अजमेर। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की अगले साल होने वाली मुख्य परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाएं जंचवाने के लिए शिक्षा बोर्ड लगभग 30 हजार परीक्षको की सेवाएं लेगा। ये सभी परीक्षक सरकारी विद्यालयों के शिक्षक होंगे। मुख्य परीक्षाओं की लगभग एक करोड़ 20 लाख उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन होगा।
शिक्षा बोर्ड की मुख्य परीक्षाएं दो और 9 मार्च से प्रारंभ होंगी। दो मार्च को सीनियर सैकंडरी और वरिष्ठ उपाध्याय तथा 9 मार्च से सैकंडरी और प्रवेशिका परीक्षाएं ली जाएंगी। परीक्षाओं के लिए इस साल रिकार्ड 20 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। सैकंडरी के लिए लगभग साढे़ 12 लाख और सीनियर सैकंडरी के लिए लगभग साढ़े सात लाख परीक्षार्थियों ने आवेदन किया है। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए शिक्षा बोर्ड को लगभग 24 हजार परीक्षकों की जरुरत पड़ेगी।
प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए होंगे नियुक्त
मुख्य परीक्षाओं की प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए भी शिक्षा बोर्ड की ओर से शिक्षको को बतौर पर्यवेक्षक5 नियुक्ति की जाएगी। सरकारी सहित निजी विद्यालयों में प्रायोगिक परीक्षाओं की निगरानी के लिए लगभग छह हजार पर्यवेक्षक की सेवाएं ली जाएगी।
सरकारी शिक्षकों को कॉपियां जांचना अनिवार्य
मुख्य परीक्षाओं का परिणाम समय पर निकालने के लिए राज्य सरकार ने भी सरकारी शिक्षकों को शिक्षा बोर्ड की उत्तरपुस्तिकाएं जंचवाना अनिवार्य कर रखा है। वजह यह है कि अधिकांश शिक्षक उत्तरपुस्तिकाओं को जांचनें में आनाकानी करते है। इस वजह से बोर्ड का कामकाज और परिणाम प्रभावित होने की आश्ंाका रहती है। राज्य के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने जिले में शिक्षको का पंजीकरण करने के निर्देश दिए गए हैं।
छह विषयों की उत्तरपुस्तिकाएं
शिक्षा बोर्ड की मुख्य परीक्षाओं में विद्यार्थी छह विषयों की परीक्षाएं देते हैं। इस लिहाज से 20 लाख परीक्षार्थियों की लगभग एक करोड़ 20 लाख उत्तरपुस्तिकाएं जंचवाई जाएगी। अमूमन एक परीक्षक से 500 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जाता है। परीक्षकों की संख्या कम होने की वजह से कुछ परीक्षकों से लगभग एक हजार उत्तर-पुस्तिकाएं भी जंचवाई जाती है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
शिक्षा बोर्ड की मुख्य परीक्षाएं दो और 9 मार्च से प्रारंभ होंगी। दो मार्च को सीनियर सैकंडरी और वरिष्ठ उपाध्याय तथा 9 मार्च से सैकंडरी और प्रवेशिका परीक्षाएं ली जाएंगी। परीक्षाओं के लिए इस साल रिकार्ड 20 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। सैकंडरी के लिए लगभग साढे़ 12 लाख और सीनियर सैकंडरी के लिए लगभग साढ़े सात लाख परीक्षार्थियों ने आवेदन किया है। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए शिक्षा बोर्ड को लगभग 24 हजार परीक्षकों की जरुरत पड़ेगी।
प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए होंगे नियुक्त
मुख्य परीक्षाओं की प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए भी शिक्षा बोर्ड की ओर से शिक्षको को बतौर पर्यवेक्षक5 नियुक्ति की जाएगी। सरकारी सहित निजी विद्यालयों में प्रायोगिक परीक्षाओं की निगरानी के लिए लगभग छह हजार पर्यवेक्षक की सेवाएं ली जाएगी।
सरकारी शिक्षकों को कॉपियां जांचना अनिवार्य
मुख्य परीक्षाओं का परिणाम समय पर निकालने के लिए राज्य सरकार ने भी सरकारी शिक्षकों को शिक्षा बोर्ड की उत्तरपुस्तिकाएं जंचवाना अनिवार्य कर रखा है। वजह यह है कि अधिकांश शिक्षक उत्तरपुस्तिकाओं को जांचनें में आनाकानी करते है। इस वजह से बोर्ड का कामकाज और परिणाम प्रभावित होने की आश्ंाका रहती है। राज्य के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने जिले में शिक्षको का पंजीकरण करने के निर्देश दिए गए हैं।
छह विषयों की उत्तरपुस्तिकाएं
शिक्षा बोर्ड की मुख्य परीक्षाओं में विद्यार्थी छह विषयों की परीक्षाएं देते हैं। इस लिहाज से 20 लाख परीक्षार्थियों की लगभग एक करोड़ 20 लाख उत्तरपुस्तिकाएं जंचवाई जाएगी। अमूमन एक परीक्षक से 500 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जाता है। परीक्षकों की संख्या कम होने की वजह से कुछ परीक्षकों से लगभग एक हजार उत्तर-पुस्तिकाएं भी जंचवाई जाती है।
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