राजस्थान में शिक्षक बनना हुआ मुश्किल, अगर आप राजस्थान प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षक नौकरी के इच्छुक हो तो आपको पांच चरणों से गुजरना होगा, रीट परीक्षा के बाद भी मुख्य परीक्षा पास करनी पड़ेगी, रीट प्रमाण पत्र की वैधता आजीवन हुई
राजस्थान राज्य में शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं जिसके चलते बेरोजगार उम्मीदवार काफी ज्यादा परेशान भी हैं। जब भी शिक्षक भर्ती का आयोजन होता है, तो उसको पूरा करने में काफी ज्यादा समय लगाया जाता हैं। इसी कारण आधे उम्मीदवार तो भर्ती पूरी होने की आश छोड़कर दूसरी भर्तियों की तैयारी करने लगते हैं तो कुछ उम्मीदवार शिक्षक बनने का सपना ही छोड़ देते हैं।
यदि हम राजस्थान राज्य में पिछले 10 सालों में आयोजित हुई शिक्षक भर्तियों के आंकड़े देखें , तो इनमें केवल यहीं देखने को मिलता है कि हर एक भर्ती को पूरा करने में काफी ज्यादा समय लगाया गया हैं। इसी वजह से बेरोजगार उम्मीदवारों को बार-बार मुसीबतों का सामना करना पड़ा हैं।
आपको पता ही होगा कि REET Recruitment 2021 के Level – 2 को रद्द कर दिया गया है, जिसके बाद उम्मीदवारों की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं।क्योंकि हजारों उम्मीदवारों ने दिन रात मेहनत करके लेवल 2 की परीक्षा पास की थी जिसके बाद अब उन्हें फिर से परीक्षा देनी होगी।
इसके अलावा बेरोजगार पात्रता के बदले गए नियमों से भी परेशान हैं। क्योंकि उनका कहना है कि सरकार के द्वारा हर भर्ती में पात्रता के नियम बदल दिए जाते हैं जिस वजह से उम्मीदवार भर्ती से बाहर हो जाते हैं। आगे हम आपको Rajasthan Teacher Eligibility Test व इससे संबंधित बेरोजगारों के इस पूरे मामले की विस्तृत जानकारी देते हैं।
- सरकार के द्वारा रीट की वैधता को बढ़ाकर आजीवन तो कर दिया गया है मगर इसको सिर्फ पात्रता परीक्षा ही रखा गया है। मतलब कि जो भी उम्मीदवार REET Recruitment Exam 2022 में शामिल होंगे, तो उन्हें इस परीक्षा को पास करने के बाद शिक्षक बनने के लिए एक और परीक्षा पास करनी होगी।
- यदि वह उस परीक्षा को पास करते हैं तो ही वह सरकारी शिक्षक बन पाएंगे। इस बदले गए नियम के पीछे सरकार का कहना है कि जब शिक्षक बनने के इच्छुक छात्रों से शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद मुख्य शिक्षक परीक्षा ली जाएगी, तो इस प्रकार राजस्थान के विभिन्न स्कूलों को क्वालिटी शिक्षक मिल पाएंगे जिससे शिक्षा के स्तर में भी सुधार आएगा।
- बेरोजगार उम्मीदवारों का यह कहना है कि सरकार के द्वारा हर साल नियम बदले जाते हैं इसके बाद भी भर्ती को पूरा करने में काफी ज्यादा समय लगाया जाता है। यही सबसे बड़ा कारण है कि शिक्षक भर्ती में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को समय पर नौकरी ना मिल पाने के कारण बेरोजगारी भी बढ़ रही है।
पिछले 10 सालों के आंकड़ों के अनुसार, शिक्षक भर्ती पूरी होने में लगा हैं, काफी ज्यादा समय
यदि हम पिछले 10 साल के आंकड़े देखें तो पिछले 10 सालों में हर एक भर्ती को पूरा करने में नियमित समय से काफी ज्यादा समय लगा है। नीचे हम आपको पिछले 10 वर्षों की शिक्षक भर्तियों का आंकड़ा बताते हैं –
शिक्षक भर्ती 2012
वर्ष 2012 में शिक्षक भर्ती आयोजित हुई थी जिसके बाद यह भर्ती लगातार विवादों में रही हैं। इसमें जितने भी उम्मीदवार शामिल थे, तो उन्हें नियुक्ति के लिए 2020 तक संघर्ष करना पड़ा है।
शिक्षक भर्ती 2013
जब शिक्षक भर्ती 2013 में आयोजित हुई थी तो इसके बाद इसका परिणाम 2015 में आया था जबकि संशोधित परिणाम 2017 में जारी किया गया था। इसमें बहुत से अभ्यर्थी ऐसे थे जिनके नंबर सही नहीं थे जिसे लेकर यह भर्ती भी 2018 तक अटकी रही थी।
शिक्षक भर्ती 2016
शिक्षक भर्ती 2016 भी लगातार विवादों में रही है। इस भर्ती की Waiting List जारी करने को लेकर विवाद हो रहा था जो कि 2021 तक चला हैं।
शिक्षक भर्ती 2018
यह भर्ती भी आरक्षित सूची को लेकर कोर्ट में गई थी, जिसके बाद कोर्ट के द्वारा वर्ष 2020 में आरक्षित सूची जारी करने के आदेश दिए गए थे।
शिक्षक भर्ती 2021
शिक्षक भर्ती 2021 में लगातार विवादों में है,जिस वजह से Level-1 के शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया तो चल रही है परंतु level-2 को रद्द कर दिया गया है। जिसके कारण REET 2021 Level 2 में शामिल उम्मीदवार भी अब जुलाई 2022 में आयोजित होने वाली REET Exam 2022 में शामिल होंगे।
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर, महेंद्रसिंह तरसिंगड़ी ने दी सरकार को यह सलाह
महेंद्रसिंह तरसिंगड़ी जो की परीक्षा एक्सपर्ट हैं, इन्होंने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर सरकार को यह सलाह दी है कि शिक्षक भर्ती से संबंधित निश्चित कैलेंडर होना जरूरी है और उसी के आधार पर भर्ती होनी चाहिए। क्योंकि बार-बार पात्रता में बदलाव करने के कारण बेरोजगारों के ऊपर भी काफी बुरा असर पड़ता हैं। साथ ही सरकार को शिक्षक भर्ती में बेरोजगारों के साथ पूरी तरह से पारदर्शिता रखनी चाहिए ताकि बाद में किसी भी उम्मीदवार को परेशानी ना हों।
2012 से लेकर 2017 तक इस प्रकार बदल चुके हैं, पात्रता परीक्षा से संबंधित नियम
वर्ष 2011 व 2012
वर्ष 2011 व 2012 में 150 अंकों की शिक्षक पात्रता परीक्षा होती थी जिसके बाद इसमें पास होने वाले उम्मीदवारों के लिए मुख्य शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन करवाया जाता था। यह मुख्य परीक्षा 200 अंकों की होती थी, जिसमें 20% अंक TET के जोड़कर जिला स्तर पर Merit List बनाई गई थी।
वर्ष 2015 व 2017
जब वर्ष 2015 में शिक्षक भर्ती का आयोजन हुआ था तो उस भर्ती में उम्मीदवारों का चयन भर्ती परीक्षा के अंकों को आधार मानकर किया गया था। इसके अलावा जब वर्ष 2016 में शिक्षक भर्ती का आयोजन हुआ, तो उस समय REET Level 2 में रीट परीक्षा के 70% अंक तथा स्नातक के 30% अंक को आधार मानकर भर्ती की गई थी।
वर्ष 2021 में भी बदल दिया नियम
जब वर्ष 2021 में रीट भर्ती परीक्षा का आयोजन हुआ तो इसमें रीट लेवल 1 के तहत तो रीट परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही उम्मीदवारों का चयन किया जाना था। जबकि REET Level 2 में उम्मीदवारों का चयन स्नातक के 10% अंक तथा रीट परीक्षा में प्राप्त अंकों के 90% को आधार मानकर चयन किया जाना था, परंतु Level-2 को Paper Leak होने की वजह से रद्द कर दिया गया है।
उम्मीदवारों को अब शिक्षक बनने के लिए, देनी होगी 5 परीक्षाएं
अब जो भी उम्मीदवार बनना चाहते हैं तो उन्हें स्नातक सहित 5 परीक्षाओं से होकर गुजरना होगा जैसे कि –
- 12वीं कक्षा के पश्चात उम्मीदवारों को Graduation करनी होगी।
- जो उम्मीदवार Graduation के पश्चात शिक्षक बनना चाहते हैं, तो उन्हें B.Ed में दाखिला लेने के लिए PTET से होकर गुजरना होगा।
- जब उम्मीदवारों का दाखिला B.Ed में हो जाएगा तो उन्हें B.ed को पास करना होगा।
- B.Ed करने के बाद उम्मीदवारों को रीट परीक्षा पास करनी होगी।
- आखिर में रीट परीक्षा को पास करने के बाद शिक्षक बनने के लिए उम्मीदवारों को शिक्षक भर्ती की मुख्य परीक्षा पास करनी होगी ,तब जाकर वह शिक्षक बन पाएंगे।
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