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देवयानी महिला वर्ग में प्रदेश में टॉपर

डेगाना।बचपनमें दसवीं कक्षा में उसे एक शिक्षक ने राह दिखाई कि तुझे बड़ा होकर आरएएस बनना है। इसी को लक्ष्य बनाकर मोडरिया के सुखाराम पिंडेल आगे बढ़ते गए।
हर एक परीक्षा पास की, सेवाएं दी, आगे बढ़ते गए और अब उन्होंने आरएएस के परीक्षा परिणाम में प्रदेश में चौथी रैंक हासिल कर डेगाना का नाम रोशन किया है। पिंडेल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों व्याख्याता दरियाव चौधरी, संतोष कुमार ताडा, रामदेव जोशी ईड़वा, अजमेर की मंजू सिंह सहित अपने परिजनों को दिया है।

सुखाराम पिंडेल के गांव मोडरिया में बुधवार सुबह से ही दिनभर खुशी का माहौल रहा। किसान परिवार को दिनभर गांव सहित डेगाना जिलेभर के लोग, अधिकारी, जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीण बधाइयां दे रहे थे। भाई शिक्षक रामचंद्र पिंडेल ने बताया कि सुखाराम पिंडेल हमेशा से ही प्रतिभा का धनी रहे है। पिता मेवाराम पिंडेल, माता सीता देवी, चैनाराम कारेल, रूपसिंह, गोपाल पिंडेल, सियाराम मेघवाल, हनुमान पिंडेल, प्रकाश कूकणा, बंशीलाल चोयल सहित परिजनों ग्रामीणों ने एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर खुशी जताई।

पिताने उधार पैसे लेकर पढ़ाया, मैंने भी प्रयास किया

गांवमोडरिया के नवचयनित आरएएस सुखराम पिंडेल ने बताया कि पिता मेवाराम पिंडेल भेड़ें चराने का काम किया करते थे। पिता ने उधार पैसे लेकर मुझे पढ़ाया। उन्होंने कहा कि पिता ने साफ कहा था कि पैसे की चिंता मत करना और अपनी पढ़ाई जारी रखना। इसके बाद मैंने भी अपने ओर से पूरा प्रयास जारी रखा। 12 वीं तक की पढ़ाई के बाद मेरा ग्राम सेवक पद के लिए चयन हो गया था। 4 साल तक डेगाना के पालियास में ग्रामसेवक पद पर सेवाएं दी। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक पद पर चयन हो गया। इसके बाद व्याख्याता बना। फिर राजस्थान अधीनस्थ सेवा में चयन हुआ और वर्तमान में भीलवाड़ा में आबकारी निरीक्षक के पद पर सेवाएं दे रहा हूं। 

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