जयपुर.अचल
संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी को गुजर गई,
लेकिन प्रदेश के करीब 1408 आईएएस, आईपीएस, आईएफएस सहित अन्य अफसरों में से
916 ने कोई ब्योरा नहीं दिया। इनमें प्रदेश के मुख्य सचिव ओपी मीणा, पुलिस
महानिदेशक मनोज भट्ट और पीसीसीएफ सीएस रत्ना स्वामी भी शामिल हैं।
बड़ा
सवाल ये है कि जब आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों के मुखिया ही यह जानकारी
नहीं दे रहे तो उनके मातहत इसका खुलासा क्यों करेंगे? प्रदेश के 245 आईएएस
अफसरों में से 94 और 189 आईपीएस अफसरों में से 144 ने संपत्ति की सूचना
सार्वजनिक नहीं की है। इसके अलावा 617 आरएएस अफसरों ने भी जानकारी मुहैया
नहीं कराई है।
94 आईएएस अफसरों की जानकारी बाकी
आईएएस
अफसरों में मुख्य सचिव ओपी मीणा, प्रमुख सचिव वित्त प्रेम सिंह मेहरा,
प्रमुख सचिव मनजीत सिंह, प्रमुख सचिव आलोक, सचिव वित्त प्रवीण गुप्ता, सचिव
पशुपालन कुंजी लाल मीणा, सचिव वित्त नवीन महाजन, आयुक्त कालेज शिक्षा
आशुतोष पेंडनेकर, कलेक्टर जयपुर सिद्वार्थ महाजन, एनएचएम निदेशक एवं सचिव
स्वास्थ्य नवीन जैन, प्रीतम बी यशवंत प्रमुख नाम है, जिनकी संपत्ति
सार्वजनिक नहीं की गई है।
144 आईपीएस ने नहीं दिया संपत्ति का रिकार्ड
डीजीपी
मनोज भट्ट, भूपेंद्र सिंह, भूपेंद्र दक, ए पोनूचामी, अजीत सिंह, अशोक
कुमार राठौड़, डीसी जैन, गोविंद गुप्ता, इंदू भूषण, जसवंत संपतराम, कपिल
गर्ग, मालिनी अग्रवाल, ओम प्रकाश गहलोत, राजीव कुमार दासोत, पंकज चौधरी,
सुधाकर जौहरी, सहित राज्य के 144 आईपीएस ने रिटर्न जमा नहीं कराया है।
151 में से अधिकांश ने पुराना ब्योरा ही कॉपी कर दिया
राज्य
के जिन 151 आईएएस अफसरों ने प्रापर्टी रिटर्न जमा कराया है। उनमें से कुछ
अफसरों को छोड़कर ज्यादातर अफसरों का ब्योरा पुराना ही है। अफसरों ने पिछले
साल जितनी अचल संपत्ति दर्शाई थी, उतनी ही इस साल भी दर्शाई है। खास बात
यह है कि उन अफसरों ने प्राॅपर्टी की कीमत भी वही बताई है, जो पिछले साल
थी।
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