जयपुर. सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ाने वाले और नतीजे नहीं देने वाले शिक्षकों (Teachers) पर आने वाले दिन भारी पड़ सकते हैं. शिक्षा महकमा नॉन परफॉर्मेंस (Non performer) वाले शिक्षकों की इन दिनों न केवल जमकर क्लास लगा रहा है, बल्कि उन्हें दंडित भी कर रहा है. नॉन परफॉर्मेंस वाले 48 शिक्षकों के प्रमोशन रोक (Promotion Stopped) दिये गये हैं. महकमे की कार्रवाई के बाद अब गुरुजी फिर गलती न दोहराने की कसमें खा रहे हैं. शिक्षकों पर चले सरकारी डंडे के बाद अब कुछ स्कूलों की दशा सुधरने लगी है.
इसकी बानगी जयपुर के राममंदिर सरकारी स्कूल में देखी जा सकती है. यहां गणित पढ़ाने वाले गुरुजी नतीजा देने में फिसड्डी रहे. दसवीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम महज 33 फीसदी रहा. गणित पढ़ाने वाले गुरूजी के शिष्य सिर्फ 38 फीसदी ही पास हो पाये. अब मास्टरजी की सिट्टी पिट्टी गुम है. शिक्षा महकमे ने जब जवाब मांगा तो गुरुजी अगले साल 100 फीसदी नतीजा देने की कसम खाने लगे. ये हाल तो तब है जब इस स्कूल में 19 शिक्षक पदस्थापित हैं. सरकार हर महीने स्कूल पर करीब 16 लाख रुपये खर्च करती है. लेकिन अब जिला शिक्षा अधिकारी गुरुजी को बख्शने के मूड में नहीं हैं.
नाहरी का नाका के बाजोरिया स्कूल का परिणाम 39 फीसदी रहा
ऐसा ही हाल नाहरी का नाका के बाजोरिया स्कूल का है. यहां का नतीजा सिर्फ 39 फीसदी रहा. इसके बावजूद स्कूल प्रशासन ने कोई सबक नहीं सीखा. क्लास रूम खाली पड़े हैं. गिनती के बच्चे स्कूल आ रहे हैं और पढाई नहीं के बराबर हो रही है. स्कूल की प्रिंसिपल के बहाने किसी के भी गले नहीं उतर रहे हैं. अब प्रिसिपल साहब भाग दौड़ कर रहे हैं.
शिक्षकों की बीकानेर निदेशालय में पेशी
प्रदेशभर से 336 सबसे खराब परफॉर्मेंस वाले शिक्षकों की बीकानेर निदेशालय में पेशी हुई है. इनमें 305 शिक्षक ही पहुंचे. 205 शिक्षकों को सख्त हिदायत देकर छोड़ दिया गया. जबकि 48 शिक्षकों को दंडित किया गया है. उनके प्रमोशन रोक दिये गये हैं. प्रिंसिपल्स और हेडमास्टर को भी बीकानेर निदेशालय ने जमकर फटकारा है. 699 संस्था प्रधानों को न्यून परीक्षा परिणामों के कारण बीकानेर तलब किया गया है. इनमें से 596 से जुड़े प्रकरणों को निस्तारित किया गया है. शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा भी कमजोर परफॉर्मेंस वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने के मूड में नजर आ रहे हैं.
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