जयपुर. एक तरफ बिहार और उत्तर प्रदेश बाढ़ से जूझ रहा है,
हर तरफ पानी ही पानी है, वहीं राजस्थान में एक अलग तरीके की बाढ़ अचानक
आई. यहां पर रविवार रात को तबादलों की बाढ़ आई. एक ही रात में करीब आठ हजार
शिक्षकों को इधर से उधर कर दिया गया.
इसके जवाब में शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद डोटासरा (Minister of State for Education Govind Dotasara) ने दावा किया कि तबादलों में विकलांग, विधवा, परित्यक्ता और बीमार शिक्षकों का खास ध्यान रखा गया है. इसके साथ ही राजनीतिक रूप से प्रताड़ित (Politically tortured) शिक्षकों का तबादला कर सरकार ने उन्हें न्याय (justice) दिलाया है. लेकिन तबादला सूची में एक ऐसे प्रिंसिपल का तबादला जयपुर से बाड़मेर कर दिया गया, जिसका प्रदर्शन (Performance) राजस्थान में सबसे अच्छा रहा है.
डोटासरा बोले- प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी
मंत्री गोविंद डोटासरा ने दावा किया कि तबादला प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रही है. तबादला कैंप में जुटे किसी कर्मचारी ने किसी शिक्षक से चाय तक नहीं पी है. एक रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ और शिक्षा महकमा जिसे तबादला इंडस्ट्री कहा जाता था वो पूरी तरह से पाक साफ रहा. शिक्षा राज्यमंत्री ने एक ही झटके में रविवार रात को 7,964 शिक्षकों को इधर से उधर कर दिया है. इनमें 2,606 प्रिंसिपल, 286 हेडमास्टर, 355 इंग्लिश व्याख्याता, 1100 हिंदी व्याख्याता, 575 भूगोल व्याख्याता, 961 राजनीति विज्ञान के व्याख्याता शामिल हैं.
ये भी पढ़ें- ट्रांसफर लिस्ट के बाद कई जिलों में स्कूल बंद, मांगें पूरी होने तक धरने पर बैठे स्टूडेंट
नागौर और झुंझुनूं जिले की तबादला सूचियां अटकी
तबादलों की जंबो लिस्ट निकालने के बावजूद उपचुनाव के कारण नागौर और झुंझुनूं जिले की तबादला सूचियां अटक गई हैं. डोटासरा ने वहां के शिक्षकों को भरोसा दिलाया कि उपचुनाव बाद मुख्यमंत्री से अनुमति लेकर वहां भी तबादले किए जाएंगे.
पहली बार तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन
ऐसा पहली बार हुआ है जब सूबे में शिक्षकों के तबादलों के लिए आवेदन ऑनलाइन लिए गए हों. अपना काम छोड़ मंत्री के आगे पीछे चक्कर काटने वाले शिक्षकों के जयपुर आने पर रोक लगा दी.
इसके जवाब में शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद डोटासरा (Minister of State for Education Govind Dotasara) ने दावा किया कि तबादलों में विकलांग, विधवा, परित्यक्ता और बीमार शिक्षकों का खास ध्यान रखा गया है. इसके साथ ही राजनीतिक रूप से प्रताड़ित (Politically tortured) शिक्षकों का तबादला कर सरकार ने उन्हें न्याय (justice) दिलाया है. लेकिन तबादला सूची में एक ऐसे प्रिंसिपल का तबादला जयपुर से बाड़मेर कर दिया गया, जिसका प्रदर्शन (Performance) राजस्थान में सबसे अच्छा रहा है.
डोटासरा बोले- प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी
मंत्री गोविंद डोटासरा ने दावा किया कि तबादला प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रही है. तबादला कैंप में जुटे किसी कर्मचारी ने किसी शिक्षक से चाय तक नहीं पी है. एक रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ और शिक्षा महकमा जिसे तबादला इंडस्ट्री कहा जाता था वो पूरी तरह से पाक साफ रहा. शिक्षा राज्यमंत्री ने एक ही झटके में रविवार रात को 7,964 शिक्षकों को इधर से उधर कर दिया है. इनमें 2,606 प्रिंसिपल, 286 हेडमास्टर, 355 इंग्लिश व्याख्याता, 1100 हिंदी व्याख्याता, 575 भूगोल व्याख्याता, 961 राजनीति विज्ञान के व्याख्याता शामिल हैं.
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नागौर और झुंझुनूं जिले की तबादला सूचियां अटकी
तबादलों की जंबो लिस्ट निकालने के बावजूद उपचुनाव के कारण नागौर और झुंझुनूं जिले की तबादला सूचियां अटक गई हैं. डोटासरा ने वहां के शिक्षकों को भरोसा दिलाया कि उपचुनाव बाद मुख्यमंत्री से अनुमति लेकर वहां भी तबादले किए जाएंगे.
पहली बार तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन
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ऐसा पहली बार हुआ है जब सूबे में शिक्षकों के तबादलों के लिए आवेदन ऑनलाइन लिए गए हों. अपना काम छोड़ मंत्री के आगे पीछे चक्कर काटने वाले शिक्षकों के जयपुर आने पर रोक लगा दी.
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