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एससी के फर्जी प्रमाण पत्र से बीएड, 30 साल से कर रहा है शिक्षक की नौकरी

एक शिक्षक ने एससी के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर बीएड की डिग्री हासिल की और सरकारी शिक्षक बन गया। अब 30 साल बाद एडीजे कोर्ट ने उसके मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। जेठवा का बास निवासी रिछपाल पुत्र जवाहरराम जाट ने एसीजेएम कोर्ट में परिवाद पेश किया कि चाचीवाद बड़ा निवासी जगदीश प्रसाद जाट पुत्र नंदलाल ने 1981 में बीए किया। 1981 से 1985 तक जाट सामान्य जाति में आते थे।
कम अंक आने पर बीएड में एडमिशन लेने के लिए जगदीश जाट ने अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र हासिल किया तथा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर विद्या भवन गोविंदराम शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय उदयपुर से एससी श्रेणी के नियमित विद्यार्थी के रूप में बीएड कर लिया। बाद में 1986 में सामान्य वर्ग से राज्य सरकार में तृतीय श्रेणी शिक्षक की नौकरी प्राप्त कर ली। परिवादी ने सूचना के अधिकार के तहत जगदीश की डिग्रियों की सूचना प्राप्त की और एसीजेएम कोर्ट फतेहपुर में इस्तगासा पेश किया। कोर्ट ने जांच के लिए थाना सदर फतेहपुर में भेज दिया। पुलिस ने जांच के बाद प्रकरण में एफआर पेश कर दी। एसीजेएम कोर्ट ने पुलिस द्वारा प्रस्तुत एफआर को स्वीकार कर लिया और परिवादी रिछपाल द्वारा प्रस्तुत प्रोटेस्ट पिटीशन खारिेज कर दी गई। एसीजेएम कोर्ट के आदेश से व्यथित परिवादी रिछपाल ने अधिवक्ता पंकज शर्मा के जरिए एडीजे कोर्ट फतेहपुर में निगरानी याचिका पेश की।
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