शिक्षाविभाग
में काउंसलिंग भले ही समाप्त हो गई हो, लेकिन अभी भी शिक्षा विभाग की
कारगुजारी जारी हैं। भारी खामियों के बीच शिक्षा विभाग द्वारा की गई
काउंसलिंग में सामने आया है कि जिन स्कूलों में रिक्त पदों का जिक्र
काउंसलिंग के दौरान नहीं था, सोमवार को उन स्कूलों में रिक्त पदों पर
शिक्षकों के पदस्थापन किए गए। भास्कर ने पूरे मामले की गहराई से पड़ताल की।
प्रकरण यह है कि शिक्षक कपिल कुमार रामावि सिलारपुर में कार्यरत थे। यह शिक्षक विज्ञान विषय की काउंसलिंग अनुपस्थित शिक्षकों की 8 जून को हुई काउंसलिंग में अनुपस्थित रहा। जिस समय काउंसलिंग हुई थी उस समय रामसिंहपुरा बहरोड़ में कोई सीट नहीं होना बताया गया था, लेकिन सोमवार को जो आदेश जारी हुए उनमें कपिल कुमार को अनुपस्थित वाली लिस्ट में रामसिंहपुरा स्कूल का आवंटन किया गया। जबकि खुद डीईओ ने अंतिम दिन हुई काउंसलिंग में बहरोड़ के शेरपुर एक अन्य स्कूल के संदर्भ में दो टूक कहा था कि काउंसलिंग में अब नए स्कूलों को शामिल नहीं किया जाएगा। पूर्व की स्कूलों में ही पदस्थापन आदेश जारी किए जाएंगे। इधर डीईओ ऑफिस में परिवेदना वालों का मंगलवार को भी हुजूम रहा, लेकिन उन्हें सुनने वाला कोई नहीं था।
खुलासे की वजह भी जानिए
पूरेमामले का खुलासा इस तरह हुआ कि एक शिक्षक धर्मेंद्र जो घीलोठ नीमराना में लगा हुआ था उसे काउंसलिंग के दौरान आस-पास के क्षेत्र में स्कूल नहीं होने के कारण लक्ष्मणगढ़ जाना पड़ा। यदि उस समय रिक्त पदों की सूची में रामसिंहपुरा का नाम होता तो धर्मेंद्र को घर के पास का स्कूल नहीं छोड़ना पड़ता। भास्कर ने जब इस प्रकरण पर डीईओ से बात करना चाहा तो पहले तो फोन नहीं उठा और बाद में स्विच ऑफ कर दिया।
अंदरकी कहानी: अफसर उतार रहे अहसान
भास्करमामले की गहराई तक गया तो सामने आया कि यह एक ऐसे जनप्रतिनिधि का व्यक्तिगत प्रकरण था जिसने किसी समय में डीईओ को अलवर पदस्थापन में सहयोग किया था। करीब डेढ़ साल पहले डीईओ का तबादला करौली में हुआ था और अलवर में पांचूराम सैनी को लगाया था। पार्टी विचारधारा के अनुरूप नहीं होने और विरोधी पार्टी के नेता के नजदीक होने के कारण सैनी का तबादला आदेश तुरंत बदलवाकर उस जनप्रतिनिधि ने डीईओ शर्मा को वापस अलवर लगवाया था। चर्चाएं यह भी हैं कि अब इसी अहसान का हक अदा किया गया।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
प्रकरण यह है कि शिक्षक कपिल कुमार रामावि सिलारपुर में कार्यरत थे। यह शिक्षक विज्ञान विषय की काउंसलिंग अनुपस्थित शिक्षकों की 8 जून को हुई काउंसलिंग में अनुपस्थित रहा। जिस समय काउंसलिंग हुई थी उस समय रामसिंहपुरा बहरोड़ में कोई सीट नहीं होना बताया गया था, लेकिन सोमवार को जो आदेश जारी हुए उनमें कपिल कुमार को अनुपस्थित वाली लिस्ट में रामसिंहपुरा स्कूल का आवंटन किया गया। जबकि खुद डीईओ ने अंतिम दिन हुई काउंसलिंग में बहरोड़ के शेरपुर एक अन्य स्कूल के संदर्भ में दो टूक कहा था कि काउंसलिंग में अब नए स्कूलों को शामिल नहीं किया जाएगा। पूर्व की स्कूलों में ही पदस्थापन आदेश जारी किए जाएंगे। इधर डीईओ ऑफिस में परिवेदना वालों का मंगलवार को भी हुजूम रहा, लेकिन उन्हें सुनने वाला कोई नहीं था।
खुलासे की वजह भी जानिए
पूरेमामले का खुलासा इस तरह हुआ कि एक शिक्षक धर्मेंद्र जो घीलोठ नीमराना में लगा हुआ था उसे काउंसलिंग के दौरान आस-पास के क्षेत्र में स्कूल नहीं होने के कारण लक्ष्मणगढ़ जाना पड़ा। यदि उस समय रिक्त पदों की सूची में रामसिंहपुरा का नाम होता तो धर्मेंद्र को घर के पास का स्कूल नहीं छोड़ना पड़ता। भास्कर ने जब इस प्रकरण पर डीईओ से बात करना चाहा तो पहले तो फोन नहीं उठा और बाद में स्विच ऑफ कर दिया।
अंदरकी कहानी: अफसर उतार रहे अहसान
भास्करमामले की गहराई तक गया तो सामने आया कि यह एक ऐसे जनप्रतिनिधि का व्यक्तिगत प्रकरण था जिसने किसी समय में डीईओ को अलवर पदस्थापन में सहयोग किया था। करीब डेढ़ साल पहले डीईओ का तबादला करौली में हुआ था और अलवर में पांचूराम सैनी को लगाया था। पार्टी विचारधारा के अनुरूप नहीं होने और विरोधी पार्टी के नेता के नजदीक होने के कारण सैनी का तबादला आदेश तुरंत बदलवाकर उस जनप्रतिनिधि ने डीईओ शर्मा को वापस अलवर लगवाया था। चर्चाएं यह भी हैं कि अब इसी अहसान का हक अदा किया गया।
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