प्रदेशभर में जिलेवार सरकारी स्कूलों में नामांकन, बोर्ड परीक्षा परिणाम,
सुविधाओं को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से आंकलन किया गया। इसके आधार पर पहली
बार रैंकिंग जारी की गई है। इसमें प्रदेश के 33 जिलों में से बारांं 32वें
स्थान पर रहा है।
अब विभागीय अधिकारी स्कूलों और नोडल बैठकों में पहुंचकर स्थिति में सुधार के लिए हिदायत दे रहे हैं।
जिलावार कामकाज की समीक्षा के आधार पर प्रदेश में पहली बार शिक्षा विभाग ने जिलों की रैंकिंग जारी की है। कम रैंक की वजह है कि जिले के स्कूलों में मिरर नहीं है और ग्रीन बोर्ड की संख्या कम रही है। साथ ही स्कूलों के लिए अपेक्षित भूमि आवंटन भी नहीं हो सका है। शिक्षा में सुधार के लिए अब यह प्रक्रिया लगातार चलेगी। लिहाजा शिक्षा निदेशालय ने सलाह दी है कि परफॉर्मेंस सुधारा जाए। विभाग का मानना है कि इस योजना से शिक्षकों, शिक्षाधिकारियों में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी, जिससे परीक्षा परिणाम में सुधार की संभावना होगी। गौरतलब है कि सरकार ने आदर्श उत्कृष्ट स्कूलों को विकसित करने के लिए शैक्षिक मापदंड के अाधार पर प्रदेश के जिलों को रैंकिंग दी है।
अब विभागीय अधिकारी स्कूलों और नोडल बैठकों में पहुंचकर स्थिति में सुधार के लिए हिदायत दे रहे हैं।
जिलावार कामकाज की समीक्षा के आधार पर प्रदेश में पहली बार शिक्षा विभाग ने जिलों की रैंकिंग जारी की है। कम रैंक की वजह है कि जिले के स्कूलों में मिरर नहीं है और ग्रीन बोर्ड की संख्या कम रही है। साथ ही स्कूलों के लिए अपेक्षित भूमि आवंटन भी नहीं हो सका है। शिक्षा में सुधार के लिए अब यह प्रक्रिया लगातार चलेगी। लिहाजा शिक्षा निदेशालय ने सलाह दी है कि परफॉर्मेंस सुधारा जाए। विभाग का मानना है कि इस योजना से शिक्षकों, शिक्षाधिकारियों में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी, जिससे परीक्षा परिणाम में सुधार की संभावना होगी। गौरतलब है कि सरकार ने आदर्श उत्कृष्ट स्कूलों को विकसित करने के लिए शैक्षिक मापदंड के अाधार पर प्रदेश के जिलों को रैंकिंग दी है।
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