के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि इनकी योग्यता भी आवेदन की तिथि बीतने के बाद पूरी हुई थी। इस मामले में एक तरफ विश्वविद्यालय से एसीबी ने जवाब मांग लिया है, दूसरी तरफ इनमें से कुछ शिक्षकों ने अपने दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय के शपथ पत्र पर ही सवाल उठा दिए हैं। कुलपति की ओर से दस्तावेज तैयार कर एसीबी को भेजने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।
1. प्रो. एसएन मोदी : शपथपत्र में आवेदन की अंतिम तिथि 30 जुलाई 1979 बताई गई है, जबकि उस वक्त मोदी एमकॉम के स्टूडेंट थे। वे 26 अगस्त 1979 में योग्य हो गए थे और आवेदन की अंतिम तिथि 10 सितंबर 1979 थी। साक्षात्कार अक्टूबर में हुए और 24 अक्टूबर को नियुक्ति हुई। स्थायी करने के लिए साक्षात्कार जुलाई 1980 में हुए थे।
2.डॉ. महेंद्र कुमार : शपथपत्र में आवेदन की अंतिम तिथि 24 जून 1995 और उनकी योग्यता हासिल करने की तिथि 13 जुलाई 1995 बताई गई है। महेंद्र कुमार ने कुलपति प्रो. आरपी सिंह को पत्र भेजकर कहा कि उन्होंने योग्यता के तौर पर नेट पात्रता 23 नवंबर 1994 को ही पूर्ण कर ली थी, जबकि आवेदन तो 24 जून 1995 तक लिए जा रहे थे।
शपथ पत्र में इन शिक्षकों के नाम
अशोककुमार बोहरा, कल्पना नारायण, एसएन मोदी, एमएल वडेरा, पीके भंडारी, राकेश मेहता, एमएल सोनी, राजेंद्र भंसाली, सुधीर कुमार जैन, अमिता चावड़ा, गिरिराज चायल महेंद्र कुमार। इसके अलावा स्टूडेंट सर्विस बोर्ड के सचिव जालमसिंह रावलोत का नाम भी सूची में शामिल है।
पत्रमिला है, जवाब भेजेंगे
^एसीबीकी ओर से इस संबंध में पत्र मिला है। इन 13 शिक्षकों कर्मचारियों के बारे में सूचना दस्तावेज मांगे गए हैं। संबंधित अधिकारियों को दस्तावेज तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं, तैयार कर शीघ्र ही भेज दिए जाएंगे। -प्रो. आरपी सिंह, कुलपति, जेएनवीयू
एजुकेशन रिपोर्टर. जोधपुर | जयनारायणव्यास विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में विवि प्रशासन की ओर से कोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत कर कहा गया था कि आवेदन की अंतिम तिथि के बाद और साक्षात्कार से पहले शैक्षणिक योग्यताएं जोड़ी जा सकती हैं। इसमें उदाहरण देते हुए बताया गया कि यह कुलपति के अधिकार क्षेत्र में है। तत्कालीन कुलपति प्रो. बीएस राजपुरोहित के कार्यकाल में हुई नियुक्तियों में जब अंतिम तिथि के बाद योग्यताएं जोड़ने का मामला उठा तो विवि प्रशासन ने वर्ष 1979 से 2008 तक की नियुक्तियाें के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि इनकी योग्यता भी आवेदन की तिथि बीतने के बाद पूरी हुई थी। इस मामले में एक तरफ विश्वविद्यालय से एसीबी ने जवाब मांग लिया है, दूसरी तरफ इनमें से कुछ शिक्षकों ने अपने दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय के शपथ पत्र पर ही सवाल उठा दिए हैं। कुलपति की ओर से दस्तावेज तैयार कर एसीबी को भेजने के निर्देश भी दे दिए गए हैं।
1. प्रो. एसएन मोदी : शपथपत्र में आवेदन की अंतिम तिथि 30 जुलाई 1979 बताई गई है, जबकि उस वक्त मोदी एमकॉम के स्टूडेंट थे। वे 26 अगस्त 1979 में योग्य हो गए थे और आवेदन की अंतिम तिथि 10 सितंबर 1979 थी। साक्षात्कार अक्टूबर में हुए और 24 अक्टूबर को नियुक्ति हुई। स्थायी करने के लिए साक्षात्कार जुलाई 1980 में हुए थे।
2.डॉ. महेंद्र कुमार : शपथपत्र में आवेदन की अंतिम तिथि 24 जून 1995 और उनकी योग्यता हासिल करने की तिथि 13 जुलाई 1995 बताई गई है। महेंद्र कुमार ने कुलपति प्रो. आरपी सिंह को पत्र भेजकर कहा कि उन्होंने योग्यता के तौर पर नेट पात्रता 23 नवंबर 1994 को ही पूर्ण कर ली थी, जबकि आवेदन तो 24 जून 1995 तक लिए जा रहे थे।
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