सीकर. रीट के जरिए होने
वाली 55 हजार शिक्षकों की भर्ती में अनुभवी अभ्यर्थियों पर नए अभ्यर्थी
भारी पड़ेंगे। इस कारण रीट के निर्धारित फॉर्मूले को लेकर युवाओं में विरोध
शुरू हो गया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षक भर्ती में रीट के अंकों
के साथ स्नातक के 30 प्रतिशत अंक जुडऩे से अनुभवी अभ्यर्थियों का नौकरी
का सपना टूट सकता है। युवाओं ने स्नातक के अंक दस फीसदी जोडऩे की मांग की
है। युवाओं का कहना है कि सरकार को अब भर्ती के नियमों में बदलाव करना
होगा। वहीं विभिन्न बेरोजगार संगठनों ने रीट 2015 के अंक सार्वजनिक करने की
भी मांग की है।अभ्यर्थियों का सवाल: फिर क्यो बढ़ाई उम्र सीमा
प्रतियोगी परीक्षाओं में सरकार ने उम्र सीमा की छूट देते हुए 40 वर्ष कर दी। रीट में शामिल अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने रीट से पहले छूट का ऐलान नहीं किया है। इस कारण काफी अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रह गए। वहीं अभ्यर्थियों का कहना है कि जब सरकार ने उम्र सीमा में छूट दी तो अनुभवी के लिए नियमों में बदलाव भी किया जाना चाहिए।
सरकारी कॉलेज के विद्यार्थियों को नुकसान
अभ्यर्थी विनोद कुमार लाम्बा का कहना है कि इस पैर्टन का सबसे ज्यादा नुकसान सरकारी कॉलेज से स्नातक करने वाले अभ्यर्थियों को हो रहा है। उनका कहना है कि शिक्षक भर्ती में यह फॉर्मूला पूरी तरह अव्यावहारिक है। राज्य सरकार को रीट के 90 फीसदी व स्नातक के दस फीसदी अंक जोडऩे चाहिए।
रीट निरस्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
रीट अधिकार मंच के कार्यकर्ताओं ने भी रीट को लेकर कलक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया। अधिकार मंच महेन्द्र जाटोलिया व दिनेश शर्मा ने बताया कि सामान्यीकरण लागू नहीं किया गया तो रीट 2018 निरर्थक साबित होगी। उनका कहना है कि फिर सबसे ज्यादा चयन रीट 2015 के आधार पर ही होगा। उनका कहना है कि वर्ष 2015 में हुई रीट परीक्षा के मुकाबले 2018 के प्रश्न पत्र का कठिनाई स्तर काफी था। ऐसे में ज्यादातर अभ्यर्थियों के 2018 की रीट में स्कोर आगे नहीं बढ़ा है। मंच के कार्यकर्ताओं का कहना है कि बाहरी राज्य के अभ्यर्थियों के लिए पांच फीसदी सीट ही तय की जाए। लेवल प्रथम व द्वितीय के पदों का अनुपात 60 व 40 रखा जाए। अधिकार मंच कार्यकर्ताओं ने गलत प्रश्नों के बोनस अंक देने व रीट 2015 के अंक सार्वजनिक करने की मांग की है।
इनका कहना है
-शिक्षक भर्ती का पैटर्न सभी को ध्यान में रखकर बनाया गया है। फिर भी युवाओं की मांग है तो विचार किया जाएगा।
वासुदेव देवनानी, शिक्षा राज्यमंत्री
ऐसे समझे इस नियम को
रीट के जरिए हुई 2016 शिक्षक भर्ती में सामने आया कि किसी छात्र के यदि 75 फीसदी से अधिक अंक हैं लेकिन स्नातक में 50 प्रतिशत है तो 70 व 30 के फॉर्मूले से उसके कुल अंक 67.5 फीसदी होते हैं। लेकिन कई अभ्यर्थियों के स्नातक में प्रायोगिक विषय होने के कारण अंक 70 से 75 फीसदी तक भी है। ऐसे अभ्यर्थियों के रीट में 65 फीसदी होने के बाद भी उसके कुल 68 फीसदी तक पहुंच रहे हैं। ऐसे में वर्षो से तैयारी में जुटे अनुभवी बीएड डिग्रीधारी पर युवा भारी पड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
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