भास्कर संवाददाता | चित्तौड़गढ अन्य विभागों के जिलास्तरीय अधिकारियों के कार्य प्रदर्शन आधारित रेटिंग
की तर्ज पर शिक्षा विभाग के बीईईओ और नोडल प्रिंसिपल समेत शिक्षा
अधिकारियों की मासिक रेटिंग भी होगी। यह बात कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने
सोमवार को डीआरडीए हॉल में बालिका शिक्षा, जिला स्कूल सलाहकार की मीटिंग को
संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा की लालसा बच्चों की आंखोंं में दिखनी चाहिए। यदि यह काम शिक्षक कर पाएं तो सही मायने मे शिक्षक शिक्षा को समाज का केंद्र बना सकता है। अभिभावक बच्चों के आंखो में सपने जगाकर ही हम विशेषकर बालिकाओं को स्कूल से जोड़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा को लेकर अभिभावकों का व्यवहार परिवर्तन और मानसिकता को बदलने की हमारे सामने बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को हम प्रतिबद्धता और एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में ढल कर सकारात्मक परिणाम तक ले जा सकते हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के जरिए इस अभियान को आगे बढाने की जिला प्रशासन की मंशा को बताते हुए कलेक्टर ने कहा कि समाज में बेटियों का शिक्षित होना कई समस्याओं का समाधान है। सरकार ने विगत तीन सालों में शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन कर बता दिया है कि वो गंभीर है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम सुशिक्षित समाज बनाने की दिशा में पहल करें।
कलेक्टर ने शिक्षक के गिरते सम्मान पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कोशिश है कि समाज में उनकी योग्यता को नये सिरे से पहचान मिले। एक शिक्षक चुनाव, साक्षरता, स्वच्छभारत मिशन में जब अपरिहार्य बन जाता है तो क्या कारण है कि शिक्षा में गुणवत्ता को लेकर उसकी योग्यता पर प्रश्न चिह्न लगता है इस पर मंथन होना चाहिए। जिले के शिक्षकों पर मेरा विश्वास है कि वे जून 2018 तक जिले की सभी बालिकाओं को स्कूलो से जोड़ने का कार्य सफलता से करेंगे
बैठक में यह सुझाव आए ... डोरटू डोर सर्वे, सरकारी योजनाओं की प्रोत्साहन राशि की लाभार्थी तक शत प्रतिशत पंहुची,प्रचार प्रसार से जनजाग्रति, कामकाजी और वंचित वर्ग के लिए प्रयास, विद्यालय में बालिका कार्नर, प्रत्येक विद्यालय में महिला शिक्षक की अनिवार्यता, पंचायतों की भागीदारी, सहशैक्षिक और खेलकूद गतिविधियों को प्रोत्साहन, शिक्षा स्वयंसेवकों को आगे लाने पर चर्चा हुई।
भादसोड़ा की बेटी जिले की चैंपियन... बैठकमें राउमावि भादसोड़ा की छात्रा रही ज्योति नाहर की चर्चा सरकारी स्कूल की गुणवत्ता और जिले की बालिकाओं के लिए एक चैंपियन के रूप में करते हुए कलेक्टर ने कहा कि काॅमर्स में यह बालिका राज्य स्तरीय मेरिट में सरकारी स्कूल की छात्रा के रूप में जिले को गौरवान्वित कर सकती है तो हमारे प्रयासों से हर बालिका ज्योति बन सकती है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा की लालसा बच्चों की आंखोंं में दिखनी चाहिए। यदि यह काम शिक्षक कर पाएं तो सही मायने मे शिक्षक शिक्षा को समाज का केंद्र बना सकता है। अभिभावक बच्चों के आंखो में सपने जगाकर ही हम विशेषकर बालिकाओं को स्कूल से जोड़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा को लेकर अभिभावकों का व्यवहार परिवर्तन और मानसिकता को बदलने की हमारे सामने बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को हम प्रतिबद्धता और एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में ढल कर सकारात्मक परिणाम तक ले जा सकते हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के जरिए इस अभियान को आगे बढाने की जिला प्रशासन की मंशा को बताते हुए कलेक्टर ने कहा कि समाज में बेटियों का शिक्षित होना कई समस्याओं का समाधान है। सरकार ने विगत तीन सालों में शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन कर बता दिया है कि वो गंभीर है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम सुशिक्षित समाज बनाने की दिशा में पहल करें।
कलेक्टर ने शिक्षक के गिरते सम्मान पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कोशिश है कि समाज में उनकी योग्यता को नये सिरे से पहचान मिले। एक शिक्षक चुनाव, साक्षरता, स्वच्छभारत मिशन में जब अपरिहार्य बन जाता है तो क्या कारण है कि शिक्षा में गुणवत्ता को लेकर उसकी योग्यता पर प्रश्न चिह्न लगता है इस पर मंथन होना चाहिए। जिले के शिक्षकों पर मेरा विश्वास है कि वे जून 2018 तक जिले की सभी बालिकाओं को स्कूलो से जोड़ने का कार्य सफलता से करेंगे
बैठक में यह सुझाव आए ... डोरटू डोर सर्वे, सरकारी योजनाओं की प्रोत्साहन राशि की लाभार्थी तक शत प्रतिशत पंहुची,प्रचार प्रसार से जनजाग्रति, कामकाजी और वंचित वर्ग के लिए प्रयास, विद्यालय में बालिका कार्नर, प्रत्येक विद्यालय में महिला शिक्षक की अनिवार्यता, पंचायतों की भागीदारी, सहशैक्षिक और खेलकूद गतिविधियों को प्रोत्साहन, शिक्षा स्वयंसेवकों को आगे लाने पर चर्चा हुई।
भादसोड़ा की बेटी जिले की चैंपियन... बैठकमें राउमावि भादसोड़ा की छात्रा रही ज्योति नाहर की चर्चा सरकारी स्कूल की गुणवत्ता और जिले की बालिकाओं के लिए एक चैंपियन के रूप में करते हुए कलेक्टर ने कहा कि काॅमर्स में यह बालिका राज्य स्तरीय मेरिट में सरकारी स्कूल की छात्रा के रूप में जिले को गौरवान्वित कर सकती है तो हमारे प्रयासों से हर बालिका ज्योति बन सकती है।
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