जयपुर, 3 फरवरी। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने राज्य में 5 वीं एवं 8 वीं की परीक्षाएं बोर्ड के पैटर्न पर कराए जाने के साथ ही परीक्षाओं में पूर्ण सजगता रखते हुए इनकी सभी व्यवस्थाओं के लिए समयबद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने परीक्षाओं की गोपनीयता सभी स्तराें पर बनाए रखने तथा प्रत्येक राजस्व ग्राम में आवश्यकतानुसार इस सबंध में परीक्षा केन्द्र बनाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाने, विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करने तथा अध्यापन की बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास किए जाने के भी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में विद्यार्थियों के सीखने के स्तर में 8 से 20 प्रतिशत हुई वृद्धि को देशभर में सराहा गया है, प्रयास करें कि आगामी सत्र में प्रदेश शैक्षिक दृष्टि से देशभर में प्रथम रहे। प्रो. देवनानी शुक्रवार को यहां शिक्षा संकुल में शिक्षा अधिकारियों की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभगा से संबंधित विद्यालय विकास योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किए जाने, विद्यालयों में नए सत्र से पहले-पहले आई.सी.टी. लैब की शत-प्रतिशत स्थापना करने तथा इसके लिए जन सहभागिता योजना के तहत भामाशाहों का सहयोग लिए जाने पर भी जोर दिया। शिक्षा राज्य मंत्री ने बैठक में शिक्षा विभाग से संबंधित न्यायालय प्रकरणों की भी विशेष रूप से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोर्ट केसेज के समुचित निस्तारण के लिए विभागीय स्तर पर पोर्टल का निर्माण किया गया है।
इसमें प्रकरणों से संबंधित समस्त जानकारी फीड करने के साथ भी यह भी सुनिश्चित किया जाए कि विभागीय स्तर पर समय पर प्रकरणों की पैरवी हो। उन्होंने कोर्ट केसेज को न्यूनतम कैसे किया जाए, इस पर भी योजनाबद्ध तरीके से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि न्यायालय में लंबित विभागीय प्रकरणों के समुचित निस्तारण पर पर जोर देते हुए कहा कि प्रकरणों में विलम्ब के लिए दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। प्रो. देवनानी ने कहा कि राजस्थान देशभर में पहला ऎसा राज्य है जहां पर पंचायत एजूकेशन ऑफिसर का प्रावधान किया गया है। इससे अब पंचायत स्तर पर शैक्षिक सुदृढ़ता के लिए प्रभावी प्रयास हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि पंचायत एजूकेशन ऑफिसर कार्यालयों को सुदृढ़ करने के लिए भी राज्य सरकार संसाधन उपलब्ध कराएगी। शिक्षा राज्य मंत्री ने विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था के सबंध में भी बैठक में जानकारी ली तथा कहा कि विद्यार्थियों का शिक्षण किसी भी स्तर पर बाधित नहीं हो, इसे सभी स्तरों पर अधिकारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जहां आवश्कयता है वहां पर बीएड, एसटीसी प्रशिक्षणार्थियों को विद्यालयों में शिक्षण के लिए लगाकर गुणवत्तापूर्ण पूर्ण शिक्षण सुनिश्चित किया जाए। बैठक में सर्व शिक्षा अभियान के आयुक्त श्री जोगाराम ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश में रही उपलब्धियोंके बारे में जानकारी दी तथा कहा कि प्राथमिक शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए प्रभावी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। बैठक में राज्य भर से आए शिक्षा अधिकारियों ने भी शिक्षा की बेहतरी के लिए अपने सुझाव दिए।
उन्होंने परीक्षाओं की गोपनीयता सभी स्तराें पर बनाए रखने तथा प्रत्येक राजस्व ग्राम में आवश्यकतानुसार इस सबंध में परीक्षा केन्द्र बनाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाने, विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करने तथा अध्यापन की बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास किए जाने के भी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में विद्यार्थियों के सीखने के स्तर में 8 से 20 प्रतिशत हुई वृद्धि को देशभर में सराहा गया है, प्रयास करें कि आगामी सत्र में प्रदेश शैक्षिक दृष्टि से देशभर में प्रथम रहे। प्रो. देवनानी शुक्रवार को यहां शिक्षा संकुल में शिक्षा अधिकारियों की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभगा से संबंधित विद्यालय विकास योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किए जाने, विद्यालयों में नए सत्र से पहले-पहले आई.सी.टी. लैब की शत-प्रतिशत स्थापना करने तथा इसके लिए जन सहभागिता योजना के तहत भामाशाहों का सहयोग लिए जाने पर भी जोर दिया। शिक्षा राज्य मंत्री ने बैठक में शिक्षा विभाग से संबंधित न्यायालय प्रकरणों की भी विशेष रूप से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोर्ट केसेज के समुचित निस्तारण के लिए विभागीय स्तर पर पोर्टल का निर्माण किया गया है।
इसमें प्रकरणों से संबंधित समस्त जानकारी फीड करने के साथ भी यह भी सुनिश्चित किया जाए कि विभागीय स्तर पर समय पर प्रकरणों की पैरवी हो। उन्होंने कोर्ट केसेज को न्यूनतम कैसे किया जाए, इस पर भी योजनाबद्ध तरीके से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि न्यायालय में लंबित विभागीय प्रकरणों के समुचित निस्तारण पर पर जोर देते हुए कहा कि प्रकरणों में विलम्ब के लिए दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। प्रो. देवनानी ने कहा कि राजस्थान देशभर में पहला ऎसा राज्य है जहां पर पंचायत एजूकेशन ऑफिसर का प्रावधान किया गया है। इससे अब पंचायत स्तर पर शैक्षिक सुदृढ़ता के लिए प्रभावी प्रयास हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि पंचायत एजूकेशन ऑफिसर कार्यालयों को सुदृढ़ करने के लिए भी राज्य सरकार संसाधन उपलब्ध कराएगी। शिक्षा राज्य मंत्री ने विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था के सबंध में भी बैठक में जानकारी ली तथा कहा कि विद्यार्थियों का शिक्षण किसी भी स्तर पर बाधित नहीं हो, इसे सभी स्तरों पर अधिकारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जहां आवश्कयता है वहां पर बीएड, एसटीसी प्रशिक्षणार्थियों को विद्यालयों में शिक्षण के लिए लगाकर गुणवत्तापूर्ण पूर्ण शिक्षण सुनिश्चित किया जाए। बैठक में सर्व शिक्षा अभियान के आयुक्त श्री जोगाराम ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश में रही उपलब्धियोंके बारे में जानकारी दी तथा कहा कि प्राथमिक शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए प्रभावी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। बैठक में राज्य भर से आए शिक्षा अधिकारियों ने भी शिक्षा की बेहतरी के लिए अपने सुझाव दिए।
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