अलवर. अलवर जिले में प्रान
नंबर (परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नम्बर) में गफलत के कारण सैकड़ों
शिक्षकों के करोड़ों रुपए का अता-पता नहीं है। सैकड़ों कर्मचारियों के वेतन
से की जाने वाली कटौती के पुराने कागजात तक नहीं मिल रहे हैं।
2013 से राज्य कर्मचारियों के वेतन से की जाने वाली कटौती को ऑनलाइन किया गया। इस कटौती के लिए कर्मचारियों को खाता नंबर और पासवर्ड दिए ताकि अपनी कटौतियों को देख सकें। इस खाता नंबर को प्रान नाम दिया गया जो (परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नम्बर ) होता है।
करोड़ों रुपए गुम
ऑनलाइन अकाउंट के बाद अलवर जिले के सैकड़ों शिक्षकों को पता चला कि उनके खाते में जमा हुए राशि ऑनलाइन दिख नहीं रही।
पहला मामला किशनगढ़बास ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का सामने आया। वहां कार्यरत्त शिक्षकों के 2006 से 2009 तक कटौती बीमा व प्रावधायी निधि विभाग को भेजी नहीं गई। इतनी ही राशि सरकार की ओर से जमा होनी थी जो मूल रकम जमा होने पर ही देय है।
आरटीआई में हुआ खुलासा
इस मामले में शिखक संघ अरस्तु के प्रदेश महामंत्री लालाराम सैनी ने आरटीआई लगाई तो यह सामने आया कि अलवर जिले के किशनगढ़बास में ही इससे करीब 300 शिक्षकों का 1 करोड़ रुपए बकाया है।
इसी प्रकार एेसी ही राशि अन्य ब्लॉकों की बनी हुई है। किशनगढ़बास ब्लॉक में तो जमा हुई राशि के कागजात तक नहीं मिल रहे हैं।
सात दिन का समय दिया
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक रोहिताश मित्तल ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी किशनगढ़बास का निरीक्षण कर कटौती से सम्बन्धित कागजात देखे।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इस अवधि का रिकार्ड पानी से खराब हो गया है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों को एक सप्ताह में इस मामले में उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
यह कहते हैं शिक्षा अधिकारी और शिक्षक नेता
जिला शिक्षाा अधिकाारी रोहिताश मित्तल कहते हैं कि किशगनढ़बास ब्लॉक के बहुत से शिक्षकों के खाते में उनकी कटौती की राशि जमा नहीं हुई जिसे दुरूस्त कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसका पूरा रिकार्ड भी नहीं मिल रहा है। इस मामले में बीमा व प्रावधायी निधि विभाग से निरन्तर सम्पर्क किया जा रहा है।
शिक्षक संघ अरस्तु के प्रदेश महामंत्री लालाराम सैनी ने बताया कि अलवर जिले में सैकड़ों शिक्षकों की वेतन कटौती का पैसा जमा ही नहीं हुआ है जिसके कारण सैकड़ों शिक्षक प्रभाावित हो रहे हैं। इस मामले में कई प्रार्थना पत्र सम्बन्धित विभाग को दिए हैं।
शिक्षक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनोज यादव के अनुसार अलवर जिले में सैकड़ों शिक्षक एेसे हैं जिनकी करोड़ों की कटौती राशि जमा ही नहीं हुई । इस मामले में संघ पदाधिकारी प्रयास कर रहे हैं।
पंचायती राज शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ऋषि यादव का कहना है कि किशनगढ़बास ब्लॉक सहित कई ब्लॉकों के शिक्षकों की पूर्व में की गई वेतन कटौती की जानकारी नहीं मिल रही है। इसके कारण शिक्षकों को भारी परेशानी हो रही है।
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2013 से राज्य कर्मचारियों के वेतन से की जाने वाली कटौती को ऑनलाइन किया गया। इस कटौती के लिए कर्मचारियों को खाता नंबर और पासवर्ड दिए ताकि अपनी कटौतियों को देख सकें। इस खाता नंबर को प्रान नाम दिया गया जो (परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नम्बर ) होता है।
करोड़ों रुपए गुम
ऑनलाइन अकाउंट के बाद अलवर जिले के सैकड़ों शिक्षकों को पता चला कि उनके खाते में जमा हुए राशि ऑनलाइन दिख नहीं रही।
पहला मामला किशनगढ़बास ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का सामने आया। वहां कार्यरत्त शिक्षकों के 2006 से 2009 तक कटौती बीमा व प्रावधायी निधि विभाग को भेजी नहीं गई। इतनी ही राशि सरकार की ओर से जमा होनी थी जो मूल रकम जमा होने पर ही देय है।
आरटीआई में हुआ खुलासा
इस मामले में शिखक संघ अरस्तु के प्रदेश महामंत्री लालाराम सैनी ने आरटीआई लगाई तो यह सामने आया कि अलवर जिले के किशनगढ़बास में ही इससे करीब 300 शिक्षकों का 1 करोड़ रुपए बकाया है।
इसी प्रकार एेसी ही राशि अन्य ब्लॉकों की बनी हुई है। किशनगढ़बास ब्लॉक में तो जमा हुई राशि के कागजात तक नहीं मिल रहे हैं।
सात दिन का समय दिया
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक रोहिताश मित्तल ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी किशनगढ़बास का निरीक्षण कर कटौती से सम्बन्धित कागजात देखे।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इस अवधि का रिकार्ड पानी से खराब हो गया है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों को एक सप्ताह में इस मामले में उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
यह कहते हैं शिक्षा अधिकारी और शिक्षक नेता
जिला शिक्षाा अधिकाारी रोहिताश मित्तल कहते हैं कि किशगनढ़बास ब्लॉक के बहुत से शिक्षकों के खाते में उनकी कटौती की राशि जमा नहीं हुई जिसे दुरूस्त कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसका पूरा रिकार्ड भी नहीं मिल रहा है। इस मामले में बीमा व प्रावधायी निधि विभाग से निरन्तर सम्पर्क किया जा रहा है।
शिक्षक संघ अरस्तु के प्रदेश महामंत्री लालाराम सैनी ने बताया कि अलवर जिले में सैकड़ों शिक्षकों की वेतन कटौती का पैसा जमा ही नहीं हुआ है जिसके कारण सैकड़ों शिक्षक प्रभाावित हो रहे हैं। इस मामले में कई प्रार्थना पत्र सम्बन्धित विभाग को दिए हैं।
शिक्षक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनोज यादव के अनुसार अलवर जिले में सैकड़ों शिक्षक एेसे हैं जिनकी करोड़ों की कटौती राशि जमा ही नहीं हुई । इस मामले में संघ पदाधिकारी प्रयास कर रहे हैं।
पंचायती राज शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ऋषि यादव का कहना है कि किशनगढ़बास ब्लॉक सहित कई ब्लॉकों के शिक्षकों की पूर्व में की गई वेतन कटौती की जानकारी नहीं मिल रही है। इसके कारण शिक्षकों को भारी परेशानी हो रही है।
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