स्टाइपेंड देने के मामले में सरकार के ढुलमुल रवैए के चलते बीएड,शिक्षा शास्त्री तथा बीएसटीसी प्रशिक्षणार्थियों में सरकार के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है। माध्यमिक शिक्षा आयोग 1952-53 के अध्यापक शिक्षा संबंधी
सुझाव में प्रशिक्षणार्थियों को स्टाइपेंड देने का प्रावधान है,लेकिन बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद इस मुद्दे पर सरकार द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं करने से आक्रोशित प्रशिक्षणार्थियों ने आंदोलन पर उतरने की चेतावनी दी। सरस डेयरी क्षेत्र में रविवार को बीएड,शिक्षा शास्त्री बीएसटीसी संघ की जिलाध्यक्ष जिनेंद्र जैन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आंदोलन के समर्थन में प्रशिक्षणार्थियों के स्वर मुखर हुए।
जिलाध्यक्ष जिनेंद्र जैन ने राज्य सरकार के इस फैसले काे स्वागत योग्य बताया कि प्रशिक्षण काल के दौरान 5 माह तक प्रशिक्षणार्थियों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ना होगा। इसका प्रशिक्षणार्थियों को बड़ा लाभ मिलेगा,लेकिन सरकार प्रशिक्षणार्थियों को स्टाइपेंड देने के मामले में चुप्पी साधे हुए है।
एक-दो नहीं,बल्कि कई बार ज्ञापन देने के बावजूद प्रशिक्षणार्थियों की इस मांग पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार के इस तरह के एटीट्यूड से प्रशिक्षणार्थियों के सीने में आग सुलग रही है,जो धधकी तो सरकार के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।
जिलाध्यक्ष जिनेंद्र जैन ने दोहराया कि प्रशिक्षणार्थी सरकार के लिए कोई टेंशन पैदा करना नहीं चाहते हैं,लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो मजबूर आंदोलन पर उतरना पड़ेगा। उपाध्यक्ष रवि कुमार लोदवाल ने सरकार पर प्रशिक्षणार्थियों का शोषण करने का आरोप लगाया,लेकिन ऐसा ज्यादा दिन तक नहीं होने देंगे। बैठक को अमीषा नरानियां,ममता बैरवा,रजनीकांत चतुर्वेदी आदि संबोधित किया।
सुझाव में प्रशिक्षणार्थियों को स्टाइपेंड देने का प्रावधान है,लेकिन बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद इस मुद्दे पर सरकार द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं करने से आक्रोशित प्रशिक्षणार्थियों ने आंदोलन पर उतरने की चेतावनी दी। सरस डेयरी क्षेत्र में रविवार को बीएड,शिक्षा शास्त्री बीएसटीसी संघ की जिलाध्यक्ष जिनेंद्र जैन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आंदोलन के समर्थन में प्रशिक्षणार्थियों के स्वर मुखर हुए।
जिलाध्यक्ष जिनेंद्र जैन ने राज्य सरकार के इस फैसले काे स्वागत योग्य बताया कि प्रशिक्षण काल के दौरान 5 माह तक प्रशिक्षणार्थियों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ना होगा। इसका प्रशिक्षणार्थियों को बड़ा लाभ मिलेगा,लेकिन सरकार प्रशिक्षणार्थियों को स्टाइपेंड देने के मामले में चुप्पी साधे हुए है।
एक-दो नहीं,बल्कि कई बार ज्ञापन देने के बावजूद प्रशिक्षणार्थियों की इस मांग पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार के इस तरह के एटीट्यूड से प्रशिक्षणार्थियों के सीने में आग सुलग रही है,जो धधकी तो सरकार के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।
जिलाध्यक्ष जिनेंद्र जैन ने दोहराया कि प्रशिक्षणार्थी सरकार के लिए कोई टेंशन पैदा करना नहीं चाहते हैं,लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो मजबूर आंदोलन पर उतरना पड़ेगा। उपाध्यक्ष रवि कुमार लोदवाल ने सरकार पर प्रशिक्षणार्थियों का शोषण करने का आरोप लगाया,लेकिन ऐसा ज्यादा दिन तक नहीं होने देंगे। बैठक को अमीषा नरानियां,ममता बैरवा,रजनीकांत चतुर्वेदी आदि संबोधित किया।
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