जयपुर राजस्थान
विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को ई-एजुकेशन देने के लिए शुरू
की गई फ्री वाई-फाई सुविधा से विद्यार्थी शिक्षा लेने में कितने सफल हुए
हैं यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन विद्यार्थी पोर्न शिक्षा का पाठ लेने
में जरूर सफल हुए हैं। मुफ्त में वाई-फाई से इंटरनेट एक्सेस कर
रहे विद्यार्थी इंटरनेट के माध्यम से ज्ञान हासिल करने की बजाए पोर्न
साइट्स पर जमकर पोर्न दर्शन कर रहे हैं।
यही नहीं विश्वविद्यालय के इंफोटेक सेंटर से मिले आंकड़ों के अनुसार कुछ शिक्षक भी इस वाई-फाई का उपयोग पोर्न साइट्स को देखने के लिए कर रहे हैं।
ब्लॉक नहीं हैं पोर्न साइट्स
ऐसे होता है रजिस्टे्रशन
15 प्रतिशत वाई-फाई यूजर्स सिर्फ पोर्न साइट्स देखते हैं इंफोटेक सेंटर से मिले आंकड़ों की बात की जाए तो विश्वविद्यालय में कुल 10,000 विद्यार्थी फ्री वाई-फाई सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए रजिस्टर्ड हैं, जिसमें से 60 प्रतिशत यूजर्स ऐसे हैं जो वाई-फाई से कनेक्ट रह कर इंटरनेटर यूज करते हैं, 1200 यूजर्स लेन नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। इन आंकड़ों में 15 प्रतिशत यूजर्स ऐसे हैं जो इस सर्विस का इस्तेमाल सिर्फ पोर्न साइट्स देखने के लिए करते हैं।
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यही नहीं विश्वविद्यालय के इंफोटेक सेंटर से मिले आंकड़ों के अनुसार कुछ शिक्षक भी इस वाई-फाई का उपयोग पोर्न साइट्स को देखने के लिए कर रहे हैं।
ब्लॉक नहीं हैं पोर्न साइट्स
विश्वविद्यालय
ने ई-एजुकेशन के लिए अध्ययनरत विद्यार्थियों को फ्री वाई-फाई की सुविधा
दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन यह दावा करता है कि विश्वविद्यालय का
वाई-फाई पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन खुद विश्वविद्यालय के इंफोटेक विभाग
के आंकड़े इसकी पोल खोल रहे हैं। इंफोटेक विभाग के पास पर्याप्त संसाधन
नहीं होने के कारण पोर्न साइट्स को ब्लॉक नहीं किया गया है, जिस कारण से
वाई-फाई सर्वर पर विद्यार्थी आसानी से पोर्न साइट्स देखते रहते हैं।
ऐसे होता है रजिस्टे्रशन
विश्वविद्यालय
के स्टूडेंट्स को वाई-फाई रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म भरकर विश्वविद्यालय के
इंफोटेक सेंटर में जमा करवाना होता है। इस तरह विद्यार्थी का अकाउंट
रजिस्टर्ड होने के बाद उसे लॉगिन आईडी और पासवर्ड जारी किया जाता है, जिससे
विद्यार्थी अपने मोबाइल या लैपटॉप पर फ्री वाई-फाई इंटरनेट सर्विस का यूज
कर सकता है। हालांकि विवि प्रशासन इंटरनेट यूजर्स की ओर से एक्सेस किए जाने
वाले साइट्स की मॉनिटरिंग का दावा करता है, लेकिन मॉनिटरिंग के बाद भी रोक
नहीं लगाई गई है।
15 प्रतिशत वाई-फाई यूजर्स सिर्फ पोर्न साइट्स देखते हैं इंफोटेक सेंटर से मिले आंकड़ों की बात की जाए तो विश्वविद्यालय में कुल 10,000 विद्यार्थी फ्री वाई-फाई सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए रजिस्टर्ड हैं, जिसमें से 60 प्रतिशत यूजर्स ऐसे हैं जो वाई-फाई से कनेक्ट रह कर इंटरनेटर यूज करते हैं, 1200 यूजर्स लेन नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। इन आंकड़ों में 15 प्रतिशत यूजर्स ऐसे हैं जो इस सर्विस का इस्तेमाल सिर्फ पोर्न साइट्स देखने के लिए करते हैं।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC