जयपुर. संस्कृत से दूर हो रहे छात्रों के लिए राज्य सरकार अब इवनिंग संस्कृत स्कूल खोलेगी। नए सत्र से पायलट प्रोजेक्ट के तहत संभागवार संस्कृत के इवनिंग स्कूल खुलने है। जयपुर के मानसरोवर में ये स्कूल खुलना प्रस्तावित है। संस्कृत एजुकेशन डिपार्टमेंट की निगरानी में इस संबंध में काम होगा।
इन स्कूलों का टाइमिंग तीन घंटे का रहेगा और एक बैच अधिकतम 35 छात्रों का होगा। कक्षा तीसरी से 10वीं तक के छात्रों के लिए ये पढ़ाई होगी। इन स्कूलों में छात्र संस्कृत में हमारे देश का गौरवशाली इतिहास जानेंगे। संस्कृत के उप निषद, पंचतंत्र, संस्कार, जीवन दर्शन, ग्रंथ व श्लोक से विद्यार्थी लाइफ मैनेजमेंट के गुर सीख सकेंगे। ऐसा होने से छात्रों का तनाव भी कम होगा और भविष्य में आने वाली कठिनाइयों को बेहतर तरीके से फैस करेंगे।
इस इवनिंग स्कूल में छात्रों को बताया जाएगा कि किस तरह से महात्मा गांधी और बालगंगाधर तिलक ने जेल में मन विचलित होने के दौरान श्रीमद भागवत गीता पढ़ी और जीवन का सार पाया। इसके बाद ही वे महान बनें। विभाग की ओर से जल्द इस दिशा में काम पूरा कर लिया जाएगा।
यह पढ़ेंगे छात्र : 108 उपनिषद, 16 संस्कार और भारतीय जीवन दर्शन
इसमें छात्रों को संस्कृत पढ़ना व समझना सिखाया जाना है। 108 उपनिषदों को पढ़ाया जाएगा। भारतीय संस्कृति के 16 संस्कार पढ़ाएं जाएंगे। उदाहरण के तौर पर गर्भाधान, चूणा करण, कर्ण भेदन आदि शामिल है। वेद-पुराण, रामायण व महाभारत के दौरान का देश का इतिहास, भारतीय जीवन दर्शन, विभिन्न श्रेष्ठ ग्रंथों के आदर्श श्लोक को उनके जीवन में उतारने के लिए याद कराना।
भारतीय जीवन के 16 संस्कारों को बताना। लाइफ मैनेजमेंट से श्रीमद भगवत गीता का ज्ञान दिया जाएगा। विभिन्न शास्त्रों का परिचय दिया जाएंगा। गीता के 700 श्लोकों का संक्षिप्त विवरण शामिल है। इसके अलावा जीवन से जुड़े अन्य संस्कारों की शिक्षा भी दी जएगी।
संस्कृत इवनिंग स्कूल खोलने के पीछे यह है विभाग की मंशा
- प्राइवेट स्कूलों के कई अभिभावक चाहते है कि हमारे बच्चे संस्कृत और देश के गौरवशाली इतिहास को जानें।
- छोटी उम्र में ही छात्रों को तनाव कम करने के गुर सिखाने के लिए ताकि कोटा आदि जगहों पर छात्रों के सुसाइड केस कम हो सकें।
- संस्कृत शिक्षा की नई पीढ़ी तैयार करना। साथ ही देशभर में ऐसी नई पहल का मैसेज देना।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इन स्कूलों का टाइमिंग तीन घंटे का रहेगा और एक बैच अधिकतम 35 छात्रों का होगा। कक्षा तीसरी से 10वीं तक के छात्रों के लिए ये पढ़ाई होगी। इन स्कूलों में छात्र संस्कृत में हमारे देश का गौरवशाली इतिहास जानेंगे। संस्कृत के उप निषद, पंचतंत्र, संस्कार, जीवन दर्शन, ग्रंथ व श्लोक से विद्यार्थी लाइफ मैनेजमेंट के गुर सीख सकेंगे। ऐसा होने से छात्रों का तनाव भी कम होगा और भविष्य में आने वाली कठिनाइयों को बेहतर तरीके से फैस करेंगे।
इस इवनिंग स्कूल में छात्रों को बताया जाएगा कि किस तरह से महात्मा गांधी और बालगंगाधर तिलक ने जेल में मन विचलित होने के दौरान श्रीमद भागवत गीता पढ़ी और जीवन का सार पाया। इसके बाद ही वे महान बनें। विभाग की ओर से जल्द इस दिशा में काम पूरा कर लिया जाएगा।
यह पढ़ेंगे छात्र : 108 उपनिषद, 16 संस्कार और भारतीय जीवन दर्शन
इसमें छात्रों को संस्कृत पढ़ना व समझना सिखाया जाना है। 108 उपनिषदों को पढ़ाया जाएगा। भारतीय संस्कृति के 16 संस्कार पढ़ाएं जाएंगे। उदाहरण के तौर पर गर्भाधान, चूणा करण, कर्ण भेदन आदि शामिल है। वेद-पुराण, रामायण व महाभारत के दौरान का देश का इतिहास, भारतीय जीवन दर्शन, विभिन्न श्रेष्ठ ग्रंथों के आदर्श श्लोक को उनके जीवन में उतारने के लिए याद कराना।
भारतीय जीवन के 16 संस्कारों को बताना। लाइफ मैनेजमेंट से श्रीमद भगवत गीता का ज्ञान दिया जाएगा। विभिन्न शास्त्रों का परिचय दिया जाएंगा। गीता के 700 श्लोकों का संक्षिप्त विवरण शामिल है। इसके अलावा जीवन से जुड़े अन्य संस्कारों की शिक्षा भी दी जएगी।
संस्कृत इवनिंग स्कूल खोलने के पीछे यह है विभाग की मंशा
- प्राइवेट स्कूलों के कई अभिभावक चाहते है कि हमारे बच्चे संस्कृत और देश के गौरवशाली इतिहास को जानें।
- छोटी उम्र में ही छात्रों को तनाव कम करने के गुर सिखाने के लिए ताकि कोटा आदि जगहों पर छात्रों के सुसाइड केस कम हो सकें।
- संस्कृत शिक्षा की नई पीढ़ी तैयार करना। साथ ही देशभर में ऐसी नई पहल का मैसेज देना।
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