डूंगरपुर. प्रारंभिक
शिक्षा विभाग का चार्ज संभालने के बाद से जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक
प्रभुलाल मीणा एवं ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के मध्य विवाद थमने का नाम नहीं
ले रहा है। माध्यमिक शिक्षा विभाग कार्यालय में गुरुवार दोपहर को डीईओ और
नौ ब्लॉक के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के
मध्य जमकर तकरार हुई।
इसके बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों ने डीईओ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कलक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं उपनिदेशक माध्यमिक एवं प्रारम्भिक शिक्षा को लिखित में हस्ताक्षर युक्त शिकायत पत्र भेज दिया है। हालांकि, डीईओ माध्यमिक ने बीईईओ की ओर से लगाए गए आरोप को नकारते हुए बीईईओ की ही कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रारंभिक
शिक्षा विभाग में स्टॉफिंग पैटर्न की सूचना लेकर सुबह दस बजे डीईओ के
हस्ताक्षर को लेकर जिले के नौ ब्लॉकों से ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं
बिछीवाड़ा ब्लॉक से अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी संस्थापन कार्मिकों के
साथ प्रारम्भिक कार्यालय पहुंचे। डीईओ प्रारंभिक कांतिलाल डामोर की
पदोन्नति के यह चार्ज डीईओ माध्यमिक के पास है।
स्टॉफिंग
पैटर्न की सूचना लेकर बीईईओ को दो बजे उदयपुर जाना था। वे आए ही ढाई बजे।
आगे से फोन आ रहे थे। बीईईओ कार्य करना नहीं चाहते हैं और उलटा अधिकारी पर
दबाव बनाना चाहते हैं। मैंने कोई दुव्यर्वहार नहीं किया और न हीं डूंगरपुर
वालों के लिए कोई ऐसा शब्द बोला है। बीईईओ मेरे चार्ज लेने के बाद से
एमडीएम की जांच करवाए जाने से घबरा गए हैं।
प्रभुलाल मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक
सेटअप परिवर्तन की काउंसलिंग के बाद स्टाफिंग पैटर्न का कार्य पूरी रात चला। सुबह से डीईओ प्रारम्भिक कार्यालय में बैठे थे। डीईओ वीसी में थे। प्रपत्रों पर डीईओ के हस्ताक्षर जरूरी थे। डीईओ करीब दो बजे बाद पहुंचे। जैसे ही कक्ष में गए डीईओ उलटा बीईईओ पर भड़क गए। गाली-गलौच करते हुए कक्ष से बाहर निकाल दिया। डीईओ ने डूंगरपुर वालो को देख लेने और वो कोई कार्य नहीं कर सकते है जैसे शब्द बोले। उन्होंने जो अपशब्द बोले, वह बता नहीं सकते।
राजेश कटारा, बीईईओ झौथरी
इसके बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों ने डीईओ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कलक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं उपनिदेशक माध्यमिक एवं प्रारम्भिक शिक्षा को लिखित में हस्ताक्षर युक्त शिकायत पत्र भेज दिया है। हालांकि, डीईओ माध्यमिक ने बीईईओ की ओर से लगाए गए आरोप को नकारते हुए बीईईओ की ही कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हंगामे पर हंगामा
ऐसे
में सभी बीईईओ हस्ताक्षर को लेकर इंतजार कर रहे थे। इस दौरान पता लगा कि
डीईओ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में है। दोपहर में सभी बीईईओ यहां से माध्यमिक
कार्यालय पहुंचे। बीईईओ ने आरोप लगाया कि जैसे ही वे चेंबर में पहुंचे,
डीईओ भड़क गए और दुव्र्यवहार करने लगे। हालात ये रहे कि करीब एक से डेढ़
घंटे तक डीईओ एवं बीईईओ के मध्य जमकर हंगामा हुआ। बाद में सभी बीईईओ ने
लिखित में उच्चाधिकारियों को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन भेजा।
बीईईओ नहीं चाहते काम करना
प्रभुलाल मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक
डीईओ हम पर भड़क गए
सेटअप परिवर्तन की काउंसलिंग के बाद स्टाफिंग पैटर्न का कार्य पूरी रात चला। सुबह से डीईओ प्रारम्भिक कार्यालय में बैठे थे। डीईओ वीसी में थे। प्रपत्रों पर डीईओ के हस्ताक्षर जरूरी थे। डीईओ करीब दो बजे बाद पहुंचे। जैसे ही कक्ष में गए डीईओ उलटा बीईईओ पर भड़क गए। गाली-गलौच करते हुए कक्ष से बाहर निकाल दिया। डीईओ ने डूंगरपुर वालो को देख लेने और वो कोई कार्य नहीं कर सकते है जैसे शब्द बोले। उन्होंने जो अपशब्द बोले, वह बता नहीं सकते।
राजेश कटारा, बीईईओ झौथरी
बर्ताव अच्छा नहीं था
डीईओ
साहब का बर्ताव अच्छा नहीं था। उन्होंने अपशब्द बोले। हमारी कोई गलती नहीं
थी। इसके बावजूद डूंगरपुर वालों के बारे में बोलने लग गए। इस पर आपत्ति
जताई। डीईओ ने प्रारम्भिक का काम प्रारम्भिक ऑफिस में ही करने को कहा है।
इसलिए हम प्रारम्भिक ऑफिस में ही बैठे थे। हमने लिखित में हमारी परिवेदना
कलक्टर , उपनिदेशक, सीईओ को भेज दी है।
दिनेशचंद्र पण्ड्या, बीईइओ सीमलवाड़ा
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