चित्तौडग़ढ़. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के रिशफल परिणाम में चयनित
अभ्यर्थी ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त होने पर सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी
मुख्यालय प्रारंभिक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पहुंचे। अभ्यर्थियों को
सुविधाओं के अभाव में परेशानी का सामना करना पड़ा।
अभ्यर्थियों को कड़ी धूप में आधे घंटे से भी ज्यादा लाइन में खड़ा रहने के बाद उपस्थिति दर्ज कराने का नंबर आ रहा था।महिला अभ्यर्थियों को अधिक परेशानी हो रही है। कई महिलाओं के साथ आठ-दस माह के बच्चे भी है जिनका गर्मी से बुरा हाल था। विभाग की ओर से बैठने या छाया की कोई व्यवस्था नहीं की गई। कार्यालय में अभ्यर्थियों की समस्या सुनने वाला कोर्ई नहीं था। जिले में करीब ३९६ अभ्यर्थी चयन होकर आए है।सोमवार को डीइओ कार्यालाय में अधिकारी नहीं होने से भी अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जिला शिक्षा अधिकारी जयपुर बैठक में तो अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी कलक्ट्रेट में आयोजित बैठक में मौजूद रहे। इसके चलते उपस्थ्ति दर्ज करने का जिम्मा भी एक चतुर्थश्रेणी कर्मचारी के भरोसे रहा।
माता कतार में, परिजन हवा करने में व्यस्त
उपस्थिति दर्ज कराने पहुंचे अभ्यर्थियों के लिए छाया की व्यवस्था नहीं होने से छोटे बच्चों के साथ पहुंचे अभ्यर्थियों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। बच्चों की माताएं अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए लाइन में खड़ी होकर अपनी बारी का इंतजार करती रही वहीं अन्य परिजन हवा करके बच्चों को गर्मी से बचाते दिखे।
अभ्यर्थियों को कड़ी धूप में आधे घंटे से भी ज्यादा लाइन में खड़ा रहने के बाद उपस्थिति दर्ज कराने का नंबर आ रहा था।महिला अभ्यर्थियों को अधिक परेशानी हो रही है। कई महिलाओं के साथ आठ-दस माह के बच्चे भी है जिनका गर्मी से बुरा हाल था। विभाग की ओर से बैठने या छाया की कोई व्यवस्था नहीं की गई। कार्यालय में अभ्यर्थियों की समस्या सुनने वाला कोर्ई नहीं था। जिले में करीब ३९६ अभ्यर्थी चयन होकर आए है।सोमवार को डीइओ कार्यालाय में अधिकारी नहीं होने से भी अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जिला शिक्षा अधिकारी जयपुर बैठक में तो अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी कलक्ट्रेट में आयोजित बैठक में मौजूद रहे। इसके चलते उपस्थ्ति दर्ज करने का जिम्मा भी एक चतुर्थश्रेणी कर्मचारी के भरोसे रहा।
माता कतार में, परिजन हवा करने में व्यस्त
उपस्थिति दर्ज कराने पहुंचे अभ्यर्थियों के लिए छाया की व्यवस्था नहीं होने से छोटे बच्चों के साथ पहुंचे अभ्यर्थियों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। बच्चों की माताएं अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए लाइन में खड़ी होकर अपनी बारी का इंतजार करती रही वहीं अन्य परिजन हवा करके बच्चों को गर्मी से बचाते दिखे।
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