पाली। पिछले 5 साल में पांच से ज्यादा
सरकारी नौकरियों की बड़ी भर्तियां नकलचियों की भेंट चढ़ चुकी हैं। पिछले 5
सालों में नकल गिरोह राजस्थान के लाखों बेरोजगारों का नौकरी का ख्वाब तोड़
चुके हैं, लेकिन अभी भी सरकारी सिस्टम और परीक्षा आयोजित कराने वाली तमाम
एजेंसियां इसका तोड़ ढूंढ़ने में नाकामयाब रही हैं।
सरकारी सिस्टम की नाकामयाबी का खामियाजा
सीधे तौर पर परीक्षाओं में आवेदन करने वाले उन लाखों बेरोजगारों को उठाना
पड़ रहा है, जो लंबे समय से नौकरी की आस लगाए बैठे और अपने गांव से दूर
शहरों में परीक्षाओं की तैयारी के लिए विभिन्न कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई
कर रहे हैं। योग्य अभ्यर्थी सालों तक नौकरी की चाह में दिन-रात एक कर पढ़ाई
करते हैं, लेकिन चंद गिरोह पैसों के लालच में अयोग्य लोगों को भी नकल के
जरिए सफल करवाकर नौकरी लगवा देते हैं।
हर स्टेप पर मिली नाकामी
पेपर लीक होने से परेशान सरकार ने 2017 में आॅनलाइन परीक्षा करवाने का फॉर्मूला बनाया। पुलिस व सेना से लेकर कई भर्ती परीक्षाएं आॅनलाइन शुरू की, लेकिन शुरूआत के साथ ही नकल गिरोह ने इस व्यवस्था को फेल कर दिया। कम्प्यूटर हैक कर रिमोट के जरिए नकल करवाने के मामले सामने आने के बाद पुलिस कांस्टेबल परीक्षा को रद्द करना पड़ा। सरकार आरपीएससी की ओर से परीक्षाएं करवाती रही है। लिखित पेपर छापने से लेकर परीक्षा के आयोजन तक की जिम्मेदारी है, फिर भी आरपीएससी विवादों में रही।
पहली बार सरकार ने 2015 में परीक्षा में नया प्रयोग करते हुए पुलिस और जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा कराने की जिम्मेदारी निजी फर्म को दी थी, ताकि सुरक्षा और अन्य तरह की व्यवस्थाएं कंपनी की हों। नतीजतन पेपर आउट हो गया। परीक्षा रद्द करनी पड़ी। हाल ही हुई रीट परीक्षा में द्वितीय लेवल के रिजल्ट पर रोक लगाई हुई है। एक अभ्यर्थी ने पेपर सवा नौ बजे परीक्षा शुरू होने से पहले बाजार में आने का हवाला देते हुए कोर्ट की शरण ली। मामले में जांच चल रही है।
लगभग हर परीक्षा में नकलची पास
2012 थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती
इस भर्ती में ब्लूटूथ से नकल करवाने का मामला सामने आया था। इसी तरह वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा में जालोर, जयपुर व सिरोही में एक दर्जन परीक्षार्थी पकड़े गए। ये ब्लूटूथ से परीक्षा दे रहे थे।
2012 आरटेट
आरटेट के लिए 5 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इनमें से 4 लाख ने परीक्षा दी थी। गिरोह ने पेपर आउट कर दिया। आखिरकार आरटेट का पेपर भी रद्द करना पड़ा।
2013 कनिष्ठ लेखाकार व राजस्व लेखाकार
2 अगस्त 2013 को आयोजित हुई कनिष्ठ लेखाकार के 3497 व राजस्व लेखाकार के 279 पदों की भर्ती परीक्षा में भी ब्लूटूथ से नकल करते परीक्षार्थियों को पकड़ा था। परीक्षा के लिए 4 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इस परीक्षा में आरपीएससी ने प्रदेश के 11 अभ्यर्थियों को आगामी परीक्षाओं से भी बाहर कर दिया।
2013 प्री आरएएस
इस परीक्षा का पेपर 3-3 लाख रुपए में बिका था। पेपर लीक के मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। परीक्षा 26 अक्टूबर 2013 को हुई थी। 978 पदों के लिए 3 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी।
2013 खान विभाग
खान विभाग में 1000 कांस्टेबल के लिए भर्ती परीक्षा हुई। परीक्षा करवाने के बाद इसे रद्द कर दिया गया। यह परीक्षा 80 हजार अभ्यर्थियों ने दी थी।
2013 एलडीसी
7500 पदों के लिए एलडीसी भर्ती परीक्षा होनी थी, लेकिन रद्द हो गई। इससे लाखों युवाओं का भविष्य अधरझूल में लटक गया।
2015 जेल प्रहरी
यह परीक्षा 2015 में हुई। पेपर वाट्सएप पर आ गया। 925 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा को रद्द करना पड़ा। यह परीक्षा निजी कंपनी से करवाई गई थी। करीब 6 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। हालात यह हुए कि भर्ती परीक्षा लेने वाली कंपनी ने परीक्षा केंद्रों से सामान भी नहीं लिया और भुगतान भी नहीं किया। काफी समय तक कॉपियां भी केंद्रों पर ही पड़ी रही।
2015 जूनियर एकाउंटेंट
2015 में जूनियर एकाउंटेंट की परीक्षा हुई थी। प्रदेश में बड़े स्तर पर नकल करते अभ्यर्थी पकड़े गए।
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