सीकर सीबीएसई स्कूलों में विशेष शिक्षक नहीं लगाना अब महंगा पड़ेगा। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग व सीबीएसई ने स्कूल प्रबंधकों को पांच दिन में विशेष शिक्षक लगाने के निर्देश दिए हैं।
स्कूलों को जारी पत्र में सीबीएसई के अतिरिक्त सचिव ने विशेष शिक्षक नहीं लगाने पर मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी है। आरटीई अधिनियम के तहत सभी विद्यालयों में विशेष शिक्षक होना अनिवार्य है। पिछले दिनों विशेष योग्यजन कल्याण व पुनर्वास समिति की अध्यक्ष सुनीता ने बाल संरक्षण आयोग व सीबीएसई में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद बाल संरक्षण आयोग व सीबीएसई ने यह आदेश जारी किए है। पिछले वर्ष भी सीबीएसई ने यह आदेश जारी किए थे। कई संचालकों ने अब तक विशेष शिक्षकों की नियुक्ति नहीं दी।
इसलिए सभी स्कूलों में आवश्यक
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कोई भी दिव्यांग बच्चा विशेष विद्यालय के अलावा किसी भी निजी विद्यालय में दाखिला ले सकता है। इसलिए सभी स्कूलों में मूक बधिकर, मानसिक विमंदित, नेत्रहीन व सीपी सहित विकलांगताओं से ग्रसित बच्चों के लिए शिक्षक होना अनिवार्य है। यदि किसी विद्यालय में एेसे विद्यार्थी नहीं होंगे तो उनको काउंसलर का काम दिया जा सकता है।
स्कूलों को जारी पत्र में सीबीएसई के अतिरिक्त सचिव ने विशेष शिक्षक नहीं लगाने पर मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी है। आरटीई अधिनियम के तहत सभी विद्यालयों में विशेष शिक्षक होना अनिवार्य है। पिछले दिनों विशेष योग्यजन कल्याण व पुनर्वास समिति की अध्यक्ष सुनीता ने बाल संरक्षण आयोग व सीबीएसई में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद बाल संरक्षण आयोग व सीबीएसई ने यह आदेश जारी किए है। पिछले वर्ष भी सीबीएसई ने यह आदेश जारी किए थे। कई संचालकों ने अब तक विशेष शिक्षकों की नियुक्ति नहीं दी।
इसलिए सभी स्कूलों में आवश्यक
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कोई भी दिव्यांग बच्चा विशेष विद्यालय के अलावा किसी भी निजी विद्यालय में दाखिला ले सकता है। इसलिए सभी स्कूलों में मूक बधिकर, मानसिक विमंदित, नेत्रहीन व सीपी सहित विकलांगताओं से ग्रसित बच्चों के लिए शिक्षक होना अनिवार्य है। यदि किसी विद्यालय में एेसे विद्यार्थी नहीं होंगे तो उनको काउंसलर का काम दिया जा सकता है।
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