अजमेर | प्रदेश के राजकीय काॅलेजाें से खासी तादाद में शिक्षकाें के तबादले
किए गए हैं। रविवार रात काे जारी की गई इस सूची के बाद रुक्टा राष्ट्रीय
के पदाधिकारियाें ने इस सूची पर राेष जारी किया है। अाराेप लगाया है कि
राजनीति के चलते द्वेषतापूर्ण तबादले किए गए हैं जिसमें संगठन से जुड़े
शिक्षकाें काे जानबूझ कर दूर दराज के काॅलेजाें में भेजा गया है।
रुक्टा (राष्ट्रीय) के अध्यक्ष डॉ. दिग्विजय सिंह शेखावत ने बताया कि सरकार ने दुर्भावना से ग्रसित होकर बड़ी संख्या में संगठन से जुड़े शिक्षकों का तबादला 500 से 700 किलोमीटर दूर तक किया है। शेखावत का अाराेप है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी की कथनी और करनी में अंतर है। वे सार्वजनिक रूप से कहते हैं कि वैचारिक द्वेष और पूर्वाग्रह के आधार पर ट्रांसफर नहीं किए जाएंगे लेकिन सरकार बदलते ही संगठन से जुड़े 100 से ज्यादा कॉलेज शिक्षकों को राजस्थान के एक कोने से दूसरे कोने में भेजा गया है।
संगठन के पदाधिकारियाें का अाराेप है कि एकल महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार और विकलांग शिक्षकों को भी नहीं बख्शा गया है। संगठन महामंत्री डॉ. नारायण लाल गुप्ता ने बताया कि काॅलेज शिक्षा में स्थानांतरण को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत के नाम से फैलाए जा रहे भय और आतंक की जानकारी मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री काे दिए जाने के बाद भी तबादले किए जा रहे हैं। इससे जाहिर है कि सरकार ने एक शिक्षक गुट को स्थानांतरण का ठेका दे दिया है। गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार का निष्पक्ष सुशासन देने का वादा खोखला सिद्ध हुआ है। सरकार के द्वारा की गई इस दुर्भावनापूर्वक और भेदभावपूर्ण कार्रवाई के बावजूद संगठन से जुड़े शिक्षक राज्य,शिक्षा और शिक्षक हित में काम करते रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रुक्टा राष्ट्रीय ने मांग की है कि अब तक हुए सभी स्थानांतरणों की निष्पक्ष जांच की जाए।
रुक्टा (राष्ट्रीय) के अध्यक्ष डॉ. दिग्विजय सिंह शेखावत ने बताया कि सरकार ने दुर्भावना से ग्रसित होकर बड़ी संख्या में संगठन से जुड़े शिक्षकों का तबादला 500 से 700 किलोमीटर दूर तक किया है। शेखावत का अाराेप है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी की कथनी और करनी में अंतर है। वे सार्वजनिक रूप से कहते हैं कि वैचारिक द्वेष और पूर्वाग्रह के आधार पर ट्रांसफर नहीं किए जाएंगे लेकिन सरकार बदलते ही संगठन से जुड़े 100 से ज्यादा कॉलेज शिक्षकों को राजस्थान के एक कोने से दूसरे कोने में भेजा गया है।
संगठन के पदाधिकारियाें का अाराेप है कि एकल महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार और विकलांग शिक्षकों को भी नहीं बख्शा गया है। संगठन महामंत्री डॉ. नारायण लाल गुप्ता ने बताया कि काॅलेज शिक्षा में स्थानांतरण को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत के नाम से फैलाए जा रहे भय और आतंक की जानकारी मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री काे दिए जाने के बाद भी तबादले किए जा रहे हैं। इससे जाहिर है कि सरकार ने एक शिक्षक गुट को स्थानांतरण का ठेका दे दिया है। गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार का निष्पक्ष सुशासन देने का वादा खोखला सिद्ध हुआ है। सरकार के द्वारा की गई इस दुर्भावनापूर्वक और भेदभावपूर्ण कार्रवाई के बावजूद संगठन से जुड़े शिक्षक राज्य,शिक्षा और शिक्षक हित में काम करते रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रुक्टा राष्ट्रीय ने मांग की है कि अब तक हुए सभी स्थानांतरणों की निष्पक्ष जांच की जाए।
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