उदयपुर. स्कूलों में बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा गणित, विज्ञान जैसे विषयों में उपकरण के जरिए प्रैक्टिकल नॉलेज दी जाएगी। इसके लिए नीति आयोग के इनोवेशन मिशन के तहत केन्द्र सरकार कक्षा 6 से 12वीं तक के स्कूलों में “अटल टिंकरिंग लैब’ स्थापित करने जा रही है।
खास बात ये है कि लैब स्थापित करने में उन्हीं स्कूलों को प्राथमिकता मिलेगी जिनके छात्राें और शिक्षकों की हाजिरी पिछले तीन वर्षों में 75 प्रतिशत रही है।
साथ ही पिछले तीन साल का स्कूलों के रिजल्ट की स्थिति भी देखी जाएगी। लैब में विद्यार्थियों को विज्ञान, प्रौद्योगिक, इंजीनियरिंग और गणित के विभिन्न पहलुओं को समझाने के साथ उपकरणों की मदद से क्रिएटिव प्रोडक्ट डिजाइन करना सिखाया जाएगा।
राज्य सरकार ने लैब बनाने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के अतिरिक्त आयुक्त जस्साराम चौधरी ने गुरुवार को प्रदेश के सभी माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें 15 जून तक उन्हें प्रथम चरण में चयनित आदर्श स्कूलों की पूरी डिटेल मांगी गई है।
लैब के लिए 20 तक मिलेगी वित्तीय मदद, स्कूल कर सकते हैं आवेदन
लैब स्थापित करने के लिए सरकार 20 लाख रुपए तक की वित्तीय मदद देगी। इसमें 10 लाख रुपए शुरुआत में और बाकी 10 लाख 5 साल तक रख-रखाव के लिए दिए जाएंगे। आयोग की वेबसाइट पर जाकर कोई भी स्कूल अटल टिंकरिंग लैब बनाने के लिए आवेदन कर सकता है। योजना के तहत सरकारी, स्थानीय निकाय से संचालित स्कूल, ट्रस्ट या सोसायटी की ओर से संचालित स्कूल को दायरे में लिया गया है। शुरुआत में देशभर में ऐसी 500 लैब स्थापित की जाएंगी। इनमें 25 प्रतिशत लैब सरकारी स्कूलों में बनाई जाएंगी।
अभी ये हैं साइंस लैब के हालात
वर्तमान में कई सरकारी स्कूलों में साइंस लैब की हालत खराब है। स्कूलों में फैकल्टी और लैब टेक्नीशियन नहीं हैं। इस वजह से साइंस के स्टूडेंट्स प्रयोगशाला मेंं नियमित प्रैक्टिकल नहीं कर पाते। कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां फैकल्टी होने के बावजूद लैब की सार-संभाल नहीं होती। कई साइंस लैब धूल फांक रही हैं, वहां उपकरण काम में नहीं लिए जाने से खराब हो रहे हैं।
बड़ा सवाल : प्रैक्टिकल कितना कारगर हाेगा
टिंकरिंग लैब स्थापित करने संबंधी गाइडलाइन में अतिरिक्त फैकल्टी लगाने का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। ऐसे में खासकर सरकारी स्कूलों में साइंस फैकल्टी के बड़ी संख्या में पद रिक्त होने से लैब संचालन में दिक्कतें आ सकती हैं। स्टूडेंट को पढ़ाई के साथ प्रैक्टिकल कराने में परेशानी हो सकती है।
जानिए, क्या होगा लैब में
अटल लैब में आईआर सेंसर, थ्रीडी प्रिंटर्स, अल्ट्रासॉनिक सेंसर, रोबोटिक्स, माइक्रो कंट्रोलर बोर्ड, कम्प्यूटर्स तथा साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स के कई उपकरण स्थापित किए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को चैप्टर के विभिन्न पहलुओं के समझाने के साथ इनके इस्तेमाल करना भी सिखाया जाएगा।^बच्चों को आविष्कारक बनाने की यह अच्छी पहल है। इससे विज्ञान और इंजीनियर के क्षेत्र में इनोवेशन देखने को मिलेगा। इसके लिए सरकार ने आदर्श स्कूलों की सूची मांगी है जिसकी सूचना संस्था प्रधानों से लेकर भिजवाई जाएगी। शिवजी गौड़, जिला शिक्षा अधिकारी
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
खास बात ये है कि लैब स्थापित करने में उन्हीं स्कूलों को प्राथमिकता मिलेगी जिनके छात्राें और शिक्षकों की हाजिरी पिछले तीन वर्षों में 75 प्रतिशत रही है।
साथ ही पिछले तीन साल का स्कूलों के रिजल्ट की स्थिति भी देखी जाएगी। लैब में विद्यार्थियों को विज्ञान, प्रौद्योगिक, इंजीनियरिंग और गणित के विभिन्न पहलुओं को समझाने के साथ उपकरणों की मदद से क्रिएटिव प्रोडक्ट डिजाइन करना सिखाया जाएगा।
राज्य सरकार ने लैब बनाने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के अतिरिक्त आयुक्त जस्साराम चौधरी ने गुरुवार को प्रदेश के सभी माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें 15 जून तक उन्हें प्रथम चरण में चयनित आदर्श स्कूलों की पूरी डिटेल मांगी गई है।
लैब के लिए 20 तक मिलेगी वित्तीय मदद, स्कूल कर सकते हैं आवेदन
लैब स्थापित करने के लिए सरकार 20 लाख रुपए तक की वित्तीय मदद देगी। इसमें 10 लाख रुपए शुरुआत में और बाकी 10 लाख 5 साल तक रख-रखाव के लिए दिए जाएंगे। आयोग की वेबसाइट पर जाकर कोई भी स्कूल अटल टिंकरिंग लैब बनाने के लिए आवेदन कर सकता है। योजना के तहत सरकारी, स्थानीय निकाय से संचालित स्कूल, ट्रस्ट या सोसायटी की ओर से संचालित स्कूल को दायरे में लिया गया है। शुरुआत में देशभर में ऐसी 500 लैब स्थापित की जाएंगी। इनमें 25 प्रतिशत लैब सरकारी स्कूलों में बनाई जाएंगी।
अभी ये हैं साइंस लैब के हालात
वर्तमान में कई सरकारी स्कूलों में साइंस लैब की हालत खराब है। स्कूलों में फैकल्टी और लैब टेक्नीशियन नहीं हैं। इस वजह से साइंस के स्टूडेंट्स प्रयोगशाला मेंं नियमित प्रैक्टिकल नहीं कर पाते। कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां फैकल्टी होने के बावजूद लैब की सार-संभाल नहीं होती। कई साइंस लैब धूल फांक रही हैं, वहां उपकरण काम में नहीं लिए जाने से खराब हो रहे हैं।
बड़ा सवाल : प्रैक्टिकल कितना कारगर हाेगा
टिंकरिंग लैब स्थापित करने संबंधी गाइडलाइन में अतिरिक्त फैकल्टी लगाने का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। ऐसे में खासकर सरकारी स्कूलों में साइंस फैकल्टी के बड़ी संख्या में पद रिक्त होने से लैब संचालन में दिक्कतें आ सकती हैं। स्टूडेंट को पढ़ाई के साथ प्रैक्टिकल कराने में परेशानी हो सकती है।
जानिए, क्या होगा लैब में
अटल लैब में आईआर सेंसर, थ्रीडी प्रिंटर्स, अल्ट्रासॉनिक सेंसर, रोबोटिक्स, माइक्रो कंट्रोलर बोर्ड, कम्प्यूटर्स तथा साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स के कई उपकरण स्थापित किए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को चैप्टर के विभिन्न पहलुओं के समझाने के साथ इनके इस्तेमाल करना भी सिखाया जाएगा।^बच्चों को आविष्कारक बनाने की यह अच्छी पहल है। इससे विज्ञान और इंजीनियर के क्षेत्र में इनोवेशन देखने को मिलेगा। इसके लिए सरकार ने आदर्श स्कूलों की सूची मांगी है जिसकी सूचना संस्था प्रधानों से लेकर भिजवाई जाएगी। शिवजी गौड़, जिला शिक्षा अधिकारी
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC