उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की 46वीं बैठक मंगलवार को कुलपति सचिवालय में कुलपति प्रो. उमाशंकर शर्मा की अध्यक्षता में हुई। प्रारंभ में कुलपति प्रो. उमा शंकर शर्मा एवं कुल सचिव दिनेश कोठारी ने दीप प्रज्वलन तथा माल्यार्पण किया।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने विगत अकादमिक परिषद की बैठक के निर्णयों व कार्यानुपालन पर चर्चा कीे।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राजस्थान कृषि महाविद्यालय के प्रसार शिक्षा विभाग में महाराणा प्रताप शोधपीठ की स्थापना की जाएगी जिसके विभिन्न उद्देश्यों को सदन के पटल पर रखा गया। मुख्यत: वीरशिरोमणि महाराणा प्रताप के समकालीन तथा उनकी प्रेरणा स्वरूप बाद के समय में मेवाड़ में हुए कृषि विकास तथा विकास की संभावनाओं पर शोध कार्य किया जाएगा। प्रताप के समय की चक्रपाणि लिखित पुस्तक ‘विश्व-वल्लभÓ तथा अन्य प्राचीन साहित्य में उल्लेखित कृषि ज्ञान को शोध द्वारा प्रतिपादित किया जाएगा। कुलपति ने इस शोध के दायरे में महाराणा प्रताप से संबंधित विभिन्न ऐतिहासिक स्थानों जैसे चित्तौड़, उदयपुर, गोगुन्दा, दिवेर, हल्दीघाटी, चावंड आदि को सर्किट के रूप में सम्मिलित करने का सुझाव दिया।
बैठक में विवि के सभी सम्बद्ध महाविद्यालयों के विभिन्न संकायों में विषयवार स्नातकोत्तर स्तर पर योग्यता की शर्तों के अधीन स्वर्ण-पदक प्रदान किए जाने का अनुमोदन किया गया। सहायक प्राध्यापक एवं समकक्ष पदों पर नियुक्ति के लिए संशोधित स्कोर कार्ड की अनुशंसा की गई। नई नियुक्तियों के लिए 25 से अधिक पात्र अभ्यर्थियों पर छंटनी परीक्षा आयोजित किए जाने की अनुशंसा हुई।
इसी प्रकार प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर सीधी भर्ती के लिए मॉडल क्वालिफिकेशन का अनुमोदन किया गया। बैठक के प्रारंभ में कुलपति को सुविवि कुलपति पद का अतिरिक्त कार्यभार मिलने पर सदन के सभी सदस्यों ने शुभकामनाएं दीं। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. जी.एस. तिवारी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक में विश्वविद्यालय के विशेषाधिकारी, अनुसंधान निदेशक, प्रसार शिक्षा निदेशक, वित्त नियंत्रक, सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता तथा अकादमिक परिषद के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने विगत अकादमिक परिषद की बैठक के निर्णयों व कार्यानुपालन पर चर्चा कीे।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राजस्थान कृषि महाविद्यालय के प्रसार शिक्षा विभाग में महाराणा प्रताप शोधपीठ की स्थापना की जाएगी जिसके विभिन्न उद्देश्यों को सदन के पटल पर रखा गया। मुख्यत: वीरशिरोमणि महाराणा प्रताप के समकालीन तथा उनकी प्रेरणा स्वरूप बाद के समय में मेवाड़ में हुए कृषि विकास तथा विकास की संभावनाओं पर शोध कार्य किया जाएगा। प्रताप के समय की चक्रपाणि लिखित पुस्तक ‘विश्व-वल्लभÓ तथा अन्य प्राचीन साहित्य में उल्लेखित कृषि ज्ञान को शोध द्वारा प्रतिपादित किया जाएगा। कुलपति ने इस शोध के दायरे में महाराणा प्रताप से संबंधित विभिन्न ऐतिहासिक स्थानों जैसे चित्तौड़, उदयपुर, गोगुन्दा, दिवेर, हल्दीघाटी, चावंड आदि को सर्किट के रूप में सम्मिलित करने का सुझाव दिया।
बैठक में विवि के सभी सम्बद्ध महाविद्यालयों के विभिन्न संकायों में विषयवार स्नातकोत्तर स्तर पर योग्यता की शर्तों के अधीन स्वर्ण-पदक प्रदान किए जाने का अनुमोदन किया गया। सहायक प्राध्यापक एवं समकक्ष पदों पर नियुक्ति के लिए संशोधित स्कोर कार्ड की अनुशंसा की गई। नई नियुक्तियों के लिए 25 से अधिक पात्र अभ्यर्थियों पर छंटनी परीक्षा आयोजित किए जाने की अनुशंसा हुई।
इसी प्रकार प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर सीधी भर्ती के लिए मॉडल क्वालिफिकेशन का अनुमोदन किया गया। बैठक के प्रारंभ में कुलपति को सुविवि कुलपति पद का अतिरिक्त कार्यभार मिलने पर सदन के सभी सदस्यों ने शुभकामनाएं दीं। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. जी.एस. तिवारी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक में विश्वविद्यालय के विशेषाधिकारी, अनुसंधान निदेशक, प्रसार शिक्षा निदेशक, वित्त नियंत्रक, सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता तथा अकादमिक परिषद के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
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