सीकर.पांच
सितंबर को प्रारंभिक शिक्षा के 26 शिक्षक सम्मानित होंगे लेकिन सीकर से
अभी तक एक भी आवेदन नहीं हुआ है। शिक्षक इसके पीछे नियमों की पेचीदगी कारण
बताते हैं। यह भी सवाल उठाते हैं कि यदि कोई शिक्षक अच्छा काम कर रहा है तो
विभाग खुद ही तय करे। आवेदन की जरूरत कहां है? आवेदन मांग सकती है सरकार...
- आवेदन के लिए सबसे बड़ी परेशानी पांच साल की एसीआर (वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट) को लेकर है।
- इसमें शिक्षक को पांच साल की एसीआर देनी पड़ती है।
- मुसीबत यह है कि पांच साल के जिला शिक्षा अधिकारी से यह भरवानी होती है। जबकि डीईईओ के तबादले होते रहते हैं।
- शिक्षकों का कहना है कि वे शिक्षा अधिकारियों के पास चक्कर क्यों लगाएं।
- शिक्षकों का कहना है कि वे शिक्षा अधिकारियों के पास चक्कर क्यों लगाएं।
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राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के जिलाध्यक्ष उपेंद्र शर्मा इस बारे में कहते
हैं कि सरकार अच्छे शिक्षकों को खुद ही सम्मानित नहीं करना चाहती।
- इसलिए नियमों को कठिन बनाया गया है। सरकार चाहे तो हर डीईईओ से आवेदन मांग सकती है कि उनके जिले में बेहतर काम कौन रहा है।
अफसरों के चक्कर लगाने वाले ही होते हैं सम्मानित, अच्छा काम करने वाले रह जाते हैं पीछे : बिजारणियां
ये हैं वरिष्ठ शिक्षक गोपाल बिजारणियां
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राजस्थान के उत्कृष्ट स्कूलों में पहले स्थान पर रहने वाले राजकीय उच्च
प्राथमिक स्कूल नीमनाड्या को यहां तक पहुंचाने में बिजारणियां का अहम रोल
माना जाता है।
- वे सवाल उठाते हैं कि बेहतर काम करने वाले शिक्षकों को नियमों के पेच में फंसा दिया गया है।
- उनका कहना है कि नियमों के कारण अफसरों के चक्कर लगाने वाले शिक्षक ही सम्मानित हो पाते हैं।
- सिर्फ काम पर ध्यान देने वाले पीछे रह जाते हैं। नियमों में बदलाव की जरूरत है लेकिन कोई आगे नहीं आ रहा।
स्कूल की खासियत
ई-लर्निंग
वाला स्कूल है। यहां पर प्रोजेक्टर से पढ़ाई होती है। हर क्लास में
सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। स्कूल में पानी की समस्या थी। शिक्षक गोपाल
बिजारणियां ने अपने घर से स्कूल तक पाइप लाइन बिछाकर बच्चों को पानी की
सुविधा उपलब्ध कराई।
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