नेशनल दुनिया, जयपुर। धौलपुर चंबल के नजदीक होने के कारण हमेशा खौफ का पर्याय रहा है। कुछ इसी तरह का खौफ इन दिनों सरकार को सता रहा है। यह बात और है कि यह खौफ डकैतों का नहीं है। धौलपुर में जो खौफ है, वह अब धीरे—धीरे सरकार के सिर चढ़कर बोलने लगा है।
यही कारण है कि धौलपुर चुनाव को देखते हुए पूरी सरकार हिल गई है। हालात इस कदर करवट ले रहे हैं कि खुद सीएम ने इनको बुलाकर पूछा है कि ‘बता तेरी रजा क्या है’?
बात कर रहे हैं राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की। ये संघ बीते चार साल से अपनी मांगों को लेकर सरकार, मंत्रियों और संबंधित तमाम अधिकारियों से हाथा—जोड़ी करके थक चुका है। हजारों पदों पर लाखों लोगों ने उम्मीद लगाई हुई है, किंतु इसके बावजूद मामला कभी कोर्ट में, कभी आचार संहिता में तो कभी नियमों में फंसकर रह जाता है।
लेकिन अब, जबकि धौलपुर में उपचुनाव होने जा रहे हैं तो बेरोजगारों ने वहां पर ढेरा डालकर सरकार की खिलाफत शुरू कर दी है, जिससे राज्य सरकार घबरा गई। सरकार ने सूचना मिलते ही पहले पुलिस को सक्रिय किया, लेकिन जब बात नहीं बनी तो सरकार के मंत्रियों ने कमान संभाली। इसके बाद मंत्रियों की ओर से बेरोजगारों के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव को वार्ता का न्योता मिला।
उन्होंने सीएम वसुंधरा राजे के अलावा किसी से बात करने से मना कर दिया। इसके लिए यादव समाज के मंत्री जसवंत यादव से भी कहलवाया गया, लेकिन फिर भी वे नहीं माने। आखिर पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने फोन कर सीएम से बात करवाने के लिए यादव को जयपुर बुलाया।
सोमवार को देर शाम मुख्यमंत्री राजे से बेरोजगारों की बात हुई। सीएम ने उनको आश्वासन दिया कि वे बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। साथ ही अपने पीए गजानंद शर्मा को भी बेरोजगारों की उनसे वार्ता नहीं करवाने के लिए फटकार लगाने की सूचना मिली है।
उपेन यादव ने बताया कि उसके बाद सोमवार को ही विधानसभा में स्वयं राजेंद्र राठ़ौड़ व अरूण चतुर्वेदी से मुलाकात हुई, लेकिन वार्ता बेनतीजा होने के कारण आज फिर से बुलाया गया है।
पुलिस बोली हो जाएगा एनकाउंटर!
बेरोजगाारों ने बताया कि धौलपुर में सरकार के खिलाफ प्रचार करने के लिए पहले पुलिस प्रशासन की ओर से मना करवाया गया, लेकिन जब वे नहीं माने तो उनको एनकाउंटर तक की धमकी मिली।
इनका कहना है—
वर्तमान में सरकार मुझपर नजर बनाए हुए है। मुझे और मेरे साथियों से कुछ भी हो सकता है। हमको धमकियां मिल रही हैं कि डकैतों के साथ फंसाकर एनकाउंटर कर दिया जाएगा।
उपेन यादव, अध्यक्ष बेरोजगार एकीकृत महासंघ
यही कारण है कि धौलपुर चुनाव को देखते हुए पूरी सरकार हिल गई है। हालात इस कदर करवट ले रहे हैं कि खुद सीएम ने इनको बुलाकर पूछा है कि ‘बता तेरी रजा क्या है’?
बात कर रहे हैं राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की। ये संघ बीते चार साल से अपनी मांगों को लेकर सरकार, मंत्रियों और संबंधित तमाम अधिकारियों से हाथा—जोड़ी करके थक चुका है। हजारों पदों पर लाखों लोगों ने उम्मीद लगाई हुई है, किंतु इसके बावजूद मामला कभी कोर्ट में, कभी आचार संहिता में तो कभी नियमों में फंसकर रह जाता है।
लेकिन अब, जबकि धौलपुर में उपचुनाव होने जा रहे हैं तो बेरोजगारों ने वहां पर ढेरा डालकर सरकार की खिलाफत शुरू कर दी है, जिससे राज्य सरकार घबरा गई। सरकार ने सूचना मिलते ही पहले पुलिस को सक्रिय किया, लेकिन जब बात नहीं बनी तो सरकार के मंत्रियों ने कमान संभाली। इसके बाद मंत्रियों की ओर से बेरोजगारों के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव को वार्ता का न्योता मिला।
उन्होंने सीएम वसुंधरा राजे के अलावा किसी से बात करने से मना कर दिया। इसके लिए यादव समाज के मंत्री जसवंत यादव से भी कहलवाया गया, लेकिन फिर भी वे नहीं माने। आखिर पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने फोन कर सीएम से बात करवाने के लिए यादव को जयपुर बुलाया।
सोमवार को देर शाम मुख्यमंत्री राजे से बेरोजगारों की बात हुई। सीएम ने उनको आश्वासन दिया कि वे बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। साथ ही अपने पीए गजानंद शर्मा को भी बेरोजगारों की उनसे वार्ता नहीं करवाने के लिए फटकार लगाने की सूचना मिली है।
उपेन यादव ने बताया कि उसके बाद सोमवार को ही विधानसभा में स्वयं राजेंद्र राठ़ौड़ व अरूण चतुर्वेदी से मुलाकात हुई, लेकिन वार्ता बेनतीजा होने के कारण आज फिर से बुलाया गया है।
पुलिस बोली हो जाएगा एनकाउंटर!
बेरोजगाारों ने बताया कि धौलपुर में सरकार के खिलाफ प्रचार करने के लिए पहले पुलिस प्रशासन की ओर से मना करवाया गया, लेकिन जब वे नहीं माने तो उनको एनकाउंटर तक की धमकी मिली।
इनका कहना है—
वर्तमान में सरकार मुझपर नजर बनाए हुए है। मुझे और मेरे साथियों से कुछ भी हो सकता है। हमको धमकियां मिल रही हैं कि डकैतों के साथ फंसाकर एनकाउंटर कर दिया जाएगा।
उपेन यादव, अध्यक्ष बेरोजगार एकीकृत महासंघ
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