जयपुर| सतत साक्षरता कार्यक्रम के तहत प्रदेश में 8.27 लाख लोगों ने परीक्षा में भाग लिया। इनमें से जयपुर जिले में 33500 ने परीक्षा दी। प्रश्न-पत्र में अंग्रेजी के शब्द होने पर परीक्षार्थी पढ़ नहीं पाए।
भास्कर संवाददाता रविवार वाटिका, भाटावाला, मोहनपुरा, बीलवा सेंटरों में से एकमात्र मोहनपुरा परीक्षा केंद्र में एक महिला परीक्षा देती हुई मिली। उसे भी भास्कर टीम के पहुंचने पर स्कूल के पड़ोस से बुलाकर परीक्षा देने बैठाया। परीक्षा केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाएं में लिखावट ऐसी थी कि कोई नहीं कह सकता कि परीक्षा किसी साक्षर ने दी है। कई जगह अंग्रेजी के शब्द लिखे थे, फिर भी उत्तर लिखे जा चुके थे। ऐसे में साक्षरता मिशन पर सवाल खड़े होते हैं। जयपुर में स्थापित परीक्षा कंट्रोल रूम से बात करने पर परीक्षा केंद्रों की जानकारी ली गई। वाटिका और विधाणी की स्कूलों में जो केंद्र बताए गए वहां परीक्षाएं नहीं ली जा रही थीं। प्रेरक को फोन कर जानकारी ली। तब बताया गया कि किसी कारणवश परीक्षा केंद्र बदल दिया गया है।
गौरतलब है कि लोगों को साक्षर बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 2009-10 में साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया था। सतत शिक्षा कार्यक्रम में गत 6 साल में प्रदेश में करीब 28 अरब रु. खर्च हो चुके।
3दिन पहले बंद थे सेंटर
परीक्षाके दो दिन पहले भास्कर टीम ने अटल सेवा केंद्रों का दौरा किया था। अधिकतर स्थानों पर इनके सभा कक्षों काे ही कक्षाओं के रूप में उपयोग किया जाता हैं। जिसमें सभी अटल सेवा केंद्र बंद मिले थे। सेवा केंद्र के आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर लोगों ने सेंटर में लोगों को पढ़ाने से भी इनकार कर दिया। सबूतों के तौर पर भास्कर के पास सेंटर की फोटोग्राफी और लोगों से की गई बातचीत की रिकॉर्डिंग हैं। बीलवा अटल सेवा केंद्र में कचरा पड़ा है, ऐसा लगता है कई दिनों से केंद्र नहीं खुला। विधाणी के अटल सेवाकेंद्र में दो माह से बाढ राहत केंद्र खुला है। वहीं गोनेर के अटल सेवा केंद्र में भी एंबुलेंस ही खड़ी रहती है
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
भास्कर संवाददाता रविवार वाटिका, भाटावाला, मोहनपुरा, बीलवा सेंटरों में से एकमात्र मोहनपुरा परीक्षा केंद्र में एक महिला परीक्षा देती हुई मिली। उसे भी भास्कर टीम के पहुंचने पर स्कूल के पड़ोस से बुलाकर परीक्षा देने बैठाया। परीक्षा केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाएं में लिखावट ऐसी थी कि कोई नहीं कह सकता कि परीक्षा किसी साक्षर ने दी है। कई जगह अंग्रेजी के शब्द लिखे थे, फिर भी उत्तर लिखे जा चुके थे। ऐसे में साक्षरता मिशन पर सवाल खड़े होते हैं। जयपुर में स्थापित परीक्षा कंट्रोल रूम से बात करने पर परीक्षा केंद्रों की जानकारी ली गई। वाटिका और विधाणी की स्कूलों में जो केंद्र बताए गए वहां परीक्षाएं नहीं ली जा रही थीं। प्रेरक को फोन कर जानकारी ली। तब बताया गया कि किसी कारणवश परीक्षा केंद्र बदल दिया गया है।
गौरतलब है कि लोगों को साक्षर बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 2009-10 में साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया था। सतत शिक्षा कार्यक्रम में गत 6 साल में प्रदेश में करीब 28 अरब रु. खर्च हो चुके।
3दिन पहले बंद थे सेंटर
परीक्षाके दो दिन पहले भास्कर टीम ने अटल सेवा केंद्रों का दौरा किया था। अधिकतर स्थानों पर इनके सभा कक्षों काे ही कक्षाओं के रूप में उपयोग किया जाता हैं। जिसमें सभी अटल सेवा केंद्र बंद मिले थे। सेवा केंद्र के आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर लोगों ने सेंटर में लोगों को पढ़ाने से भी इनकार कर दिया। सबूतों के तौर पर भास्कर के पास सेंटर की फोटोग्राफी और लोगों से की गई बातचीत की रिकॉर्डिंग हैं। बीलवा अटल सेवा केंद्र में कचरा पड़ा है, ऐसा लगता है कई दिनों से केंद्र नहीं खुला। विधाणी के अटल सेवाकेंद्र में दो माह से बाढ राहत केंद्र खुला है। वहीं गोनेर के अटल सेवा केंद्र में भी एंबुलेंस ही खड़ी रहती है
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