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1 जुलाई को भास्कर में प्रकाशित : 15 से 25 हजार में बनवाईं फर्जी मार्कशीटें : डाकसेवक भर्ती में फर्जीवाड़ा

डाकसेवक भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आते ही विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। अब पूरे प्रदेश में डाक सेवकों की भर्ती में मार्कशीट वेरीफाई होने के बाद ही नियुक्ति आदेश जारी होंगे। इसको लेकर राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के डाक निदेशक ने उनके अधीन 13 जिलों के दस डाक मंडलों में डाक सेवक भर्ती में आए आवेदनों की मार्कशीट की वेरीफिकेशन के निर्देश दिए हैं।
इसके तहत इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को छोड़कर पंजाब, हरियाणा, यूपी सहित अन्य राज्यों की मार्कशीटों की गंभीरता से जांच कराए जाने के लिए ड्यूटी लगाई हैं। इसके लिए टीमें पड़ौसी राज्यों के शिक्षा बोर्ड में जाकर मार्कशीटों का वेरीफिकेशन कराएगी। उल्लेखनीय है इस संबंध में दैनिक भास्कर ने 1 जुलाई के अंक में ‘यूपी बोर्ड से 90 प्रतिशत अंक दिखाकर बने 54 डाक सेवक, सब की मार्कशीट फर्जी’ के शीर्षक से प्रकाशित कि थी। इस तरह की गड़बड़ी से अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल मार्कशीटों के वेरीफिकेशन के बिना ही अभ्यार्थियों के चयन से अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। इसमें कई चयनित अभ्यार्थियाें को पत्र व्यवहार के पते की बजाए स्थाई पते पर कॉल लैटर भिजवाने जैसी गड़बड़ी भी सामने आई है। टाउन के रहने वाले रोहित अग्रवाल ने बताया कि उसने आवेदन में पत्र व्यवहार का पता वार्ड 28 हनुमानगढ़ टाउन का दिया था जबकि उसका कॉल लैटर विभाग की ओर से हरियाणा के कैथल में भिजवाया गया।
जब वह हनुमानगढ़ जंक्शन डाकघर पहुंचा तो उसे वहां पांच घंटे बैठाए रखा गया और बाद में बताया कि देरी होने के कारण उसकी जगह अन्य का चयन कर लिया गया। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में जांच चल रही है। इस प्रकरण में अगर अधिकारियाें की संलिप्ता सामने आएगी तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

15 से 25 हजार में बनवाईं फर्जी मार्कशीटें

डाकसेवक की नौकरी पाने के लिए फर्जी मार्कशीटें 15 से 25 हजार रुपए में जारी कराने की बात सामने रही हैं। एक अभ्यार्थी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मार्कशीट नहीं होने पर यूपी बोर्ड के नाम से फर्जी मार्कशीट बनवाई थीं। डाकसेवक को 4500 सौ रुपए से लेकर दस हजार तक का वेतन मिलता है इसलिए सोचा कि मार्कशीट पर खर्चे गए रुपए तीन-चार माह में पूरे हो जाएंगें और इसी लालच में आकर फर्जी तरीके से आवेदन कर दिया। इसके लिए विभाग के एक कर्मचारी ने भी लालच दिया था।



श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ डाक मंडल में डाक सेवक भर्ती की जांच में फर्जी मार्कशीटें सामने आने पर विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। सभी डाक मंडलाें में डाकसेवकों की मार्कशीटाें की जांच के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए टीमें गठित की गई हैं। दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। अगर स्थानीय अधिकारियों की कहीं संलिप्तता सामने आती हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

कृष्णकुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएं, राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र जोधपुर
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