राजस्थान में शारीरिक शिक्षक (PTI) की भर्ती प्रक्रिया में फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी पाने वाले 54 टीचरों को अब अपात्र घोषित कर दिया गया है. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) ने यह निर्णय लिया है, और इस तरह के फर्जीवाड़े में शामिल अन्य अभ्यर्थियों पर भी कार्रवाई जारी रखने का ऐलान किया है. यह कार्रवाई PTI भर्ती में धांधली के चलते की जा रही है, जहां अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त की थी.
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि PTI भर्ती में सफल हुए कुल 321 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का वेरिफिकेशन किया गया. इस वेरिफिकेशन में डिग्री और अन्य दस्तावेजों में कई मिसमैच पाए गए. जांच के बाद बोर्ड ने 54 अभ्यर्थियों को अपात्र घोषित करने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि इन 54 के अलावा, 244 अन्य अभ्यर्थियों के खिलाफ भी फर्जी डिग्री और कागजात के जरिए नौकरी प्राप्त करने का मामला सामने आया है. इन सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच के बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी और उनकी सूची शिक्षा विभाग को भेजी जाएगी.
244 मामलों पर जांच जारी
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने बताया कि बोर्ड ने पहले ही इन 244 के मामलों पर कार्रवाई शुरू कर दी थी और इस समय वे सभी शिक्षा विभाग को भेजी जा रही हैं. इनमें से अधिकांश अभ्यर्थी शायद पहले ही नौकरी ज्वाइन कर चुके हैं. यह सभी अभ्यर्थी भी अब अपात्र माने गए हैं और उनके नाम की लिस्ट शिक्षा विभाग को अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजी जा रही है.
खुफिया जानकारी से हुए खुलासा
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि बोर्ड को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ सफल अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री और दस्तावेज पेश किए थे. इसके बाद सरकार के आदेश पर बोर्ड ने सभी अभ्यर्थियों के डिग्री, डिप्लोमा और अन्य कागजात की जांच शुरू की थी. कर्मचारी चयन बोर्ड की यह कार्रवाई राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए कड़ी जांच और सतर्कता अपनाई जाएगी.
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