एकीकरण में मर्ज हुए स्कूल अलग-अलग भवन में चलने पर शिक्षकों को उपस्थिति के
लिए इधर-उधर दौड़ लगानी पड़ रही है। प्रारंभिक विद्यालय के शिक्षकों को
उपस्थिति हस्ताक्षर के लिए माध्यमिक विद्यालय जाना पड़ रहा है। स्कूल दूर
होने के कारण शिक्षक स्कूल समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।
ऐसे में पिछले दिन के हस्ताक्षर अगले दिन हो पाते है। इसमें खास बात यह है कि दोनों स्कूलों की छ़ुट्टी 3.40 पर होती है। जब तक प्रांरभिक का स्टाफ हस्ताक्षर करने के लिए माध्यमिक विद्यालय पहुंचता है तब तक स्टाफ निकल जाता है।
प्रदेश में विद्यालय एकीकरण का काम दो साल पूर्व शुरू किया गया था। इसमें प्रारंभिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालय में मर्ज कर भवन खाली कर दिया गया था। लेकिन कुछ पुराने भवन में ही चल रहे हैं। पुराने भवन में स्कूल चलाने के लिए विद्यालय विकास समितियों ने प्रदर्शन किया। शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर विद्यालय को पुराने भवन में संचालित करने के आदेश दिए थे। लेकिन प्रबंध का अधिकार माध्यमिक विद्यालय को दे दिया गया था। यही आदेश शिक्षकों के गले की फांस बन रहा है। उदयपुर में लगभग 597 विद्यालयों को मर्ज किया गया था। इसमें 20 प्रतिशत विद्यालय पुराने भवन में ही चल रहे हैं।
फ्रेक्चरहोने पर भी दौड़ना पड़ता है
शहरसे 15 किमी दूर राजकीय प्राथमिक विद्यालय नाई राउमावि नाई में मर्ज हुआ। वहां के तृतीय श्रेणी शिक्षक के पैर में फ्रेक्चर होने के कारण विद्यालय में आने-जाने परेशानी हाे रही है। उन्होंने कहा कि रजिस्टर अलग हाे जाए तो परेशानी नहीं हाेगी।
पत्रलिखवाकर चला सकता है रजिस्टर
^800मीटर के अंदर वाले सभी विद्यालयों का प्रशासनिक नियंत्रण माध्यमिक विद्यालय के पास रहने के आदेश है। इससे ज्यादा दूर वाले विद्यालय विद्यालय विकास समिति से पत्र लिखवाकर रजिस्टर प्राथमिक में चला सकता है। विरेंद्रपंचोली, अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी, माध्यमिक
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
ऐसे में पिछले दिन के हस्ताक्षर अगले दिन हो पाते है। इसमें खास बात यह है कि दोनों स्कूलों की छ़ुट्टी 3.40 पर होती है। जब तक प्रांरभिक का स्टाफ हस्ताक्षर करने के लिए माध्यमिक विद्यालय पहुंचता है तब तक स्टाफ निकल जाता है।
प्रदेश में विद्यालय एकीकरण का काम दो साल पूर्व शुरू किया गया था। इसमें प्रारंभिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालय में मर्ज कर भवन खाली कर दिया गया था। लेकिन कुछ पुराने भवन में ही चल रहे हैं। पुराने भवन में स्कूल चलाने के लिए विद्यालय विकास समितियों ने प्रदर्शन किया। शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर विद्यालय को पुराने भवन में संचालित करने के आदेश दिए थे। लेकिन प्रबंध का अधिकार माध्यमिक विद्यालय को दे दिया गया था। यही आदेश शिक्षकों के गले की फांस बन रहा है। उदयपुर में लगभग 597 विद्यालयों को मर्ज किया गया था। इसमें 20 प्रतिशत विद्यालय पुराने भवन में ही चल रहे हैं।
फ्रेक्चरहोने पर भी दौड़ना पड़ता है
शहरसे 15 किमी दूर राजकीय प्राथमिक विद्यालय नाई राउमावि नाई में मर्ज हुआ। वहां के तृतीय श्रेणी शिक्षक के पैर में फ्रेक्चर होने के कारण विद्यालय में आने-जाने परेशानी हाे रही है। उन्होंने कहा कि रजिस्टर अलग हाे जाए तो परेशानी नहीं हाेगी।
पत्रलिखवाकर चला सकता है रजिस्टर
^800मीटर के अंदर वाले सभी विद्यालयों का प्रशासनिक नियंत्रण माध्यमिक विद्यालय के पास रहने के आदेश है। इससे ज्यादा दूर वाले विद्यालय विद्यालय विकास समिति से पत्र लिखवाकर रजिस्टर प्राथमिक में चला सकता है। विरेंद्रपंचोली, अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी, माध्यमिक
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