जयपुर प्रो. बी. एम. शर्मा,
पूर्व चेयरमैन, आरपीएससी ने बताया की बजट में शिक्षा के लिहाज से कोई विजन
नहीं दिखा। प्रधानमंत्री अधिकांश मंचों से मन की बात जैसे कार्यक्रम में
छात्रों के लिए चिंता जताते हैं।
बजट में उन बातों का कहीं फलीतार्थ नजर नहीं आया। देश की कोई भी उच्च शिक्षण संस्थान दुनिया की शीर्ष 200 संस्थाओं में नहीं है, बजट में इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई।
यूजीसी में सुधार की बात की गई है। जबकि यूजीसी रेग्यूलेटरी बॉडी है। सुधार की दरकार उच्च शिक्षण संस्थाओं में थी। उच्च शिक्षा की प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं के लिए राष्ट्रीय एजेंसी गठन की घोषणा की है। यह प्रशासनिक बदलाव है इससे व्यवस्था में बदलाव के संकेत नहीं हैं। बजट में टुकड़ों में कई प्रावधान किए गए हैं, पर कार्यक्रम नहीं हैं।
बजट में उन बातों का कहीं फलीतार्थ नजर नहीं आया। देश की कोई भी उच्च शिक्षण संस्थान दुनिया की शीर्ष 200 संस्थाओं में नहीं है, बजट में इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई।
यूजीसी में सुधार की बात की गई है। जबकि यूजीसी रेग्यूलेटरी बॉडी है। सुधार की दरकार उच्च शिक्षण संस्थाओं में थी। उच्च शिक्षा की प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं के लिए राष्ट्रीय एजेंसी गठन की घोषणा की है। यह प्रशासनिक बदलाव है इससे व्यवस्था में बदलाव के संकेत नहीं हैं। बजट में टुकड़ों में कई प्रावधान किए गए हैं, पर कार्यक्रम नहीं हैं।
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