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कर्मचारियों ने 2800 का ही पे लेवल बनाने की मांग दोहराई

बांसवाड़ा| पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने रिटायर्ड आईएएस कृष्णा भटनागर की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारीश के बाद कर्मचारियों के प्रमोशन चैनल 1 जून 2013 को अधिसूचना जारी कर 2800 तक ग्रेड पे तक के कर्मचारियों की ग्रेड पे व इसके साथ रनिंग पे बैंड में इजाफा कर दिया था, इस अादेश को 2017 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने वापस ले लिया था।


शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिलाध्यक्ष गमीरचंद पाटीदार ने बताया कि इस मामले को लेकर संगठन ने ब्लॉक, जिला व राज्य स्तर पर आंदोलन कर ज्ञापन सौंपे, लेकिन किसी प्रकार की सुनवाई नहीं कर इस दायरे में आने वाले कर्मचारियों के वेतन में 2013 से हुए इजाफे को 2017 में वसूलने के आदेश कर दिए। जिससे ऐसे कर्मचारियों को 7वें वेतनमान का लाभ नहीं के बराबर रहा। सातवें वेतनमान में सरकार ने ग्रेड पे खत्म कर पे लेवल लागू कर दिए। इसमें 2400 ग्रेड पे के दो लेवल बना दिए गए। इससे प्रामोशन का एक चैनल कम हो गया। जो कर्मचारी पूर्व में 2400 ग्रेड पे से प्रोमोशन लेते हुए 2800, 3600 और फिर 4800 ग्रेड पे तक पहुंचता था, वह सातवें वेतनमान में 2400 से प्रमोट होकर 2400 एल वन, 2400 एल टू और इसके बाद 3600 ग्रेड पे पर ही अटक गया। संगठन ने सीधे 2400 से 2800 का ही पे लेवल बनाने, भाजपा सरकार के समय 2017 में 2013 से दी गई ग्रेड पे की वसूली आदेश को निरस्त कर पूर्ववत वेतन ग्रेड पे के एरियर सहित भुगतान किए जाने की मांग की। संगठन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर अनुसूची 5 के तहत वसूल की गई ग्रेड पे पुन: यथावत 2013 से रखने के आदेश जारी कर बकाया ग्रेड पे का भुगतान करने, उसी के अनुसार 7वें वेतनमान में फिक्सेशन करने के आदेश करने की मांग की है। 

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