राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद जयपुर के माध्यम से स्वामी विवेकानंद
राजकीय मॉडल स्कूल सोजत नगर में प्रतिनियुक्ति पर आना एक शिक्षक को भारी
पड़ गया। प्रधानाचार्य से नहीं बनी तो जिला शिक्षा अधिकारी उसे अधिकार
क्षेत्र के बाहर जाकर रिलीव करता रहा।
हालत यह है कि शिक्षक ढाई माह में उपनिदेशक से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बीच 5 बार रिलीव हो गया। अब उसे मूल विभाग में भेजने के आदेश दिए हैं। लेकिन इस खींचतान के बीच उसका वेतन भी अटक गया। शिक्षक ने इसकी शिकायत शिक्षा निदेशक से की है।
मॉडल स्कूल के प्रधानाचार्य बसंत कुमार वरिष्ठ अध्यापक विज्ञान तेजसिंह जागरवाल के बीच आपसी कहासुनी से विवाद शुरू हुआ। शिक्षक की शिकायत के अनुसार प्रधानाचार्य ने शिक्षक को स्कूल से रिलीव करने जान से मारने की धमकी दी। 12 अगस्त को स्कूल की बैठक में भी प्रधानाचार्य पर दुर्व्यवहार का आरोप है। शिक्षक का आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाचार्य का पक्ष लिया और उसे 16 अगस्त को मॉडल स्कूल सोजत रिलीव करवा कर डीईओ माध्यमिक कार्यालय में लगाया गया। यहां से डीडी और डीईओ ऑफिस के बीच अब तक पांच बार भेजा जा चुका है। जबकि शिक्षक को रिलीव करने का अधिकारी सिर्फ रमसा के अधिकारियों को था। रमसा ने अब शिक्षक को मूल विभाग में भेजने का निर्णय किया है। शिक्षक का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण उसे जानबूझकर परेशान किया गया। इस कारण उसका वेतन भी अटक गया।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
हालत यह है कि शिक्षक ढाई माह में उपनिदेशक से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बीच 5 बार रिलीव हो गया। अब उसे मूल विभाग में भेजने के आदेश दिए हैं। लेकिन इस खींचतान के बीच उसका वेतन भी अटक गया। शिक्षक ने इसकी शिकायत शिक्षा निदेशक से की है।
मॉडल स्कूल के प्रधानाचार्य बसंत कुमार वरिष्ठ अध्यापक विज्ञान तेजसिंह जागरवाल के बीच आपसी कहासुनी से विवाद शुरू हुआ। शिक्षक की शिकायत के अनुसार प्रधानाचार्य ने शिक्षक को स्कूल से रिलीव करने जान से मारने की धमकी दी। 12 अगस्त को स्कूल की बैठक में भी प्रधानाचार्य पर दुर्व्यवहार का आरोप है। शिक्षक का आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाचार्य का पक्ष लिया और उसे 16 अगस्त को मॉडल स्कूल सोजत रिलीव करवा कर डीईओ माध्यमिक कार्यालय में लगाया गया। यहां से डीडी और डीईओ ऑफिस के बीच अब तक पांच बार भेजा जा चुका है। जबकि शिक्षक को रिलीव करने का अधिकारी सिर्फ रमसा के अधिकारियों को था। रमसा ने अब शिक्षक को मूल विभाग में भेजने का निर्णय किया है। शिक्षक का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण उसे जानबूझकर परेशान किया गया। इस कारण उसका वेतन भी अटक गया।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
No comments:
Post a Comment