बीकानेर। अब 75 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम देने वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को शिक्षा विभाग नहीं बसेगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने वर्ष 2016 में प्रत्येक कक्षा और विषय के न्यूनतम मानदण्ड के तहत 75 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम रहने पर संबंधित संस्था प्रधान व विषय अध्यापक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
शिक्षा विभाग आगामी वर्षों में सरकारी स्कूलों की सारी कक्षाओं का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत निर्धारित करना चाहता है।
परीक्षा परिणाम न्यूनतम 75 प्रतिशत निर्धारित किए जाने से सबसे ज्यादा उन शिक्षकों को परेशानी हो सकती है जो बोर्ड की कक्षाओं को पढ़ाते हैं। दसवीं व सीनियर की कक्षाओं में प्रत्येक विषय का परीक्षा परिणाम 75 प्रतिशत रहना सरकारी स्कूलों में मुश्किल होता है।
पहले 40 प्रतिशत था मापदण्ड
पहले शिक्षा विभाग 40 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों व 30 प्रतिशत से कम परिणाम देने वाले संस्था प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई करता था। बाद में विभाग ने विषय अध्यापक के लिए 50 प्रतिशत व संस्था प्रधान के लिए 40 प्रतिशत से कम परिणाम रहने पर विभागीय कार्रवाई करने के मानदण्ड निर्धारित कर दिए।
पहले भी हुई सख्ती
विभाग ने पहले बीस प्रतिशत से कम परिणाम देने वाले विषयाध्यापकों को न केवल दूरस्थ स्थानों पर भेजा था बल्कि ऐसे शिक्षकों से जबाव तलब किया था। शिक्षकों का कहना है कि शिक्षकों से जनगणना, चुनाव, मतगणना, पशु गणना जैसे कई कार्य कराए जाते है। ऐसे में 75 फीसदी परीक्षा परिणामों की अपेक्षा करना उचित नहीं है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC