सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में नवनियुक्त शिक्षकों को पीएचडी के लिए 10 मार्च
को होने वाली रेट परीक्षा में छूट नहीं देने की मांग पर एनएसयूआई और
एबीवीपी के छात्रों ने शनिवार को जमकर हंगामा किया। दोपहर 12.30 बजे विवि
के सभी कर्मचारियों-अधिकारियों को बाहर कर छात्रों ने विवि का अकादमिक
ब्लॉक बंद करा दिया।
करीब तीन बजे तक विवि बंद रहा। छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। कई छात्रों की कुछ शिक्षकों और कुलपति से तीखी बहस हुई। पुलिस भी पहुंची। आखिरकार कुलपति ने छात्रों की बात मानकर शिक्षकों को इस परीक्षा से छूट नहीं देने पर सहमति जताई। छात्रों के प्रदर्शन के दौरान लॉ कॉलेज डीन प्रो. आनंद पालीवाल और शोधार्थी गौरव भीमावत के बीच बहस हो गई। प्रो. पालीवाल ने छात्रों और शोधार्थियों से बातचीत के दौरान गौरव को यह तक कह दिया कि विवि की पिछली पीजी डीन ने कई फर्जी पीएचडी प्रवेश कराए हैं। इसे लेकर भीमावत और छात्रसंघ अध्यक्ष हिमांशु बागड़ी में भी बहस हो गई।
आखिरकार छात्र आक्रोश देख कुलपति ने आश्वस्त किया- शिक्षकों को रेट एग्जाम में छूट नहीं देंगे
जब तक विरोध नहीं करते, कुलपति सुनते ही नहीं : माेहित
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्रनेता मोहित नायक ने बताया कि विश्वविद्यालय शिक्षकों को बिना पात्रता परीक्षा दिए पीएचडी में बैठा रहा है, जाे गलत है। कुलपति को बुलाया था, मगर वे काफी देर तक नहीं आए। जब तक विरोध प्रदर्शन नहीं करें, कुलपति सुनते ही नहीं। आखिरकार उन्होंने शिक्षकों को पात्रता परीक्षा से छूट का निर्णय वापस लिया। छात्रनेता गौरव ने कहा कि शिक्षकों को रेट से बचाने के लिए यूजीसी के निर्णय को विवि गलत तरीके से बता रहा है। यूजीसी ने 2021 के बाद बिना पीएचडी के किसी को शिक्षक नहीं बनाने का निर्णय किया है। दूसरी ओर विवि यह बता रहा है कि 2021 तक पीएचडी करनी होगी। भीमावत ने प्रो. पालीवाल से यह सवाल भी किया कि किस डीन पीजी ने फर्जी प्रवेश कराए और वे लोग कौन हैं।
बॉम में निर्णय हो चुका, सिर्फ सीमा मलिक नहीं कर रहीं हस्ताक्षर : प्रो. पालीवाल
मामले को लेकर प्रो. पालीवाल ने कहा कि तीन शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने प्रदेश के अन्य विवि से रेट परीक्षा पास कर ली है। उन्हें सीधे पीएचडी कराने का निर्णय बॉम में हो चुका है। प्रो. सीमा मलिक को छोड़कर सभी फैकल्टी चेयरमैन ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। वे अनावश्यक रूप से यह दबाव बना रही हैं। पिछले पीजी डीन कार्यकाल में फर्जी प्रवेश हुए, इसके प्रमाण मेरे पास हैं, जो बॉम में पेश करूंगा।
जांच बैठाएं, सामना करने को तैयार : प्रो. सीमा
पूर्व पीजी डीन प्रो. सीमा मलिक ने कहा कि प्रो. पालीवाल जिम्मेदार व्यक्ति हैं। मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या कहा और क्या नहीं। फिर भी किसी को संशय है कि मेरे पीजी डीन रहते कोई फर्जी प्रवेश हुए, तो शिकायत कुलपति को उन फर्जी प्रवेशों के नाम के साथ की जाए। जांच के लिए कमेटी बैठाई जाएं, मैं कमेटी का सामना करने के लिए तैयार हूं।
करीब तीन बजे तक विवि बंद रहा। छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। कई छात्रों की कुछ शिक्षकों और कुलपति से तीखी बहस हुई। पुलिस भी पहुंची। आखिरकार कुलपति ने छात्रों की बात मानकर शिक्षकों को इस परीक्षा से छूट नहीं देने पर सहमति जताई। छात्रों के प्रदर्शन के दौरान लॉ कॉलेज डीन प्रो. आनंद पालीवाल और शोधार्थी गौरव भीमावत के बीच बहस हो गई। प्रो. पालीवाल ने छात्रों और शोधार्थियों से बातचीत के दौरान गौरव को यह तक कह दिया कि विवि की पिछली पीजी डीन ने कई फर्जी पीएचडी प्रवेश कराए हैं। इसे लेकर भीमावत और छात्रसंघ अध्यक्ष हिमांशु बागड़ी में भी बहस हो गई।
आखिरकार छात्र आक्रोश देख कुलपति ने आश्वस्त किया- शिक्षकों को रेट एग्जाम में छूट नहीं देंगे
जब तक विरोध नहीं करते, कुलपति सुनते ही नहीं : माेहित
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्रनेता मोहित नायक ने बताया कि विश्वविद्यालय शिक्षकों को बिना पात्रता परीक्षा दिए पीएचडी में बैठा रहा है, जाे गलत है। कुलपति को बुलाया था, मगर वे काफी देर तक नहीं आए। जब तक विरोध प्रदर्शन नहीं करें, कुलपति सुनते ही नहीं। आखिरकार उन्होंने शिक्षकों को पात्रता परीक्षा से छूट का निर्णय वापस लिया। छात्रनेता गौरव ने कहा कि शिक्षकों को रेट से बचाने के लिए यूजीसी के निर्णय को विवि गलत तरीके से बता रहा है। यूजीसी ने 2021 के बाद बिना पीएचडी के किसी को शिक्षक नहीं बनाने का निर्णय किया है। दूसरी ओर विवि यह बता रहा है कि 2021 तक पीएचडी करनी होगी। भीमावत ने प्रो. पालीवाल से यह सवाल भी किया कि किस डीन पीजी ने फर्जी प्रवेश कराए और वे लोग कौन हैं।
बॉम में निर्णय हो चुका, सिर्फ सीमा मलिक नहीं कर रहीं हस्ताक्षर : प्रो. पालीवाल
मामले को लेकर प्रो. पालीवाल ने कहा कि तीन शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने प्रदेश के अन्य विवि से रेट परीक्षा पास कर ली है। उन्हें सीधे पीएचडी कराने का निर्णय बॉम में हो चुका है। प्रो. सीमा मलिक को छोड़कर सभी फैकल्टी चेयरमैन ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। वे अनावश्यक रूप से यह दबाव बना रही हैं। पिछले पीजी डीन कार्यकाल में फर्जी प्रवेश हुए, इसके प्रमाण मेरे पास हैं, जो बॉम में पेश करूंगा।
जांच बैठाएं, सामना करने को तैयार : प्रो. सीमा
पूर्व पीजी डीन प्रो. सीमा मलिक ने कहा कि प्रो. पालीवाल जिम्मेदार व्यक्ति हैं। मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या कहा और क्या नहीं। फिर भी किसी को संशय है कि मेरे पीजी डीन रहते कोई फर्जी प्रवेश हुए, तो शिकायत कुलपति को उन फर्जी प्रवेशों के नाम के साथ की जाए। जांच के लिए कमेटी बैठाई जाएं, मैं कमेटी का सामना करने के लिए तैयार हूं।
No comments:
Post a Comment